रोगमुक्त रखता है फ्लैक्स सीड

फ्लैक्स सीड यानी अलसी के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें लिगानैन तत्व पाया जाता है, जो एक प्रकार का फाइटोएस्ट्रोजेन एंटीऑक्सीडेंट होता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
रोगमुक्त रखता है फ्लैक्स सीड

फ्लैक्स सीड यानी अलसी के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें लिगानैन तत्व पाया जाता है, जो एक प्रकार का फाइटोएस्ट्रोजेन एंटीऑक्सीडेंट होता है। अलसी में फाइबर बहुत होता है, जो डायबिटीज और हृदय संबंधी रोगों से दूर रखने में मदद करता है। फ्लैक्स सीड में राई, व्हीट जर्म, ज्वार आदि से भी अधिक फाइटो न्यूट्रीएंट होते हैं, जो कैंसर से दूर रखने में सहायक होते हैं। खस तौर पर ब्रेस्ट कैंसर को रोकने में यह विशेष योगदान देते हैं। चलिये विस्तार से अलसी के फायदों के बारे में जानते हैं।

 

Flax Seed Benefits

 

 

अलसी एक छोटा सा बीज होता है जिसका स्वाद नट्स की तरह होता है। इतिहास में जाने से हमें पता चलता है कि इजिपशियन लोग अलसी का प्रयोग खाने के रूप में करते थे और कई अव्यवस्थाओं का इलाज करने के लिये भी अलसी एक पारंपरिक दवाई की तरह प्रयोग की जाती थी। क्योंकि अलसी में ओमेगा 3 फैटी ऐसिड्स होते हैं, तो यह त्वचा और बालों के लिये तो अच्छा होता ही है साथ ही हमारे शरीर के सेल्स को जारणकारी और पर्यावरण संबंधी खतरों से बचाता है।

 

 

हृदय के लिए फायदेमंद

डाइटीशियन इति भल्ला के अनुसार इसमें विटमिन बी1, बी 2, सी और ई पाया जाता है। अलसी हृदय संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा दिलाने में सहायक होती है। इसमें मौजूद ओमेगा 6 और ओमेगा 3 फैटी एसिड से कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है। साथ ही ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। 1/4 कप अलसी में 20 ग्राम फाइबर होता है। हृदय और कैंसर संबंधी रोगों से बचने के लिए शरीर को प्रतिदिन 25-30 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है।

 

Flax Seed Benefits

 

 

मस्तिष्क के लिए लाभकारी

गर्भवती स्त्रियां फ्लैक्स सीड ऑयल को अपनी डाइट में शामिल करके इसका लाभ उठा सकती हैं। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व ब्रेन टिश्यू के लिए लाभदायक हैं। विशेष रूप से जब बच्चे के मस्तिष्क का विकास हो रहा हो।

 

 

नियंत्रित करता है शुगर लेवल  

फ्लैक्स सीड शुगर लेवल को कम करने के साथ ही यह मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाता है।

 

 

  1.     30 ग्राम फ्लैक्स सीड एक दिन में लिया जा सकता है। लेकिन इसका प्रयोग करते समय पानी खूब पीना चाहिए। इसके 2-3 ग्राम आटे को रोटी के आटे के  साथ मिलाकर खा सकते हैं।
  2.     अलसी को भून कर पीसकर चीनी और घी के साथ मिला कर लड्डू बनाकर भी खाया जा सकता है। आर्थराइटिस में यह लड्डू प्रतिदिन खाने से काफी लाभ मिलता है।

 

 

अलसी में भरपूर रूप में ओमेगा 3 फैटी ऐसिड होते हैं, ध्यान रखें कि इनमें फैट भी काफी होता है, तो इसकी संतुलित मात्रा का ही सेवन करें। एक छोटा चम्मच (5 ग्राम) अलसी आपको लगभग 3 ग्राम फैट देता है। यही कारण है कि लोग सोचते हैं कि ज़्यादा अलसी खाने से उन्हे कम समय में लाभ होगा। लेकिन वास्तविकता में ऐसा नहीं है, आपको मात्रा को ध्यान में रख कर ही इसका सेवन करना चाहिये।

 

 

क्या है संतुलित मात्रा

प्रतिदिन अलसी का एक बड़ा चम्मच काफी होता है। लेकिन इसके ऊपर जाने से केवल कैलोरीज़ की ही खपत होती है। आपको अपनी डाइट में जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए बल्कि धीरे-धीरे ही ऐसे खाद्य पदार्थों को जाइट मे शुमार करना चाहिये। ऐसे खाद्य पदार्थों का असर कुछ समय बीतने पर ही पता चलता है ना कि एक रात में। यदि आप किसी तरह के अक्रम से गुज़र रहे हों, जिसमें अलसी या इस प्रकार के फैट्स लेना उचित ना हो तो आपको इसे डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिये।

 

 

Read More Articles On Diet & Nutrition in Hindi.

Read Next

रोज चाकलेट का चस्का हड्डियों को दे सकता है झटका

Disclaimer