पैरों में होने वाली किसी भी प्रकार की समस्या आपके पूरे शरीर को प्रभावित करती है। पैरों में दर्द या मोच को लोग अक्सर बिना किसी इलाज के यूं ही छोड़ देते हैं जो कि आगे चलकर गंभीर समस्या पैदा कर सकता है। अगर पैरों में हुई कोई समस्या एक या दो दिन में ठीक नहीं हो रही है तो डॉक्टर से संपंर्क कर सही चिकित्सा जरूर लें।
बहुत से लोग ऐसे हैं जो पैरों से जुड़ी दिक्कतों को लेकर डाक्टर के पास जाने की सोचते तक नहीं। लेकिन अमेरिकी विशेषज्ञों का मानना है कि पैरों से जुड़ी पांच ऐसी दिक्कतें हैं, जिन्हें कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए-
एड़ी का दर्द
यह प्राय: ऊतकों में सूजन और जलन के कारण होता है। लेकिन हड्डी का टूटना, स्नायुओं का सख्त हो जाना, शिराओं का दबना या कुछ और गंभीर कारण भी हो सकते हैं।
टखनों में मोच
यह कभी भी खतरनाक रूप ले सकती है। इसके मद्देनजर तत्काल चिकित्सकीय सहायता की जरूरत होती है। अन्यथा बार-बार मोच की शिकायत से जूझना पड़ सकता है। टखने में अस्थिरता की लाइलाज बीमारी का शिकार हो सकते हैं।
अंगूठे का सख्त होना और दर्द
आम तौर पर यह बढ़ती उम्र की मुश्किल होती है। जोड़ के कार्टिलेज कमजोर पड़ते जाते हैं। धीरे-धीरे गठिया का शिकार हो जाते हैं। अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो इसका इलाज संभव नहीं रह जाता।
एशिलेस टेंडोनाइटिस
पैर के पिछले हिस्से या एड़ी में दर्द। दबाव बर्दाश्त से बाहर हो जाना। यह एकबारगी शारीरिक गतिविधियों के बढ़ जाने के कारण होता है। इसमें एशिलेस स्नायु के फट जाने का खतरा होता है।
अंगूठों के नाखूनों का अंदर बढ़ना
अंगूठों के नाखून अंदर ही अंदर बढ़कर जब त्वचा के भीतर घुस जाते हैं, तब इनके जरिए शरीर में जीवाणुओं के प्रवेश का खतरा बढ़ जाता है। 'बाथरूम सर्जरी' के जरिए इसके इलाज की कोशिश खतरनाक साबित हो सकती है। इसलिए इसके इलाज के लिए डाक्टर के पास जाना ही सुरक्षित रहेगा।
पैरों में दर्द
पैरों में दर्द वेस्कुलर बीमारी के कारण भी हो सकती है। इसमे पैरों की धमनियों में रुकावट पैदा हो सकती है। धमनियों में वसा जमने के कारण वे संकरी हो जाती हैं, जिससे रक्त की आपूर्ति में बाधा आती है और दर्द तथा दूसरी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। मधुमेह और अधिक धूम्रपान करने वालों को विशेष सतर्कता की जरूरत है।