
आजकल युवाओं को लगातार कई घंटों तक कंप्यूटर पर काम करना पड़ता है जिसके कारण आंखों की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। इसके अलावा धूल-मिट्टी और गंदगी से आंखों का बचाव ना करने पर भी कई समस्याएं पैदा होने लगी हैं।
हमारी आंखे अनमोल है। बिना आंखों के हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। यानी आंखें न हों तो इस खूबसूरत दुनिया को हम देख नहीं सकते, प्रकृति के खूबसूरत नजारों का आनन्द नहीं उठा सकते। फिर भी हम अपनी जीवनशैली में लापरवाही के कारण अपनी आंखों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। फोन, टैबलेट और कंप्यूटर का लगातार इस्तेमाल हमारी आंखों को नुकसान पहुंचा रहा है। आंखों में होने वाली किसी भी तरह की समस्या को नजरअंदाज करना हमारे लिए नुकसानदेह हो सकता है।
दिखाई देने में समस्या
क्या आपको कुछ पढ़ने में कठिनाई हो रही है या सड़क पर बने निशान और दूरी को देखने में समस्या आ रही है? तो यह संकेत हो सकता है कि आपकी आंखों की रोशनी कम हो रही है। इन संकेतों के बारे में अपने घर में या दोस्तों को बताएं। इसके अलावा अपनी आंखों की जांच जरूर करवाएं। अगर आपने इन संकेतों को नजरअंदाज किया तो यह समस्या ठीक होने की बजाय और बढ़ती जाएगी जिससे आपकी आंखों की रोशनी कम हो सकती है।
धुधंला दिखना
अगर आपको अपने आसपास वस्तुएं या लोग साफ दिखाई नहीं दे रहे हैं तो यह एक गंभीर समस्या है। यह समस्या आंखों के लिए नुकसानदेह होने के साथ आपके मस्तिष्क, उच्च रक्तचाप के लिए भी खतरनाक है। ऐसे संकेत दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपंर्क करें और इसके कारणों के बारे में जानकर उचित उपचार लें।
ड्राई आई सिंड्रोम
आंखों में सूखापन यानी आई ड्राई की समस्या। ड्राई आई का मतलब वैसी आंख से है, जिसमें आंसू ग्रंथियां पर्याप्त आंसू का निर्माण नहीं कर पातीं। यह समस्या सर्दी के मौसम में ज्यादा होती है। यह बीमारी कनेक्टिव टिशू के डिसऑर्डर होने से होती है। समस्या अधिक होने की स्थिति में आंख की सतह को नुकसान पहुंच सकता है और इसके परिणामस्वरूप अंधेपन की समस्या भी हो सकती है।
कंप्यूटर विजन सिंड्रोम
तेजी से बढ़ रही है यह तकलीफ और सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं बच्चे और युवा। कम रोशनी में पढ़ना और देर तक बिना ब्रेक के कंप्यूटर और लैपटॉप पर समय बिताने की आदतें इस समस्या के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार हैं। कंप्यूटर पर काम करते समय बीच में ब्रेक लेना बहु जरूरी है। इससे आंखों को आराम मिलता है। इसके अलावा कंप्यूटर स्क्रीन पर लगातार देखने की बजाय अपनी पलकों को झपकाते रहें।
स्टाई
आंखें की पलकों में पाए जाने वाले ग्लैंड में संक्रमण होने पर सूजन आ जाती है। इसी सूजन को आंख की फुंसी के रूप में जाना जाता है। यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। फिर भी जो लोग आंखों को रगड़ते हैं, जिनकी पलकों में रूसी हो या जिनकी नजर कमजोर हो, उन्हें ज्यादा तंग करती है। इसमें आंख में दर्द होना, पानी आना, चौंध लगना व पलकों पर सूजन आना सामान्य लक्षण हैं।
आंखों में खुजली या चुभन
आंखों में खुजली या फिर चुभन का सीधे रूप से डॉक्टरी पहलू यह होता है कि आंखें सूख जाती हैं, जिससे उनकी ल्यूब्रिकेट करने की क्षमता प्रभावित होती है। लेकिन यह समस्या पिंक आई स्टेन के कारक एडिनो 8 वायरस की वजह से भी हो सकती है, जिसमें केवल आंखों की प्यूटिरायड ग्रंन्थि ही नहीं, बल्कि ग्लूकोमा भी प्रभावित होता है।
आंखों की इन समस्याओं को नजरअंदाज करना आपके लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए जब भी इन समस्याएं के लक्षण दिखें तो डॉक्टर से तुरंत संपंर्क करें।