क्या होते हैं स्टेरॉयड्स, क्यों इन्हें क्रीम्स में डाला जाता है? इस पर हमसे डॉ. जसदीप कौर, कंसल्टेंट डर्मटालजिस्ट, वीपीएस रॉकलैंड अस्पताल, दिल्ली और मानेसर ने खास बीतचीत की और स्टेरॉयड्स के दुरुपयोग और नुकसानों के बारे में भी बताया।
प्रश्न 1: स्टेरॉयड का त्वचाविज्ञान/डर्मटालजी में उपयोग:
यह डर्मटालजी में सबसे उपयोगी दवा है, लेकिन इसे कब, कितना और कितने समय तक इस्तेमाल करना है, यह पता होना बेहद ज़रूरी है। दो तरह के स्टेरॉयड्स होते हैं- टॉपिकल और सिस्टमेटिक। दोनों ही बीमारियों से लड़ने के लिए यूज़ होते हैं, जैसे- दाद, खाज, खुजली, फुन्सी, ड्राय स्कैल्प, बैंगनी रंग में उभरी हुई स्किन रैश आदि।
प्रश्न 2: लोग सौंदर्य बढ़ाने के लिए कॉस्मेटिक्स, फेयरनेस क्रीम्स और अन्य क्रीम्स के ज़रिए स्टेरॉयड्स का दुरुपयोग कर रहे हैं? क्या यह युवाओं के बीच एक चलन बन गया है ?
स्किन कलर को बेहतर बनाने की कोशिश में ये दवाएं युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रही हैं।
इसका कारण है सोशल प्रेशर, जहां गोरे रंग को सफलता की टिकट माना जाता है, निजी ज़िंदगी में खुश रहने की वजह माना जाता है। स्टेरॉयड्स का दुरुपयोग मुंहासे, फंगल इंफेक्शन और स्किन से जुड़ी कई समस्याओं के लिए किया जा रहा है, क्योंकि इनमें ब्लीचिंग और एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ होती हैं, जो रंग को साफ करती हैं। हालांकि, बिना डॉक्टर से सम्पर्क करे ऐसी क्रीम्स का इस्तेमाल नुकसानदायक भी हो सकता है। परेशानी की बात तो यह है कि हमारे देश में ऐसी दवाईयां और क्रीम्स आसानी से दुकानों पर मिल जाती हैं।
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प्रश्न 3: क्या बिना प्रिस्क्रिप्शन केमिस्ट से स्टेरॉयड्स खरीदना खतरनाक हो सकता है?
स्टेरॉयड्स एक ऐसी दवा है जो केवल चिकित्सक के पर्चे के साथ ही दी जानी चाहिए। कॉकटेल क्रीम वाले स्टेरॉयड (स्टेरॉयड + एंटीबायोटिक + एंटी फ़ंगल) का अंधाधुंध इस्तेमाल आसानी से इन दवाओं के मिलने के चलते है। ऐसे में उन रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है जिनकी बॉडी फंगल इंफेक्शंस से लड़ नहीं पाती है। स्टेरॉयड एक शराब की तरह है, एक बार जब लत लग जाए, तो इसे वापस लेना बहुत कठिन होता है। इसके ज़्यादा लंबे इस्तेमाल से कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
प्रश्न 4: स्टेरॉयड्स का लंबे समय तक इस्तेमाल होने पर क्या प्रभाव होते हैं?
स्टेरॉयड्स के दुष्प्रभाव:
•त्वचा टाइट नहीं रहती
•मुंहासे नज़र आते हैं
•चेहरे पर बाल आने लगते हैं
•स्ट्रेच मार्क्स नज़र आते हैं
•सूरज की रोशनी बर्दाश्त नहीं होती
•स्किन रेड होने लगती है
•स्किन इंफेक्शंस होने के चांस ज़्यादा हो जाते हैं
•स्किन एलर्जी के चांस भी ज़्यादा हो जाते हैं
•उम्र से बड़े लगते हैं
•क्रीम पर निर्भरता हो जाती है
•स्किन डिज़ीज़ हो सकती है
बच्चों में इसका इस्तेमाल भी कई साइड इफेक्ट्स पैदा कर सकता है।
प्रश्न 5: इस विशेष मुद्दे पर कोई आंकड़ें या मामले का अध्ययन?
दवाईआं आसानी से उपलब्ध होने के चलते इसका तेज़ी से दुरुपयोग हो रहा है। सामाजिक मीडिया कार्यक्रम और चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम के माध्यम से आम जनता को इसके बारे में शिक्षित किया जा सकता है।
कई अध्ययन भी हुए हैं, जिनमें सामने आया कि 2013 में 1400 / - करोड़ रुपए के स्टेरॉयड्स की बिक्री हुई है। यह समस्या तभी हल हो सकती है जब सरकार इसकी बिना प्रिस्क्रिप्शन की बिक्री पर रोकथाम के लिए निर्देश निकालेगी।
प्रश्न 6: यदि आप स्टेरॉयड आधारित क्रीम या उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं, तो ये कुछ बातें ज़रूर ध्यान रखें
* त्वचा रोग विशेषज्ञ के पर्चे के बिना कोई स्टेरॉयड का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए
* त्वचा के उस हिस्से पर स्टेरॉयड्स न लगाएं जहां खुला घाव हो।
* चेहरे, गर्दन या बच्चों की त्वचा पर इसे न लगाएं।
* उपयोग करने से पहले और बाद में अपने हाथ धोएं
* आंखों और मुंह से संपर्क से बचें
* अपने त्वचा विशेषज्ञ के कहने पर ही इसे इस्तेमाल करें
* डॉक्टर जितना कहे, उतना ही उपयोग करें
* नए स्किन रैश के लिए पुराने पर्चे में लिखी दवाई न दोहराएं
* रिश्तेदारों और दोस्तों को अगर आपके जैसी स्किन डिज़ीज हुई है, तो उन्हें अपने पर्चे से दवाई न बताएं।
* जब भी ज़रूरत हो, अपने विशेषज्ञ से मिलें।
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