फिटनेस अच्छी हो तो हमें किसी काम को करने के लिये कमाल का साहस मिलता है और मनोबल मजबूत रहता है। खासतौर पर किसी एथलीट के लिये फिटनेस के बहुत मायने होते हैं। उनकी अच्छी फिटनेस ही उनके बेहतर प्रदर्शन को सुनिश्चित करती है। यही कारण है कि खिलाड़ियों की फिटनेस को इतनी तरजीह दी जाती है और उसके बारे में बात भी की जाती है, लेकिन एक इंजरी भी खिलाड़ी के पूरे खेल और प्रदर्शन को खराब कर देती है। ऐसी ही एक इंजरी है, कोहनी का अल्नर कोलेट्रल स्प्रेन (Ulnar Collateral Sprain)। साधारण भाषा में कहें तो कोहनी में होने वाली एक प्रकार की मोच। हालांकि इसे कुछ एक्सरसाइज कर ठीक किया जा सकता है। चलिये जानते हैं कोहनी के आलनर कोलेट्रल स्प्रेन क्या है और इसे ठीक करने व इससे बचाव के लिये कौंन सी एक्सरसाइज करनी चाहिये -
क्या है आलनर कोलेट्रल स्नायुबंधन (ulnar collateral ligament)
हड्डियों को मांसपेशियों से जोड़ने वाले स्नायु तथा हड्डियों को आपस में जोड़ने वाले स्नायुबंधन (लिगामेंट्स) किसी एक घटना से भी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। बार-बार इस तरह की मामूली चोटें इन्हें काफी गंभीर बना सकती हैं। आलनर कोलेट्रल स्नायुबंधन (ulnar collateral ligament) ऐसा ही एक स्नायुबंध है, जो कोहनी में होता है और इसमें अक्सर मोच आ जाती है। कई बड़े खिलाड़ियों ने इस इंजरी का सामना किया है। हालांकि कुछ एक्सरसाइज कर हम कोहनी की इस नस, ऊतकों व बंधों को मजबूत बना सकते हैं, व चोट से बचाव व चोट लगने की स्थिति में इसे ठीक करने में मदद ले सकते हैं।
आलनर में आनी वाली मोच (Ulnar Sprains)
स्प्रेन अर्थात मोच हड्डियों को आपस में जोड़ने वाले स्नायुबंध की चोट को कहा जाता है। यदि चोट अचानक तेज तनाव पड़ने के कारण लगे तो, इसे बड़ी चोट कहा जाता है। यदि बार-बार चोट लगने से यह काफी समय तक रहे तो इसे क्रोनिक कहा जाता है। अचानक कोहनी पर तेज़ झटका या तनाव पड़ना आलनर कोलेट्रल स्नायुबंधन में तीव्र मोच का एक आम कारण है। ये अ चानक गिर जानें की वजग से भी हो सकता है।
वे एथलीट जो बांह उठाकर ज्यादा काम करते हैं (जैसे क्रिकेट गेंदबाज़, टेनिस खिलाड़ी, तैराक, बेसबॉल पिचर, डिस्कस थ्रो फैंकने वाले व बेडमिंटन खिलाड़ी आदि), को इस बंध में क्रोनिक (तीव्र) मोच होने का खतरा अधिक होता है। बेस बॉल पिचर को अकसर 'टॉमी जॉन' (Tommy John) सर्जरी की जरूरत पड़ती है, जिसमें इन स्नायुबंध की मरम्मत की जाती है।
इसके लिये स्ट्रेचिंग एक्सरसाइ
एक्सराइज - 1
अपने साथ में कोई कोई मध्यम वज़न की चीज़ जैसे, हथौड़ा या पानी की बोतल लेकर लें और हाथ को सामने ऐसे सीधा करें कि आपकी हथेलियां छट की ओर रहें। अब कोहनी को अंद की तरफ मोड़ें और धीरे से हाथ को वापस सामने की तरफ सीधा कर दें। 15-15 के दो सैट लगाएं। धीरे-धीरे हाथ में पकड़ने वाली चीज़ का वज़न बढ़ाते जाएं।
एक्सरसाइज - 2
अपने साथ में कोई कोई मध्यम वज़न की चीज़ जैसे, हथौड़ा या पानी की बोतल लेकर लें और हाथ को सामने ऐसे सीधा करें कि आपकी हथेलियां समानान्तर हों। अब कोहनी को छाती की तरफ मोड़ें, जैसे की आप वज़न को अपने दिल पर छुला रहे हैं, और धीरे से हाथ को वापस सामने की तरफ सीधा कर लें। 15-15 के दो सैट लगाएं। धीरे-धीरे हाथ में पकड़ने वाली वस्तु का वज़न बढ़ाते जाएं।
एक्सरसाइज - 3
इस एक्सरसाइज में हाथ की पकड़ (ग्रिप) को मजबूत बनाया जाता है। इसमें हाथ में एक रबर बॉल को लेकर इसे लगभग पांच सेकंड के लिये दबाए रखना होता है। इसके 15-15 के दो सैट करने चाहिये।
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