प्रोस्टेट कैंसर प्रत्येक 6 में एक आदमी को होता है और कैंसर के कारण होने वाली मौतों में इसका दूसरा स्थान है। प्रोस्टेट को स्वस्थ रखने और प्रोस्टेट कैंसर से बचाव के लिए जरूरी है आप नियमित पीएसए जांच करायें।
अप्रैल 2013 में अमेरिकन कॉलेज ऑफ फिजिशियन ने प्रोस्टेट कैंसर से बचाव के लिए नई गाइडलाइन जारी की, इसका उद्देश्य कैंसर की स्क्रीनिंग के दौरान इससे होने वाले साइड-इफेक्ट (इसमें इरेक्टाइल डिसफंक्शन, नपुंसकता शामिल हैं) से बचाव करना था।
कुछ लोग तो शरम की वजह से प्रोस्टेट की समस्या को छुपाते हैं, लेकिन इससे समस्या और भी गंभीर होती है। इसलिए प्रोस्टेट को स्वस्थ रखने के लिए कुछ तरीकों का का पालन करें।
नियमित पीएसए जांच
समय-समय पर पीएसए जांच कराना बहुत अच्छा तरीका है। यदि प्रोस्टेट कैंसर का पता शुरूआती अवस्था में हो जाये तो इसका उपचार आसानी से हो सकता है। इसके लिए नियमित पीएसए ब्लड टेस्ट करायें। 1990 के दशक में शुरू हुई जांच की इस प्रक्रिया के बाद से प्रोस्टेट कैंसर के कारण होने वाली मौतों की संख्या कम हुई। अगर प्रोस्टेट ग्रंथि में असामान्य वृद्धि या संक्रमण हो तो पीएसए जांच करायें। परिणाम पॉजिटिव आने पर चिकित्सक प्रोस्टेट की बॉयोप्सी की अनुशंसा करते हैं।
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खानपान में ध्यान रखें
आहार के कारण भी प्रोस्टेट की समस्या हो सकती है, इसलिए खानपान पर विशेष ध्यान दें। बहुत अधिक रेड या नॉनऑर्गेनिक मांस खाने से बचें। कैल्सियम के पूरक आहार भी न लें, इसके अलावा अधिक तला हुआ न खायें। बाजार में डिब्बाबंद आहार खाने से परहेज करें, क्योंकि टीन के डब्बे की परत में एक सिंथेटिक एस्ट्रोजन बीस्फेनॉल-ए (बीपीए) पाया जाता है जो प्रोस्टेट के लिए नुकसानदेह है।
कैफीन और शराब
बहुत अधिक कैफीन और शराब का सेवन करने से प्रोस्टेट ग्रंथि को नुकसान होता है। दरअसल कैफीन के सेवन से ब्लैडर में जलन होती है, और यह प्रोस्टेट की स्थिति को बिगाड़ सकता है। शराब के अधिक सेवन से पेशाब का उत्पादन अधिक होता है और यूरीन डिस्चार्ज करते वक्त जलन भी होती है। शराब पीने से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ अंदर जाता है और इसके कारण संवेदनशील प्रोस्टेट पर दबाव बनता है।
ऐसे जगह से बचाव करें
कई ऐसे जगह हैं जहां जाना आपके प्रोस्टेट के लिए खतरनाक हो सकता है। कारखानों से निकलने वाले केमिकल और टॉक्सिंस प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। एन्वायर्नमेंटल कैंसर रिस्क की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि, ऐसी जगह रहने वालों को प्रोस्टेट कैंसर का खतरा अधिक होता है। इसलिए ऐसी जगह जाने से बचें जहां के वातावरण में केमिकल हो।
व्यायाम बहुत जरूरी
नियमि व्यायाम करने से आप फिट रहते हैं साथ ही कई खतरनाक बीमारियों से बचाव भी होता है, उसमें से एक है प्रोस्टेट कैंसर। एक्सरसाइज करने से प्रोस्टेट स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया, सेन फ्रांसिस्को द्वारा कराये गए एक शोध में यह पता चला कि अधिक व्यायाम करने से प्रोस्टेट कैंसर को बढ़ने को रोका जा सकता है। दूसरे रिसर्च से पता चला है कि शारीरिक गतिविधि से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा 19 प्रतिशत तक कम हो जाता है। इसके आलावा यदि आपको प्रोस्टेट कैंसर है तो व्यायाम करने से उसके उपचार में भी फायदा होता है।
प्रोस्टेट कैंसर की जानकारी होने पर इसके उपचार के लिए, सर्जरी, कीमोग्रॉफी और हामोनल थेरेपी का सहारा लिया जाता है। प्रोस्टेट ग्रंथि को स्वस्थ रखने के स्वस्थ दिनचर्या का पालन करें।
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