
काफी लोग होली पर भांग पीना पसंद करते हैं। वे इसे मस्ती के लिए पीते हैं, लेकिन अकसर वे इस बात को भूल जाते हैं कि भांग का सेवन हमारी मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। जानिये कैसे-कैसे बुरे असर डालती है भांग।
त्योहारों के जश्न को दोगुना करने के लिए भांग का सेवन आम हो गया है। लोग मौज-मस्ती और हुडदंग को बढाने के लिए भांग का प्रयोग करते हैं। जब भांग का नशा चढता है तो बूढे जवान और बच्चे सब पर होली और शिवरात्रि का शुरूर चढ़ जाता है। नशे के लिए भांग का सेवन भारत में पहले से होता आया है लेकिन शिवरात्रि और होली के समय इसका महत्व बढ जाता है और यह लोगों की पहली पसंद बन जाता है। लोग इसका प्रयोग मिठाई और ठंडई में करते हैं। लेकिन भांग के सेवन से साइड इफेक्ट होता है और इसका असर दिमाग पर पडता है। भांग का सेवन करने वालों में यूफोरिया, एंजाइटी, याददाश्त का असंतुलित होना, साइकोमोटर परफार्मेंस जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
भांग के सेवन से नुकसान
- जब भांग की पत्तियों को चिलम में डालकर इससे धूम्रपान किया जाता है तो इसके रासायनिक यौगिक तीव्रता से खून में प्रवेश करते हैं और सीधे दिमाग और शरीर के अन्य भागों में पहुंच जाते हैं।
- इनमें से अधिकांश रिसेप्टर्स मस्तिष्क के उन हिस्सों में पाए जाते हैं जो कि खुशी, स्मृति, सोच, एकाग्रता, संवेदना और समय की धारणा को प्रभावित करते हैं।
- भांग के रासायनिक यौगिक आंख, कान, त्वचा और पेट को प्रभावित करते हैं।
- 10 में से 1 भांग का सेवन करने वाले व्यक्ति को अप्रिय अनुभव हो सकते हैं, जिसमें भ्रम, मतिभ्रम, चिंता और भय शामिल हैं।
- भांग के सेवन के बाद एक ही व्याक्ति को अपने मन की स्थितियों या परिस्थितियों के अनुसार प्रिय या अप्रिय प्रभाव महसूस हो सकते हैं।
- यह भावनाएं आमतौर पर अस्थायी होती हैं क्योंकि भांग शरीर में कुछ हफ्तों के लिए रह सकती है इसलिए इसका प्रभाव ज्यादा समय के लिए हो सकता है जिसका एहसास भांग का सेवन करने वाले को नहीं होता है।
- छात्रों द्वारा प्रयोग करने पर पढाई के दौरान ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत महसूस होती है।
- काम के दौरान भांग का सेवन करने से दिन में सपने देखने की संभावना ज्यादा होती है जिससे कामकाज पर प्रभाव पडता है।
- भांग के नियमित उपयोग से साइकोटिक एपिसोड या सीजोफ्रेनिया (मनोभाजन) होने का खतरा दोगुना हो सकता है।
- यदि कोई व्यक्ति 15 वर्ष से भांग का सेवन करने लगता है तो उसमें मानसिक विकार होने की संभावना 4 गुना ज्यादा बढ जाती है।
- भांग का उपयोग करने से भूख में कमी, नींद आने में दिक्कत, वजन घटना, चिडचिडापन, आक्रामकता, बेचैनी और क्रोघ बढना जैसे लक्षण शुरू हो जाते हैं।
- भांग सेवन का आदी होने पर आदमी अन्य सभी चीजों में रूचि लेना बंद कर देता है और अपनी अन्य् जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता।
- भांग में मुख्यत मनोवैज्ञानिक संघटक टीएचसी की मात्रा 1-15 प्रतिशत तक हो सकती है जो कि गहन शालीनता और स्फूर्ति के साथ मतिभ्रम उत्पन्न करता है।
- भांग के सेवन से घबराहट, अत्यमधिक चिंता, उल्टी और अधिक खाने की इच्छा भी हो सकती है।
- गर्भवती महिलाओं द्वारा भांग का सेवन करने से इसका असर भ्रूण पर पडता है।
Image Courtesy- getty images
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