गर्भधारण के बाद मां को खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। खान-पान से ही मां का स्वास्थ्य ठीक रहेगा और हेल्दी बच्चा भी पैदा होगा। गर्भावस्था की पहली तिमाही में अगर महिला पौष्टिक आहार का सेवन करे तो गर्भावस्था की जटिलतायें कम होंगी और गर्भपात होने की संभावना नही रहेगी।
गर्भावस्था की पहली तिमाही गर्भस्थ शिशु और मां दोनों के लिए बहुत जरूरी होती है। इस दौरान महिला को अपने आहार में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स को शामिल करना चाहिए।महिला का आहार ऐसा आहार लेना चाहिए जिसमें पर्याप्त मात्रा में आयरन और फोलिक एसिड हो। खाने में ताजे फल, दाल, चावल, हरी सब्जियां, रोटी आदि खाना चाहिए।
गर्भवती महिला को रोजाना 2500-300 कैलोरी की जरूरत होती है। 10 प्रतिशत प्रोटीन से, 35 प्रतिशत वसा यानी तेल, घी और मक्खन से तथा 55 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट से आना चाहिए। आइए हम आपको बताते हैं कि पहली तिमाही में आपका आहार कैसा होना चाहिए।
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही और आहार
पालक
पालक खाने से खून की कमी नही होती है। पालक खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है। यह फोलिक अम्ल की कमी दूर करता है। पालक के नियमित सेवन से याद्दाश्त भी मजबूत होती है। इसमें मौजूद फ्लेवनोइड्स एंटीआक्सीडेंट का काम करता हैं और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इसके अलावा यह दिल की बीमारियों को कम करता है। पालक आंखों के लिए भी फायदेमंद है यह त्वचा को रूखा होने से बचाता है।
दालें
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में विभिन किस्म की दालों का सेवन करना चाहिए। दालों में पाए जाने वाले विटामिन, फाइबर, आयरन, मिनरल आदि जैसे तत्व गर्भवती महिला और भ्रूण के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
खट्टे फल
खट्टे फलों में फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो गर्भावस्था की जटिलताओं को कम करता है। खट्टे फल जैसे संतरा, मौसमी, कीनू, माल्टा, आंवला आदि का सेवन प्रेग्नेंसी के पहले ट्राइमेस्टर में अधिक करना चाहिए। इनमें विटामिन सी, कोलाजन और फाइबर भी होता है। खट्टे फल खाने से अपच की समस्या भी नही होती है।
नट्स
गर्भावस्था के शुरूआत में महिला को 60 ग्राम अतिरिक्त प्रोटीन की जरूरत होती है। इसकी पूर्ति के लिए नियमित रूप से मुट्ठीभर सूखे मेवे खाने चाहिए। किशमिश, खजूर, अखरोट, बादाम का सेवन पहली तिमाही में शुरू कर दीजिए।
डेयरी उत्पाद
इसमें कैल्सियम और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो हड्डियों और मांसपेशियों के विकास में सहायक है। गर्भावस्था की पहली तिमाही में दही, पनीर, बटर आदि का सेवन करना चाहिए।
दूध
गर्भधारण करने के बाद आयरन की बहुत जरूरत होती है उसकी पूर्ति के लिए सुबह-शाम दूध पीना न भूलें। दूध में कैल्सियम, विटामिन, प्रोटीन, पोटैशियम होता है। यह हड्डियों को मजबूत बनाता है।
अंडा
अंडे में प्रोटीन के अलावा कैल्सियम और विटामिन डी भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो हड्डियों और मांसपेशियों के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए सुबह के नाश्ते में अंडे को शामिल कर सकते हैं।
गर्भवती महिला को वजन बढ़ने की चिंता नहीं करना चाहिए और खानपर विशेष ध्यान देना चाहिए। खाने में ब्रोक्कोली, बीन्स, लंबी भिंडी, दलिया, साबुत अनाज खाने में शामिल कीजिए। पहली तिमाही में गहरे हरे रंग की सब्जियां जरूर खाइए। नियमित रूप से चेकअप करायें।
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