क्या सिर्फ किसी को आई लव यू बोल देना प्यार होता है, आजकल यह वाक्य हर कोई किसी को भी बोल देता है। अगर बात की जाए युवा पीढ़ी की तो, वे अपने विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होकर प्यार की अनुभूति करने लगते हैं। युवा पीढ़ी बड़ी जल्दी कह देती हैं कि मैं फलाने से प्यार करता हूं या करती हूं, जबकि वे प्यार की परिभाषा को सही से समझ भी नहीं पाते हैं। इसलिए हो सकता है यह असल में प्यार या प्रेम नहीं बल्कि मोह हो। मोह किसी भी तरह का हो सकता है, प्यार और मोह में काफी अंतर होता है। चलिए विस्तार से जानते हैं प्यार और मोह के बीच क्या अंतर है-
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
डॉक्टर स्वाति मित्तल बताती हैं कि जब किसी व्यक्ति में मोह की भावना पैदा होती है, इसके लिए ब्रेन में कोनकोक्शन केमिकल जिम्मेदार होता है। मोह पैदा होते समय दिमाग में बहुत से केमिकल रिलीज होते हैं, जिन्हें न्यूरोट्रांसमीटर्स के तौर पर जाना जाता है। डोपामाइन,नॉरपेनेफ्रिन और ऑक्सीटोसिन यह सब एक रिलेशनशिप में यूफोरिया फीलिंग के लिए जिम्मेदार केमिकल हैं। डोपामाइन रिलीज से हमारा सिस्टम आनंद की अनुभूति महसूस करता है। जबकि नॉरपेनेफ्रिन, हमारी इस फीलिंग को बढ़ाता है।
मोह क्या है?
मोह क्या है? दिखने में तो यह प्रश्न बहुत ही आसान दिखाई देता है लेकिन इसका जवाब उतना ही टेढ़ा और अटपटा लगता है। जब कोई कहता है कि रिश्ते की शुरुआत में बहुत मजा आ रहा है या बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा है, जबकि अभी रिश्ता पूरी तरह से बना भी नहीं है, ऐसे में यह रोमांच की भावना मोह हो सकता है।
मोह और प्यार में सबसे पहले हमें ये जानना होगा कि किसी चीज या व्यक्ति के लिए हमारी भावना मजबूत हैं भी या नहीं। प्यार से अलग मोह के बहुत से रूप देखे जा सकते हैं, जैसे हम किसी ऐसे व्यक्ति की तरफ मोह में पड़ जाते हैं जिसे कभी हम मिले ही नहीं हों। लेकिन जिससे हम हर रोज बात करते हैं, मिलते हैं उनकी तरफ हमारा मोह अलग ही प्रकार का होता है। हम ऐसी दुनिया, ऐसे लोगों के बीच रहते हैं जिनसे मोह होने से हमारा जीवन खुद मुश्किल में पड़ जाता है।
मोह और प्यार को अच्छी तरह समझते हुए मोह के प्रतीक को समझने की आवश्कता है। ऐसा समझने पर किसी व्यक्ति से प्यार है या मोह यह जानना आसान हो जाएगा।
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मोह के लक्षण
प्यार और मोह में किसी भी व्यक्ति को खुशी का एहसास महसूस होता है लेकिन मोह के संकेत जो अच्छी तरह से दिखाई देते हैं वे यह हैं :
- किसी भी व्यक्ति की सोच और काम करने की क्षमता कम हो जाती है। जिस कारण कुछ भी नहीं करने का मन नहीं करता है।
- बहुत जल्दी खुशियों की सोच, दुख में बदल जाती हैं।
- इस प्रकार के विचार हमें धोखे में रखते हैं।
प्यार और मोह में अंतर
मोह के बारे में अब हम अच्छे से जान चुके हैं। आइए अब प्रेम और मोह के बीच के अंतर को जानते हैं :
प्यार क्या है?
इसको केवल शब्दों में बताना आसान नहीं है। प्यार को बस आप महसूस कर सकते हो। प्यार बहुत ज्यादा अपनेपन की भावना है, इसलिए प्यार को शब्दों मे समझना इतना आसान नहीं है। फिर भी पुराने समय में प्यार को चार तरह के रिश्तों में बाटा गया था और वह इस प्रकार हैं :
- पहला जो माता पिता का प्यार होता है जो हम बिना किसी भेदभाव, लोभ, लालच से करते हैं, जो हमेशा बढ़ता रहता है।
- दोस्तों के बीच का प्यार जिसे फिलिया कहा जाता है।
- अन्य मनुष्य के लिए प्यार जिनका आधार ही बिना स्वार्थ के प्यार करना होता है।
- इरोस प्यार जो कामुक और सच्चे मन से किया जाता है।
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प्रेम और मोह दोनों ही काफी अलग-अलग होते हैं। हमें किसी से पहली नजर में उनके प्रति मोह हो सकता है। मोह काफी तेजी से होता है और कम समय के लिए रहता है वहीं प्रेम को उत्पन्न होने में समय लगता है और यह व्यक्ति के पूरे जीवन तक की भावना होती है।
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