झड़ते और सफेद बालों को तुरंत रोकती है जटामांसी औषधी, घर में भी उगा सकते हैं इसे

मौजूदा समय में हर तीसरा आदमी झड़ते और टूटते बालों से परेशान है। आजकल बाल झड़ने के साथ साथ बालों का सफेद होना भी एक बड़ी समस्या बन रही है। वैसे बाल झड़ने के कई बड़े कारण हैं। खराब खानपान, अनियमित लाइफस्टाइल और कैमिकल का प्रयोग बालों के पतन का सबसे बड़ा कारण है। अगर आपका यही लाइफस्टाइल रहेगा तो बालों की रिग्रोथ हो पाना बहुत मुश्किल है। जबकि यदि आप एक व्यवस्थित लाइफस्टाइल अपनाते हैं और औषधियों का प्रयोग करते हैं तो आपका अच्छे बालों का सपना पूरा हो सकता है। 
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झड़ते और सफेद बालों को तुरंत रोकती है जटामांसी औषधी, घर में भी उगा सकते हैं इसे

मौजूदा समय में हर तीसरा आदमी झड़ते और टूटते बालों से परेशान है। आजकल बाल झड़ने के साथ साथ बालों का सफेद होना भी एक बड़ी समस्या बन रही है। वैसे बाल झड़ने के कई बड़े कारण हैं। खराब खानपान, अनियमित लाइफस्टाइल और कैमिकल का प्रयोग बालों के पतन का सबसे बड़ा कारण है। अगर आपका यही लाइफस्टाइल रहेगा तो बालों की रिग्रोथ हो पाना बहुत मुश्किल है। जबकि यदि आप एक व्यवस्थित लाइफस्टाइल अपनाते हैं और औषधियों का प्रयोग करते हैं तो आपका अच्छे बालों का सपना पूरा हो सकता है। हालांकि मेडिकल साइंस अब इतना विकसित कर गया है कि गंजे सिर में भी स्टेम शेल थेरेपी से बाल उगाए जा रहे हैं। बालों का प्रत्यारोपण भी किया जा रहा है, लेकिन यह उपाय काफी महंगे हैं और यह सब जगह आसानी से उपलब्ध भी नहीं है। यदि आप अंदर से सेहतमंद हैं और बालों की उचित देखभाल कर रहे हैं तो हेयर रिग्रोथ निश्चित रुप से होगी। आज हम आपको अच्छे और सुंदर बालों के लिए कुछ टिप्स बता रहे हैं।

जटामांसी

इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल आयुर्वेद में हेयर ग्रोथ के दवा के रुप में किया जाता है। इसे आप कैप्सूल की तरह खा भी सकते हैं और इसे सीधे बालों की जड़ में लगा भी सकते हैं। जटामांसी की जड़ें इसका मुख्य औषधीय हिस्सा है। जटामांसी के पत्ते भी हर्बल और पारंपरिक चिकित्सा में उपयोग किए जाते हैं। दुर्गन्ध, शामक, रोगाणुरोधी और सूजन को कम करने वाले गुणों की वजह से इसको आवश्यक तेल के रूप में प्रयोग किया जाता है। जटामांसी औषधीय जड़ी- बूटी का इस्तेमाल तीक्ष्ण गंध वाला परफ्यूम और दवा बनाने के लिए भी किया जाता है। अगर आप चाहें तो इसे घर पर भी उगा सकते हैं।

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अरंडी का तेल

पहली बार इसे आजमाने वाले अरंडी के तेल में नारियल तेल, जैतून का तेल या फिर कोई ऐसा तेल मिला लें जो आसानी से अरंडी के तेल में मिल जाए। अरंडी का तेल थोड़ी मोटा और गाढ़ा होता है और इसे पतला बनाने के लिए अन्य तेलों को मिलाना जरुरी होता है। जब तेल तैयार हो जाए तो इससे बालों की जड़ों की मालिश करें। अरंडी के तेल की मालिश के साथ-साथ विटामिन बी7 या बायोटिन की गोलियां भी नियमित रुप से खाते रहेंगे तो 3 से 6 महीने के अंदर बेहतर नतीजे आएंगे। बालों का बढ़ना शुरु हो जाएगा। ध्यान रहे विटामिन बी7 की गोलियां ज्यादा नहीं खाएं। ओवरडोज से साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।

विटामिन ई थेरेपी

विटामिन बी7 के अलावां विटामिन ई भी बालों की वृद्धि में काफी पोषण देती है। पुरुष और स्त्री दोनों के बालों के पोषण के लिए विटामिन ई थेरेपी जरुरी है। यह बालों के झड़ने की बीमारी को भी रोकता है। विटामिन ई की गोलियां खाने या विटामिन ई युक्त तेल बालों की जड़ में लगाने से बालों की जड़ में रक्त संचार की गति तेज होती है और बाल फिर से ग्रोथ होने लगते हैं।

प्याज और लहसुन

प्याज और लहसुन में सल्फर की मात्रा पाई जाती है जो हेयर रिग्रोथ में काफी मदद करती है। इसके लिए कुछ ख़ास नहीं करना है, बस प्याज को काटकर जूस निकाल लेना है और इस जूस से बालों के जड़ की मालिश 15 मिनट तक करनी है।

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लहसुन और नारियल का तेल

दूसरी तरफ आपको कुछ लहसुन के दाने के जूस निकाल कर उसे नारियल तेल में मिला देना है। फिर उसे कुछ देर तक उबालना है। जब यह ठंढा हो जाए तो इससे बालों के जड़ की मालिश करनी है।

आयुर्वेदिक हेयर वाश

आधा किलो शिकाकाई, मेथी एक पाव, करी पत्ता, तुलसी पत्ता और रीठा 100 ग्राम लें। इस सभी को मिला कर बालों को धोने लायक शैंपू बनाएं। इससे बालों की कई परेशानी दूर होने के साथ बालों में वृद्धि भी होगी।

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