हम सबके भीतर कहीं न कहीं 'बॉडी बनाने' की ख्वाहिश होती है। यह बात भी सच है कि कम ही लोग उसके लिए जरूरी मेहनत करते हैं। ऐसे लोग जानते हैं कि बॉडी बिल्डिंग किसी साधना की तरह है और इसमें लंबे समय तक एक निश्चित जीवनशैली अपनानी पड़ती है। इसके लिए न केवल कड़ी मेहनत ही करने की जरूरत होती है बल्कि साथ ही साथ आपको अपने आहार का भी खास खयाल रखना पड़ता है। हमारा शरीर किसी गाड़ी की तरह हैं इसमें जिस प्रकार का ईंधन डालेंगे यह उसी प्रकार कार्य करेगा।
बात जब मसल-बिल्डिंग की हो तो लोग अकसर कार्बोहाइड्रेट की भूमिका को नजरअंदाज कर देते हैं। बॉडी बिल्डिंग करने वाले अकसर यही मानते हैं कि प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण में बेहद महत्वपूर्ण होता है और इसलिए वे उसका अधिक सेवन करते हैं। और इसी के चलते कार्बोहाइड्रेट का हाशिेये पर रख दिया जाता है। लेकिन, हम यह भूल जाते हैं कि बॉडी बिल्डिंग के लिए इसकी भी अहम भूमिका होती है। पोषक तत्व के रूप में कार्बोहाइड्रेट के साथ ही बहुत सारा फाइबर, विटामिन और मिनरल पाने के लिए आपको अलग-अलग खाद्य पदार्थों का सेवन करने की जरूरत नहीं। एक केले से ही आपको सभी जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं।
सुबह सुबह केला
दिन की अच्छी शुरुआत के लिए नाश्ते में केले का सेवन करें। रात के खाने और नाश्ते के बीच क्योंकि आप कुछ नहीं खाते इसलिए आपकी मांसपेशियों में ग्लाइकोजेन का स्तर कम हो जाता है। नाश्ते में केला खाने से आप इस तत्व के स्तर को सामान्य बनाये रख सकते हैं। इससे मांसपेशियों में होने वाली टूटन से बचा जा सकता है। ग्लाकोजेन शरीर की ऊर्जा का मुख्य स्रोत होता है। इसका स्तर सामान्य रहने से शरीर ऊर्जा के लिए मांसपेशियों में उपलब्ध प्रोटीन का उपयोग नहीं करता।
कैलोरी बढ़ाना
मांसपेशियों के निर्माण के लिए जरूरी है कि आप कैलोरी का सही उपभोग करें। यानी आप जितनी कैलोरी खर्च कर रहे हैं सेवन की जाने वाली कैलोरी की मात्रा उससे अधिक हो। आखिर यही केलोरी मोंसपेशीय उत्तकों के निर्माण, विकास और मरम्मत में उपयोग होती है। एक बड़़े केले में 120 कैलोरी तक हो सकती हैं। केले को या तो आप सीधा खा सकते हैं अथवा इसका उपयोग शेक और स्मूथी के रूप में भी किया जा सकता है। केले में किसी भी अन्य फल जैसे, स्ट्रॉबैरी, अंगूर, तरबूज आदि की अपेक्षा अधिक कैलोरी होती हैं। इसकी यही खूबी इसे मांसपेशियों के लिए बेहतरीन आहार बनाती है।
पोटेशियम से भरपूर
मांसपेशियां बनाने के लिए कैलोरी, प्रोटीन, कार्ब और वसा को आहार योजना का पहला और महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। लेकिन इसके साथ ही आपको विटामिन और मिनरल को भी नहीं भूलना चाहिये। सामान्य आकार के एक केले में हमारी रोज की पोटेशियम आवश्यकता का 10 फीसदी हिस्सा होता है। जहां तक मांसपेशियां बनाने की बात है , तो इस पूरी प्रक्रिया में पोटेशियम की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। मांसपेशियों को सही रूप से आकार लेने में शरीर में पोटेशियम और सोडियम का उच्च अनुपात होना जरूरी है। एक शोध में यह बात कही गयी कि पोटेशियम की कम मात्रा के कारण मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है। इसके कारण थकान और अकड़न की शिकायत भी आ सकती है। कुल मिलाकर ये सारी समस्यायें कहीं न कहीं मांसपेशियों के निर्माण में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं।
वर्कआउट के बाद परफेक्ट आहार
केला मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट है। केले में करीब 31 ग्राम तक कार्बोहाइड्रेट होता है। कार्बोहाइड्रेट वर्कआउट के बाद आपके लिए परफेक्ट आहार हो सकता है। केला ग्लाइकोजेन के स्तर को बढ़ाता है और प्रोटीन को मांसपेशियों तक पहुंचने में मदद करता है। ऑस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स के मुताबिक वर्कआउट सेशन के 30 मिनट के भीतर आपको अपने वजन के प्रति किलो के लिए एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना चाहिये। इंस्टीट्यूट का कहना है कि केला आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। केलों का सेवन प्रोटीन स्रोत के लिए किया जाना चाहिये। जैसे लीन मीट, प्रोटीन शेक अथवा स्किम मिल्क।
काम की बात
क्या आपको मालूम है कि पके केले में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है। इसके साथ ही वे अधिक मीठे भी हो जाते हैं क्योंकि उसमें मौजूद स्टार्च साधारण शर्करा में बदल जाती है। इसके साथ ही अगर आप ऑयल या बटर का सेवन नहीं करना चाहते हैं तो मीठे की कुछ रेसेपीज में केले का उपयोग किया जा सकता है।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version