बाल अनेक कारणों से गिरते हैं तथा इनके गिरने के प्रकार भी अनेक होते हैं, जिन्हें एलोपेसिया भी कहा जाता है। आयु बढ़ने के साथ पुरूषों और महिलाओं दोनों में ही बालों की मोटाई और सघनता कम होती जाती है, बालों इस तरह पतला होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसे इन्वॉजल्यूशनल एलोपेसिया के नाम से जाना जाता है। ऐसा तब होता है जब सामान्य से अधिक मात्रा में बालों के रोमकूप रेस्टिंग फेज में होते हैं और ग्रोथ फेज कम होता है।
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एंड्रोजेनिक एलोपेसिया
बालों के समय से पहले गिरने की आनुवंशिक समस्या को एंड्रोजेनिक एलोपेसिया कहा जाता है, जिसे आमतौर पर पैटर्न बाल्डमनेस के रूप में जाना जाता है। पुरूषों और महिलाओं दोनों में ही बाल गिरने का यह एक सामान्य स्वूरूप है। लेकिन गंजेपन की शुरूआत होने का समय और प्रतिरूप (पैटर्न) लिंग के अनुसार अलग-अलग होते हैं। इस समस्या से परेशान पुरूषों में बाल गिरने की समस्या किशोर अवस्था से ही हो सकती है, जबकि महि लाओं में इस प्रकार बाल गिरने की समस्या 30 के बाद उत्पन्न, होती है। पुरूषों में इस समस्या को सामान्य रूप से मेल पैटर्न बाल्डानेस के नाम से जाना जाता है, जिसमें हेयरलाइन पीछे हटती जाती है और शीर्ष पर विरल हो जाती है।
महिलाओं में एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया को फीमेल पैटर्न बाल्ड नेस के नाम से भी जाना जाता है। इस समस्याज से पीड़ित महिलाओं में पूरे सिर के बाल कम हो जाते हैं लेकिन हेयरलाइन पीछे नहीं हटती। महिलाओं में एंड्रोजेनिक एलोपेसिया के कारण शायद ही कभी पूरी तरह गंजेपन की समस्या होती है।
स्पांट बाल्डनेस या एलोपेसिया एरिएटा
स्पांट बाल्डनेस या एलोपेसिया एरिएटा बच्चों और वयस्कों को एकाएक प्रभावित करती है और इसे एक ऑटोइम्यून डिजा़र्डर के रूप में जाना जाता है, जिसमें शरीर ही अपने बालों के रोमकूपों को खत्म करता है। ऐसे 90 प्रतिशत मामलों में, बाल कुछ वर्षों बाद फिर से उग आते हैं।
स्केवरिंग एलोपेसिया
एक अन्य प्रकार "साईकाट्रिसियल एलोपेसिया" या स्केवरिंग एलोपेसिया है जो जलन उत्पन्न करता है। यह जलन बालों के रोमकूपों को दागदार ऊतकों (स्केसर टिश्यू्ज) में बदल देती है और बालों को स्थायी नुकसान पहुंचाती है।
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टेलोजेन एफल्युजवियम
टेलोजेन एफल्युजवियम में बाल पतले होकर झड़ने लगते हैं (विरल हो जाते हैं), ऐसा फिजियोलॉजिक तनाव या हार्मोनल बदलावों के कारण होता है जो एक साथ टेलोजेन प्रवेश कराकर आपके बालों की भारी तादाद को नुकसान पहुंचाते हैं। इस प्रकार के गंजेपन के लिए डिलीवरी के बाद के पीरियड में होने वाले हार्मोनल बदलाव प्रमुख कारण हैं। इस प्रकार यह गंजापन महिलाओं में होने की संभावनाएं अधिक होती हैं।
ट्राईकोटिलोमेनिया
ट्राईकोटिलोमेनिया एक इम्परल्सर कंट्रोल डिसआर्डर है जिसमें किसी व्यक्ति में अपने बालों को अपने आप उखाड़ने की प्रवृत्ति पाई जाती है। यह समस्याल आमतौर से बच्चोंो में पाई जाती है और इसका उपचार किया जा सकता है।
पुरूषों में बालों का गिरना
पुरूषों में एक निश्चित समय पर गंजेपन में 95 फीसदी से अधिक योगदान पुरूषों में एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया के कारण होता है, जिसे मेल पैटर्न बाल्डनेस के नाम से भी जाना जाता है और जो आनुवंशिक है। बाल गिरने के अन्य कारणों में गंभीर बीमारियां, दवाओं के साइड-इफेक्ट, तनाव तथा अन्य कारण शामिल हैं।
मेल पैटर्न बाल्डनेस के कारण
मेल पैटर्न बाल्डनेस में टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन जो कि पुरूषों में अधिक मात्रा में मौजूद होता है और पुरूषों के प्रजनन अंगों की बढ़ोत्तररी और विकास के लिए जिम्मेदार होता है, यह 5-अल्फा रिडक्टेज नामक एक एंजाईम द्वारा डाईहाईड्रोटेस्टोरस्टेरोन में बदल जाता है। डीएचटी, जो कि टेस्टोटस्टेरोन का ही एक उत्पाद है यह बालों के रोमकूपों को संकुचित करते हुए उन पर विपरीत असर डालता है और वृद्धि को प्रभावित करता है। टेस्टोस्टेरोन का डाईहाईड्रोटेस्टोस्टेरोन में बदलना एक सामान्य प्रक्रिया है क्योंकि टेस्टोस्टेरोन को पूरी तरह असरदार बनाने के लिए शरीर को डीएचटी की ज़रूरत होती है। लेकिन कुछ खास वजहों से जब यह ज़्यादा मात्रा में बनने लगता है तो बाल झड़ने लगते हैं।
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