
डायबिटीज़ होने के कई कारण होते हैं, जैसे अनुवांशिक, अनियमित जीवन शैली, अधिक धूम्रपान या शराब का सेवन आदि। डायबिटीज का पूरी तरह इलाज संभव नहीं, लेकिन नियमित खानपान व व्यायाम की मदद से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ प्राकृतिक नुस्खों की मदद से भी डायबिटीज के लक्षणों को कम किया जा सकता है। ऐसा ही एक प्राकृतिक तरीका है बेल के पत्तों का सेवन। बेल के पत्तों के इस्तेमाल से डायबिटीज को कम किया जा सकता है। चलिये जानें कैसे-
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बेल के शरबत के गुणों के बारे में तो आपने सुना ही होगा। लेकिन इसक फल ही नहीं बल्कि पत्ते भी बेहद गुणकारी होते हैं और डाइबिटीज़ को नियंत्रत कर सकते हैं। बेल का पेड़ भारत के सभी प्रांतों में आसानी में पाया जा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार इसे दशमूला में भी शामिल किया गया है। बेल बुखार, कब्ज़ और आंखों से संबंधित समस्याओं के इलाज में भी असरदार रूप में काम करता है।
डायबिटीज में कैसे काम करेते हैं बेल के पत्ते
बेल के पत्तों में एन्टी डाइबिटीक गुण होता है जोकि कई अध्ययनों में प्रमाणित भी हो चुके हैं। बेल के पत्तों का रस ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल कर सकता है। ये एक लो ग्लिसेमिक इंडेक्स वाला हर्ब है और डाइबिटीज़ में बहुत कारगार रूप में काम करता है। ये पत्ते पैनक्रियाज़ से इन्सुलिन के उत्पादन में मदद करते हैं जोकि ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायता करता है।
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कैसे करें बेल के पत्तों को इस्तेमाल
आप रोज़ाना सुबह खाली पेट 4 से 5 बेल के पत्ते चबाकर खा सकते हैं। लेकिन अच्छे परिणामों के लिये इनका सेवन लंबे समय तक करना होता है। अगर आप पत्तों को चबा कर नहीं खा पा रहे हैं तो इन पत्तों को थोड़े पानी में ब्लेंड कर लें और इस जूस में एक चुटकी काली मिर्च भी मिला सकते हैं। इसके अलावा बेल के पत्ते के साथ तुलसी के पत्तों को भी चबाया जा सकता है। सुबह खाली पेट इन दोनों पत्तों को चबाने से भी कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल होचा है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान बेल के पत्ते का सेवन न करें।
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