कैंसर शरीर के किसी भी भाग में ऊतकों की असमान्य रूप से बढ़त कैंसर हो सकता है। इस बीमारी को कई श्रेणियों में रखा जा सकता है। ये श्रेणियां शरीर के भाग के अनुसार निर्धारित की जाती हैं।
कैंसर के पाछे कई कारण हैं, जिनमें से लाइफ स्टाइल में हो रहे बदलाव और युवाओं में तेजी से बढ़ती नशे की लत कुछ प्रमुख कारण हैं। तेजी से बढ़ते कैंसर रोगियों कि संख्या एक गंभीर विषय है। बीएमआई का अधिक होना, खाने में फल और सब्जियों का सेवन कम होना, फिजिकल वर्कआउट का कम होने व शराब और तम्बाकू का सेवन भी इसके कारण हैं। तेजी से बढ़ती कैंसर रोगियों की संख्या को देखते हुए वल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने भी माना है कि 2030 तक कैंसर से होने वाली मृत्यु की संख्या 13.1 मिलियन होगी। वहीं दूसरी ओर कैंसर विशेषज्ञ मानते हैं कि अर्ली डिटेक्शन के मदद से 65 फीसदी रोगियों को कैंसर से बचाया जा सकता है।
कैंसर के उपचार व इसका पता लगाने के लिए सबसे पहले बायोप्सी की जाती है। इसमें कैंसर का छोटा सा हिस्सा निकाला जाता है और फिर उसका परीक्षण किया जाता है। अगर गांठा छोटी हो तो पूरी गांठा निकाल ली जाती है और अगर वह बड़ी हो तो कुछ हिस्सा ही परीक्षण के लिए निकाला जाता है। कैंसर का पता लगाने के बाद जो इलाज किया जाता है, उसमें कीमोथैरेपी प्रमुख है। हालांकी इसके इलाज के कई तरीके और चरण होते हैं, फिर भी कैंसर को परास्त कर चुके शत प्रतिशत लोगों में असीम शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रवाह प्रमुख होता है।
क्या है ऊर्जा चिकित्सा
यदि हम यह समझना चाहते हैं कि कैंसर जैसे गंभीर रोगी भी कैसे ठीक हों और कैसे दोबारा स्वस्थ जीवन जीने लगें, तो सबसे पहले हमें ऊर्जा के बारे में जानना होगा। एक व्यक्ति के मृत शरीर और जीवित व्यक्ति के बीच फर्क सिर्फ ऊर्जा का होता है। विशषज्ञों के अनुसार ऊर्जा एक अदृष्य शक्ति है जो न तो नष्ट हो सकती है और न बनाई जा सकती है, यह सिर्फ या तो प्रवाहित हो सकती है।
ऊर्जा उपचार (बायो एनर्जेटिक्स)
बायो एनर्जेटिक्स, वैकल्पिक चिकित्सा के क्षेत्र में एक उन्नत प्रक्रिया है। यह न सिर्फ एक वैकल्पिक चिकित्सा है बल्कि एक महत्वपूर्ण और आवश्यक दवा भी है। इसे एनर्जी ट्रीटमेंट के नाम से जाना जाता है। इसे प्रणाली को आधुनिक विज्ञान के उन्नत विषय क्षेत्रों जैसे आण्विक जीव विज्ञान, क्वांटम भौतिकी, तरंग दैध्र्य के अनुनाद और थीएरी ऑफ डिससिपेटिव स्ट्रक्चर से लिया गया है। ऊर्जा चिकित्सा और बायो एनर्जेटिक्स के विशेषज्ञों के मुताबिक, एनर्जी ट्रीटमेंट शरीर की जीवन ऊर्जा को स्कैन करता है, उसे ठीक प्रकार से मापता है और इस जीवन ऊर्जा के प्रवाह में आ रही रुकावटों व कमियों को ढूंढकर प्राकृतिक जड़ीबूटी और चिकित्सकीय वस्तुओं की मदद से दूर कर देता है।
दरअसल 'जीवन ऊर्जा विद्युत चुंबकीय तरंग दैध्र्य के रूप में उतसर्जित होती है। ऊर्जा उपचार में क्वांटम भौतिकी तकनीक से निकल रही ऊर्जा की कमियों के बारे में जानकारी की जाती है। फिर इस जानकारी से शरीर के ऊर्जा क्षेत्र की गड़बड़ी के मूल कारणों और विकारों का पता लगाया जाता है। एनर्जी ट्रीटमेंट में रंगों का भी इस्तेमाल होता है।
रेकी उपचार
रेकी का अर्थ है सार्वभौमिक शक्ति, रेकी एक प्रकार की उर्जा चिकित्सा प्रणाली है। रेकी के माध्यम से शरीर, दिमाग या फिर आत्मा, किसी भी स्तर पर इलाज किया जा सकता है। रेकी विशेषज्ञों के अनुसार इस पद्धती में पहले शक्ति को ग्रहण करया जाता है और फिर उसे हथेली के जरिए रोगी में प्रवाहित किया जाता है। अगर कोई व्यक्ति अपने शारीरिक कंपन को बढ़ाने में सफल रहता है तो उसे ब्रह्मांडीय ऊर्जा मिलने लगती है, जिसे दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवाहित किया जा सकता है।
रेकी विशेषज्ञों के अनुसार रेकी सकारात्मक सोच को बढ़ावा देती है, यह आत्मविश्वास को मजबूत करती है और आंतरिक ऊर्जा को सक्रिय करती है। इसकी मदद से रोगी के अंदर अध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है। इसमें प्रकृति और ब्रह्मांडीय ऊर्जा से रोगी को जोड़ा जाता है।
योग और व्यायाम भी कैंसर रोग में मददगार साबित हो सकता है। हालांकि व्यायाम से महज शरीर पुष्ट होता है, लेकिन मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक उपचार के लिए एकमात्र रास्ता योग ही है। हालांकि साइंस और डॉक्टर इस इलाज के तरीके से बिल्कुल सहमत नहीं हैं।
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