सर्दियों में गुड़ को औषधी कहा गया है। आयुर्वेद में भी कहा गया है कि गुड़ का सेवन शरीर के लिए अमृत समान होता है। इससे न सिर्फ पाचन क्रिया दुरुस्त होती है बल्कि कई रोगों से भी छुटकारा मिलता है। गुड़ को पचाने में बहुत कम मात्रा में ऊर्जा खर्च होती है। यदि गुड़ को पचाने मे 100 कैलोरी ऊर्जा लगती है तो चीनी को पचाने में 500 कैलोरी खर्च होती है। जिन लोगों को सीने में जलन, कब्ज या पेट में गैस बनने जैसी दिक्कतें हैं उनके लिए खाली पेट गुड़ का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। सिर्फ यही नहीं गुड़ से फ्लू, गले की खराश और जलन में भी राहत मिलती है। सिर्फ पेट ही नहीं गुड़ के सेवन से त्वचा को भी कई तरह के लाभ होते हैं। गुड़ खून से हानिकारक टॉक्सिरन्स को भी बाहर निकालता है। आइए जानते हैं क्या है गुड़ के लाभ।
गुड़ खाने के लाभ
- गुड़ गन्ने से तैयार एक शुद्ध, अपरिष्कृत पूरी चीनी है। यह खनिज और विटामिन है जो मूल रूप से गन्ने के रस में ही मौजूद हैं। गुड़ को चीनी का शुद्धतम रूप माना जाता है। गुड़ आयरन का एक प्रमुख स्रोत है और रक्ताल्पता (एनीमिया) के शिकार व्यक्ति को चीनी के स्थान पर इसके सेवन की सलाह दी जाती है।

- गुड़ का सेवन अधिकांश लोग ठंड में ही करते हैं वह भी थोड़ी मात्रा में इस सोच के साथ की ज्यादा गुड़ खाने से नुकसान होता है। इसकी प्रवृति गर्म होती है, लेकिन ये एक गलतफहमी है गुड़ हर मौसम में खाया जा सकता है और पुराना गुड़ हमेशा औषधि के रूप में काम करता है। आयुर्वेद संहिता के अनुसार यह शीघ्र पचने वाला, खून बढ़ाने वाला व भूख बढ़ाने वाला होता है। इसके अतिरिक्त गुड़ से बनी चीजों के खाने से बीमारियों में राहत मिलती है।
- जिन महिलाओं या लड़कियों को पीरियड्स के दौरान दर्द होता है, उनके लिए गुड़ का सेवन काफी फायदेमंद होता है। गुड़ आपके पाचन को सही रखता है। इसलिए पीरियड्स के दौरान गुड़ खाएं। इससे आपको दर्द कम होगा।
- अगर आप जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो गुड़ आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। गुड़ में मौजूद कैल्शियम के साथ फास्फोरस हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक माना जाता है। इसके अलावा नियमित रूप से गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक का सेवन करने से सर्दियों में जोड़ों के दर्द की समस्या नहीं होती।
- गुड़ आपकी त्वचा के लिए भी बहुत अच्छा होता है। यह आपकी त्वचा को स्वस्थ और आकर्षक बनाने में मदद करता है। गुड़ ब्लड से खराब टॉक्सिन को दूर करने में मदद करता है। जिससे आपकी त्वचा दमकने लगती है और मुहांसे की समस्या भी नहीं होती है।
- गुड़ की तासीर गर्म होने के कारण इसके सेवन से जुकाम और कफ में आराम मिलता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जुकाम के दौर कच्चा गुड़ नहीं खाना चाहिए इसे आप चाय में या इसके लड्डू बनाकर इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा गले में खराश के कारण आवाज बैठ जाने की समस्या होने पर दो काली मिर्च, 50 ग्राम गुड़ के साथ खाने से यह दूर हो जाती है।

- अस्थमा से ग्रस्त लोगों को भी गुड़ खाने की सलाह दी जाती है। गुड़ शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और इसमें एंटी एलर्जिक गुणों के कारण इसका सेवन अस्थमा के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद रहता है।
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