मधुमेह एक जानलेवा बीमारी है, जिसकी संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। मधुमेह की समस्या पूरे शरीर को बुरी तरह से खा जाती है, साथ ही साथ यह कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को भी न्योता देती है। पहले तो यह बीमारी केवल बढ़ो में देखने को मिलती थी लेकिन आजकल बच्चेन भी इस बीमारी का शिकार होते नजर आ रहे हैं। मधुमेह से बच्चो की आँखों पर भी असर पढता है, पिछले कुछ साल के आंकडे देखें तो पता चलता है कि, इस बच्चों की संख्या में इजाफा होते जा रहा है। ऐसे में तलिए हम आपको बताते हैं आखिर क्यों मधुमेह बच्चों को घेर रहा है और इसका क्या लक्षण हो सकते हैं।
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बच्चो में मधुमेह की वजह
1. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार हर दिन दो तिहाई से भी ज्यादा लोग फलों और हरी सब्जियों का खाने में कम इस्तेमाल करते है, जिससे उन्हें डायबिटीज टाइप 2 होने की संभावना बढ़ जाती है।
2. इसके अलावा 10 या 11 साल की उम्र में ज्यादातर बच्चें मोटापे का शिकार हो रहे है। जिससे उन्हें डायबिटीज जैसी बीमारिया हो रही है। इसका प्रमुख कारण है ज्यादा देर तक पैठे रहना कोई स्वास्थ संबधी काम नहीं करना आदि।
3. बच्चे जंक फूड़ और डब्बा बंद खाने का प्रयोग ज्याद करते हैं, इसके साथ ही अन्य खाने पीनें की आदते भी उन्हें इस बीमारी की तरफ धकती है. खाने में मीठी चीजों के प्रयोग ज्याद होना साथ ही फल और सब्जियां से परहेज इसका मुख्य कारण है।
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बच्चों में मधुमेह के लक्षण कैसे पहचाने
1. प्यास लगना
जब बच्चों में शुगर लेवल बढ जाता है तो उन्हें ढेर सारी प्यास लगती है और उनकी इच्छा पानी पीने के अलावा वो जूस और कोलड्रिंक जैसी लिक्विड चीजें पीने की भी इच्छा होती है। अगर आपके बच्चे में ऐसा लक्षण दिख रहा है तो आप उसे डॉक्टर को दिखाना न भूलें।
2. बार-बार पेशाब लगना
जब ज्यादा प्यास लगेगी तो जाहिर सी बात है कि पेशाब भी बार बार लगेगी। इस बारे में माता पिता को चौकन्नाा रहना चाहिये।
3. भूख लगना
इस दौरान बच्चे बहुत भूखे हो जाते हैं और उनमें एनर्जी कम होने लगती है। इससे बचने के लिए बच्चो को बाहर के डब्बे बंद पदार्थ आहार खाने के बजाय घर पर सब्जी रोटी खाने को दे। साथ ही उन्हें बाहर खेले जाने वाले खेलकूद में शामिल होने को कहे।
4. वजन कम होना
मधुमेह से पीडित बच्चे चाहे जितना खा लें, लेकिन उनके बदन पर बिल्कुल भी वजन नहीं चढेगा। ज्यादा खाने के बावजूद भी उनका वजन बढ़ने की बजाए कम हो जाता है। यह सबसे आम लक्षण है बच्चों में मधुमेह रोग होने का।
5. थकान से भरे रहना
इस बीमारी के कारण इन्सुलिन की मात्रा घटने से बच्चों में ऊर्जा की कमी हो जाती है। इन्सुलिन नहीं रहता है तो उनमें ऊर्जा खत्म हो जाती है और वह थकान से भर जाते हैं।
6. बच्चों को घर का हेल्दी भोजन दें
डायबिटीज में खास देखभाल और परहेज की जरूरत होती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि हेल्दी भोजन, फलों और सब्जियों के तीन या उससे कम हिस्से का सेवन करने से भी डायबीटिज की समस्यां हो सकती है। अगर बीमारी का पता चल जाएं तो उसके बाद बच्चे का इलाज संभव हो जाता हैं। साथ ही अच्छे डॉक्टर को दिखांए ताकि आपका बच्चा इस बीमारी से लड़ सके।
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