Tips to Increase Milk Supply: ब्रेस्टफीडिंग में रिलैक्टेशन (Relactation) एक प्रक्रिया है जिसकी मदद से एक मां, जिसने पहले ब्रेस्टफीडिंग बंद कर दिया था या जिसने पहले कभी स्तनपान का अनुभव नहीं किया था, वह ब्रेस्टफीडिंग की प्रक्रिया को दोबारा शुरू करती है। यह प्रक्रिया कई कारणों से की जा सकती है, जैसे कि किसी बीमारी, काम के कारण या किसी अन्य कारण से स्तनपान बंद हो गया हो। हालांकि रिलैक्टेशन के दौरान मां को शुरुआत में थोड़ी समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन इन समस्याओं को कुछ आसान टिप्स की मदद से दूर किया जा सकता है। 1 से 7 अगस्त तक दुनिया भर में ब्रेस्टफीडिंग अवेयरनेस वीक मनाया जाता है, ताकि शिशु और मां के लिए स्तनपान की जरूरत के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके।ओनलीमायहेल्थ भी इसी कड़ी में अपना योगदान कर रहा है। तो चलिए जानते हैं रिलैक्टेशन के दौरान मिल्क सप्लाई को बढ़ाने के कुछ आसान टिप्स के बारे में। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने Dr Tanima Singhal, Lactation Expert, Ma-Si Care Clinic, Lucknow से बात की।
1. लैक्टेशन एक्सपर्ट की मदद लें- Consult Lactation Expert
डॉ तनिमा सिंघल ने बताया कि नए माता-पिता को अक्सर यह पता नहीं होता कि मिल्क सप्लाई कम क्यों हो गई है, कई मांओं को , तो इस बात की भी जानकारी नहीं होती कि स्तनपान बंद कर देने के बाद, फिर से शुरू किया जा सकता है। जानकारी की कमी के कारण शिशु को पोषक तत्व नहीं मिल पाते। अगर आप स्तनपान के दौरान, परेशानी महसूस कर रही हैं, तो तुरंत लैक्टेशन एक्सपर्ट से संपर्क करें और स्तनपान से संबंधित समस्या को दूर करें।
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2. बेबी के साथ स्किन-टू-स्किन कॉन्टेक्ट बनाएं- Skin to Skin Contact With Baby
मिल्क सप्लाई को बढ़ाने के लिए शिशु के साथ स्किन-टू-स्किन कॉन्टेक्ट बनाना जरूरी है। अच्छा मूड, मां और शिशु के बीच एक सकारात्मक संबंध को बढ़ावा देता है। यह शिशु के सही ढंग से स्तनपान करने में मदद करता है और मिल्क प्रोडक्शन को बेहतर बनाए रखता है और इस तरह शिशु आराम से स्तनपान कर पाता है।
3. मूड को अच्छा रखें- Lift Up Your Mood
रिलैक्टेशन के दौरान, अक्सर मांएं तनाव में आ जाती हैं। इससे मिल्क सप्लाई पर बुरा असर पड़ता है और शिशु को ब्रेस्टफीड कराना मुश्किल हो सकता है। तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसे मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं शरीर में कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन के लेवल को बढ़ा सकती हैं, जो मिल्क सप्लाई को कम कर देता है।
4. सेल्फ केयर टिप्स अपनाएं- Self Care Tips
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान, मां के लिए खुद की देखभाल (सेल्फ केयर) बहुत जरूरी है, क्योंकि इसका सीधा असर मिल्क प्रोडक्शन और शिशु की सेहत पर पड़ता है। खुद की ग्रूमिंग पर गौर करें, इससे आप अच्छा महसूस करेंगी और शिशु को स्तनपान करवा पाएंगी। डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें या शॉर्ट वॉक पर जाएं। कोई हॉबी क्लॉस भी ज्वॉइन कर सकती हैं, ताकि आपका मन लगा रहे और स्तनपान की प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।
5. प्रोटीन रिच डाइट लें- Eat Protein Rich Diet
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान, मिल्क सप्लाई बढ़ाने के लिए प्रोटीन युक्त आहार का सेवन जरूरी होता है क्योंकि इससे मिल्क सप्लाई में मदद मिलती है। साथ ही, दूध में पर्याप्त प्रोटीन होने से शिशु के लिए पोषण बढ़ता है, जिससे उसकी ग्रोथ में मदद मिलती है। प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत में मदद करता है। स्तनपान के दौरान, मां का शरीर अतिरिक्त एनर्जी खर्च करता है। प्रोटीन युक्त आहार शरीर को जरूरी एनर्जी देता है और थकान को कम करता है। पनीर, दही, टोफू, बादाम, अखरोट आदि को डाइट में शामिल करें।
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