पौरूषशक्ति बढ़ाने के लिए रोजाना खाएं गाजर!

गाजर बॉडी को डिटॉक्‍स करता है। यानी कि शरीर से गंदे पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। अल्सर जैसी खतरनाक बीमारी में भी गाजर फायदेमंद है। कमजोरी से अगर आपको चक्कर आते हों तो गाजर खाना आपके लिए संजीवनी बूटी का काम करेगा।
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पौरूषशक्ति बढ़ाने के लिए रोजाना खाएं गाजर!


गाजर औषधीय गुणों का खजाना है। यह हमारे शरीर को कई तरीके से फायदा पहुंचाते हैं, चिकित्सकों के मुताबिक गाजर की तासीर गर्म और तर होने के कारण यह पेशाब लाने, कफ निकालने, दिमाग को बल देने, वीर्यवर्धक होने के साथ ही मन को प्रशन्‍न रखता है। गाजर को कच्चा, उबालकर या फिर इसका जूस पी सकते हैं। गाजर शरीर को मजबूती प्रदान करता है। गाजर बॉडी को डिटॉक्‍स करता है। यानी कि शरीर से गंदे पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। अल्सर जैसी खतरनाक बीमारी में भी गाजर फायदेमंद है। कमजोरी से अगर आपको चक्कर आते हों तो गाजर खाना आपके लिए संजीवनी बूटी का काम करेगा।

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carrot

गाजर खाने के अन्‍य फायदे

गाजर में विटामिन-ई प्रचुर मात्रा में होता है। इसमें एक विशेष गुण यह रहता है कि इसके सेवन से नवीन रक्त का निर्माण जल्‍दी और प्रचुर मात्रा में होता रहता है। इसलिए इसे प्रकृति द्वारा प्राप्‍त एक उत्‍तम टॉनिक का कार्य भी करता है। रक्त में कैंसर के कोष विकसित नहीं हो पाते। गाजर के जूस का कुछ दिनों तक सेवन करते रहने से खांसी, दमा, पेशाब की जलन तथा पथरी से पीड़ित व्यक्तियों को लाभ मिलता है। गाजर के पाक तथा मुरब्बे का सेवन करने से शरीर मजबूत बनता है।

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आयुर्वेद के अनुसार 'गाजर'

भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में गाजर को यौन शक्तिवर्धक टॉनिक माना जाता है। गाजर और मूली के रस को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर नियमित पीते रहने से लिंग की दुर्बलता दूर होने के साथ यौन शक्ति में अत्यन्त लाभ होता है। दुबले एवं शुक्र दौर्बल्य से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह प्रकृति प्रदत्त बेहतरीन तोहफा है। ऐसे व्यक्तियों को गाजर का पाक या खीर कुछ दिनों के लिए लगातार सेवन करना चाहिए। शहद में तैयार किया गया गाजर का मुरब्बा अत्यंत कामोत्तेजक होता है।


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बच्‍चों के लिए है लाभकारी

बच्चों के दांत निकलने के समय गाजर के रस को पिलाते रहने से दांत आसानी से निकल जाते हैं तथा दूध भी उचित रूप से हजम होने लगता है। बच्चा जब चलने के लायक हो जाए तो उसे गाजर और संतरे का रस मिलाकर देने से वह ताकतवर बनकर जल्‍दी चलने लगता है। गाजर के रस का पान हमेशा दोपहर में ही करना अत्यधिक लाभप्रद होता है। हमेशा ताजा गाजरों का ही रसपान करना चाहिए। रसपान के तुरन्त बाद या पहले भोजन नहीं करना चाहिए।

 

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Image Source: Getty

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