क्या वायरस महिलाओं से ज्यादा पुरुषों पर करते हैं हमला? जानिए सच

माना जाता है अक्सर वायरल महिलाओं की तुलना में पुरुषों पर अधिक हमला करते हैं। कुछ वायरस ऐसे हैं जो महिलाओं की तुलना में पुरुषों पर अधिक हमला करते हैं, इनके बारे में जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।
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क्या वायरस महिलाओं से ज्यादा पुरुषों पर करते हैं हमला? जानिए सच

पुरुषों का शरीर मजबूत होता है और महिलाओं का शरीर नाजुक होता है। ऐसे में यह भी माना जाता है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को बीमारियां अधिक होती हैं। लेकिन सच इससे अलग है और सच यह है कि कुछ खतरनाक वायरस महिलाओं की तुलना में पुरुषों पर अधिक हमला करते हैं। इस लेख में जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों है।


वायरस पुरुषों के प्रति होते हैं अधिक हमलावर

वायरस महिलाओं की तुलना में पुरुषों पर अधिक हमला करते हैं, ब्रिटेन में हुए एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है। ब्रिटेन की रॉयल हॉलोवे यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किये गये शोध की मानें तो बीमारियां फैलाने वाले वायरस महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। वायरस के हमले के प्रति पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा सुरक्षित होती हैं।

 

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कौन से हैं ये वायरस

ह्यूमन पैपिलोमा वायरस यानी एचपीवी के कारण महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कैंसर होने का खतरा पांच गुना अधिक रहता है। एप्सटीन-बार वायरस से पीड़ित पुरुषों में हॉडकिंस लिंफोमा (यह एक तरह का कैंसर है) होने का खतरा महिलाओं की तुलना में दोगुना रहता है।


ऐसा क्यों होता है

ब्रिटेन में हुए इस शोध में यह भी जानने की कोशिश की गई है कि आखिर ऐसा क्यों होता है और वायरस किस तरह लिंग भेद करते हैं। दरअसल ये वायरस बचपन में ही हो जाते हैं। ज्यादातर मामलों में यह देखा गया है कि ये गर्भावस्था, बच्चे के जन्म और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक धरती पर मौजूद सभी जीवों का मकसद अपनी नस्ल को आगे बढ़ाना होता है और वायरस पर भी यही नियम लागू होता है।


वायरस खुद को बचाते हैं

विज्ञान की मानें तो वायरस खुद को बचाने की कोशिश भी करते हैं, इसमें महिलायें उनकी मदद अधिक करती हैं। क्योंकि पुरुषों की तुलना में महिलायें इन वायरस को अधिक नुकसान नहीं पहुंचाती हैं इसलिए वे भी महिलाओं को अधिक नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।

ब्लड कैंसर का कारण बनने वाला एक वायरस जिसे ह्यूमन टी-सेल लिंफोटिक वायरस टाइप-1 या एचटीएलवी-1 कहते हैं, जापान में पुरुषों को अधिक नुकसान पहुंचाता है। लेकिन यही वायरस कैरेबियन द्वीपों पर पुरुष और महिला दोनों को एक समान रूप से प्रभावित करता है। जापान में महिलाएं कैरेबियन आईलैंड के मुकाबले ज्यादा स्तनपान कराती हैं, इसलिए ऐसा होता है।


वायरस कैसे करते हैं महिला-पुरुष में भेद

यह सवाल आपके मन में भी हो रहा होगा कि आखिर ये वायरस पुरुषों और महिलाओं में किस तरह से भेद करते हैं। सवाल आसान है, चूंकि महिलाओं के शरीर के हॉर्मोंस अलग-अलग होते हैं, इस कारण ही वायरस यह पता लगा लेते हैं कौन पुरुष है और कौन महिला। हालांकि इस बारे में अभी पूरी तरह निष्कर्ष नहीं निकल पाया है, इसे लेकर शोध जारी है।

 

Image source: Hosk's Dynamic CRM Blog&James Erich

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