वर्तमान में लोगों की जीवनशैली पूरी तरह से बदल गई, लोग फिटनेस और खानपान पर ध्यान देने की बजाय करियर पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। अनियमित दिनचर्या के कारण बीमारियों शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, और बीमारियों के होने का खतरा भी बना रहता है। फिट होने का मतलब यह नहीं है कि आप बीमारियों से मुक्त हैं। हकीकत तो यह है कि कई बीमारियां ऐसी हैं जो दबे पावं आती हैं। इन बीमारियों के लक्षण तब दिखते हैं जब यह काफी हद तक फैल चुकी होती हैं। आप उम्र के किसी भी पड़ाव पर हों बीमारियों के फैलने की संभावना होती ही है। इसलिए पुरुषों के लिए बहुत जरूरी यह है कि कुछ महत्वपूर्ण जांचों को हमेशा कराते रहें। इस लेख में जानिए उन जांच के बारे में जिसे हर पुरुष को कराना चाहिए।
शुगर की जांच
आजकल की लाइफस्टाइल के कारण शुगर का बढ़ना आम है। यदि शरीर में शुगर का स्तर बढ़ जाये तो मधुमेह की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए शुगर के स्तर की जांच अवश्य करायें। शुगर टेस्ट ब्लड में शुगर का स्तर जांचने के लिए किया जाता है। हाई ब्लड शुगर का मतलब है कि व्यक्ति डायबिटीज का मरीज है, जबकि लो ब्लड शुगर के लिए भी उपचार की जरूरत पड़ती है। एक अनुमान की मानें तो सन् 2025 तक भारत डायबिटीज रोगियों की विश्व राजधानी बन जाएगा। यह टेस्ट किडनी रोगों को पहचानने में भी मदद करता है। पुरुषों को साल में एक बार यह जांच कराना चाहिए।
हीमोग्लोबिन की जांच
हीमोग्लोबिन की जांच को कंपलीट ब्लड टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार की सामान्य खून की जांच है, जिससे खून में लाल रक्त कणिकाओं की मात्रा को जांचा जाता है। लाल रक्त कणिकाओं यानी रेड सेल्स में ही हीमोग्लोबिन होता है, जिसके जरिये शरीर के दूसरे हिस्सों में आक्सीजन का प्रवाह होता है। यदि आपके आहार में आयरन की कम है तो शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की कमी हो जाती है। इसके कारण एनीमिया हो सकता है। इसलिए हीमोग्लोबिन की जांच अवश्य करायें।
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कोलेस्ट्रॉल की जांच
कोलेस्ट्रॉल की जांच करने के लिए लिपिड टेस्ट किया जाता है। काडियोवस्कुलर बीमारियों के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार कोलेस्ट्रॉल ही होता है। इस टेस्ट से खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को जांचा जाता है। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारियों का कारण बनता है। कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के जीवनशैली के साथ, तनाव, धूम्रपान, स्मोकिंग सबसे अधिक जिम्मेदार है। इसलिए साल में एक बार कोलेस्ट्रॉल की जांच अवश्य करायें।
थाइरॉयड की जांच
थॉयराइड को साइलेंट किलर माना जाता है, यह बीमारी चुपके से व्यक्ति को अपना शिकार बना लेती है। थॉयराइड ग्रंथि हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण इंडोक्राइन ग्रंथि है। थायराइड की जांच के लिए खून का नमूना लिया जाता है। इसके जरिए थाइराइड ग्रंथि के कार्यविधि की जांच की जाती है। थाइरायड ग्रंथि गले में पायी जाती है जो थाइरोक्सिन नामक हार्मोन का निर्माण करता है, यह शरीर में होने वाले बदलावों को नियमित करती है। इसकी वजह से मोटापा, बाल झड़ने की समस्या हो सकती है। थायराइड फंक्शन की जांच साल में एक बार अवश्य करायें।
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ब्लड प्रेशर की जांच
ब्लडड प्रेशर यानी रक्तचाप कभी भी कम ज्यादा हो सकता है। पहले ब्लड प्रेशर की शिकायत 40 के बाद होती थी, लेकिन वर्तमान में यह समस्या युवाओं और बच्चों में भी होने लगी है। ब्लड प्रेशर को हाइपरटेंशन भी कहते हैं। यदि ब्लड प्रेशर हाई है तो इसका मतलब यह नहीं कि आप हाइपरटेंशन में हैं। इसे सामान्य रखने के लिए नियमित व्यायाम करना चाहिए।
दांतों की जांच
जन्म लेने के 6 महीने बाद से लेकर दांतों की नियमित जांच करानी चाहिए। यदि दांतों की देखभाल अच्छे से न की जाये तो कई रोग हो सकते हैं। कैविटी और दांतों की अन्य बीमारियों की जांच के लिए भी टूथ टेस्ट किया जाता है। दांतों में संक्रमण के कारण जिंजिवाइटिस, पायरिया जैसी समस्या हो सकती है। इसलिए दांतों की नियमित जांच करायें।
इसके अलावा पुरुषों को कुछ अन्य जांच जैसे - लीवर फंक्शन टेस्ट, चेस्ट एक्स-रे, एब्डोमिनल सोनोग्राफी, टीएमटी (ट्रेडमिलटेस्ट), यूरिन व कम्पलीट हीमोग्राम, बोनमेरो डेन्सिटी (बीएमडी), सरवाइकल पेप स्मीअर, आद जांच समय-समय पर कराते रहें।
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