
ज्यादातर लोग ग्रीन टी को सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद मानते हैं। इसलिए वे दिन भर में कई बार ग्रीन टी की चुस्कियां लेते रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं ग्रीन टी का ज्यादा सेवन सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। कई बार अच्छी चीजों को ज्यादा सेवन सेहत बिगाड़ सकता है। दिन भर में पांच से छह कप ग्रीन टी का सेवन परेशानियों को कारण बन सकता है। ग्रीन टी में कैफीन होता है इसलिए इसे ज्यादा पीने से स्लीपींग डिस्आडर्र की समस्या हो सकती है। ग्रीन टी वजन कम करने में सहायक मानी जाती है इसलिए लोगों को लगता है कि ग्रीन टी के ज्यादा पीने से उनका वजन जल्द से जल्द कम हो जाएगा जो कि पूरी तरह से गलत है। ग्रीन टी के ज्यादा सेवन से शरीर पर होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानें।
कैफीन
ग्रीन टी में मौजूद कैफीन इससे होने वाले दुष्प्रभावों का कारण हो सकती है। हालांकि ग्रीन टी में ज्यादा मात्रा में कैफीन नहीं होता है लेकिन एक दिन में ज्यादा ग्रीन टी पीने से बैचेनी, हृदय गति में अनियमितता, अनिद्रा की समस्या, चिंता, चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण देखेने को मिल सकते हैं। वे लोग जो कैफीन की ज्यादा मात्रा के आदी नहीं होते हैं उनमें ये लक्षण जल्दी देखे जा सकते हैं। ग्रीन टी की मात्रा कम करके आप इन लक्षणों से बच सकते हैं।
पेट की गड़बड़ी
जब ग्रीन टी को ठीक तरह से गर्म पानी के साथ नहीं मिल पाती है तो पेट की समस्या हो सकती गै। ग्रीन टी बनाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि ग्रीन टी पानी बिल्कुल उबला हुआ नहीं होना चाहिए नहीं तो जब आप उस गर्म पानी में चाय डालते हैं तो इससे एसिडिटी हो सकती है जो कि पेट की गड़बड़ी व सीने में जलन का कारण बन सकती है।
आयरन की कमी
ग्रीन टी आयरन को अवशोषित करता है जिससे शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। इसलिए जो लोग एनिमीया के शिकार हैं उन्हें ग्रीन टी पीते समय सावधानी बरतनी चाहिए। इस प्रभाव से बचने के लिए आप चाहें तो खाने के बीच में ग्रीन टी ले सकते हैं या उसमें नींबू मिलाकर भी पी सकते हैं।
एलर्जी
कुछ लोगों में ग्रीन टी ज्यादा पीने के कारण कुछ एलर्जी के लक्षण देखे जा सकते हैं। ये लक्षण कुछ इस प्रकार के हो सकते हैं जैसे सांस लेने में तलीफ, चेहरे, होंठ व जीभ में सूजन आना।
गर्भावस्था में
ग्रीन टी में कैफीन व टैनिक एसिड पाया जाता है जो गर्भावस्था में नुकसानदेह हो सकता है । इसलिए गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में महिलाओं को ग्रीन टी पीने से बचना चाहिए क्योंकि इसे होने वाले शिशु को न्यूरल ट्यूब( मस्तिष्क व रीढ की हड्डी में) जन्म दोष होने की संभावना रहती है।
गुर्दे की पथरी
ग्रीन टी में ऑक्सेलिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो गुर्दे में पथरी का कारण हो सकता है। कैल्शियम, यूरिक एसिड व एमिनो एसिड काइस्टीन के साथ फॉस्फेट व ऑक्सेलिक एसिड के साथ संयोजन से गुर्दे की पथरी की समस्या होती है।
जो लोग किडनी की समस्या, हृदय रोग, मनोवैज्ञानिक समस्या, व पेट में अल्सर की समस्या से ग्रसित हैं उन्हें ग्रीन टी पीने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रीन टी का ज्यादा सेवन शरीर को फायदा पहुंचाने की जगह नुकसान पहुंचा जा सकता है।
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