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डायबिटीज के कारण बढ़ जाता है हार्ट और किडनी रोगों का खतरा, आयुर्वेदिक डॉक्टर से जानें बचाव के उपाय

डॉक्टर का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान में कुछ बदलाव करने की जरूरत होती है। 
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डायबिटीज के कारण बढ़ जाता है हार्ट और किडनी रोगों का खतरा, आयुर्वेदिक डॉक्टर से जानें बचाव के उपाय

भारत में डायबिटीज, किडनी और हार्ट संबंधित बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (International Diabetes Federation) के मुताबिक भारत में 2021 तक 12.11 लाख से ज्यादा बच्चे और किशोर टाइप 1 डायबिटीज से जूझ रहे थे। 2025 तक डायबिटीज के मरीजों का यह आंकड़ा 2 करोड़ के पार जा सकता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) (Centers for Disease Control and Prevention) के आंकड़े बताते हैं कि भारत में डायबिटीज के पीड़ित 3 मरीजों में से 1 क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) से जूझ रहा है। ये वो स्थिति है, जब डायबिटीज के कारण किडनी ठीक से काम नहीं करती है और इसका दवाब दिल पर पड़ने लड़ता है।

कब होती है क्रॉनिक किडनी डिजीज की समस्या?

क्रॉनिक किडनी डिजीज की समस्या तब होती है, जब डायबिटीज के मरीजों के हार्ट को किडनी तक ब्लड पहुंचाने में ज्यादा प्रेशर महसूस होता है। ज्यादातर मामलों में किडनी ये प्रेशर झेल नहीं पाती है और व्यक्ति को दिल से संबंधित परेशानियां घेर लेती हैं।

डायबिटीज में कौन से अंग प्रभावित होते हैं?

मायो क्लीनिक के मुताबिक, डायबिटीज के मरीजों को हार्ट, रक्त वाहिकाओं, नसों, आंखों और किडनी से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। कई मामलों में ये ऐसी बीमारियों का कारण भी बन सकता है, जिसका इलाज 100 प्रतिशत संभव नहीं है।

डायबिटीज के दुष्प्रभाव से कैसे बच सकते हैं?

आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार ने हाल ही में डायबिटीज के साइड इफेक्ट से बचाव करने के कुछ खास टिप्स शेयर किए हैं। इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर डॉक्टर दीक्षा भावसार ने कहा कि डायबिटीज के मरीजों में हाई शुगर की वजह से रक्त वाहिकाओं, दिल और रक्त वाहिकाओं को नियंत्रित करने वाली नसों को नुकसान जैसे लक्षण देखे जाते हैं। वक्त के साथ यह हार्ट प्रॉब्लम्स का कारण बन सकते हैं।

डायबिटीज के मरीज हार्ट और किडनी कैसे सुरक्षित रखें

दीक्षा भावसार का कहना है कि डायबिटीज मेलिटस के रोगियों में हार्ट फेल ( क्रॉनिक हार्ट फेल 25% और एक्यूट हार्ट फेल 40% तक) के मामले ज्यादा होते हैं। उन्होंने कहा कि डायबिटीज होने के बाद एक मरीज की किडनी को नुकसान पहुंचने में 10 से 15 साल का वक्त लग सकता है। इसलिए शुरुआत में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन जैसे-जैसे किडनी की समस्याएं बढ़ने लगती हैं, वैसे-वैसे विषाक्त पदार्थ शरीर के अंदर जमा होने लगते हैं और शरीर  के अंदर कई बीमारियां और समस्याएं पैदा करने लगते हैं। डॉक्टर का कहना है कि डायबिटीज के मरीज हार्ट और किडनी को सुरक्षित रखने के लिए इन बातों को फॉलो कर सकते हैं।

खाने में रखें इन बातों का ध्यान

डॉक्टर का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान में कुछ बदलाव करने की जरूरत होती है। इसके लिए आप सप्ताह में एक बार चाय/कॉफी में एक चुटकी दालचीनी मिलाकर इस्तेमाल करें। 10-15 दिनों में कम से कम एक बार नमक, डेयरी और अनाज का सेवन पूरे दिन के लिए छोड़ें।

डॉक्टर का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों को खाना खाने से पहले 10 से 20 मिलीलीटर सेब के सिरके (एप्पल साइडर विनेगर) का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही डायबिटीज के मरीजों को प्रतिदिन खाली पेट 1 चम्मच भीगी हुई मेथी का सेवन करना चाहिए। अगर आपको मेथी के बीज खाने में किसी तरह की समस्या है, तो आप इसकी चाय बनाकर भी पी सकते हैं।

डायबिटीज के मरीजों को नहीं खानी चाहिए ये चीजें

डायबिटीज के मरीजों को कैफीन, डीप फ्राई किए गए फूड्स, व्हाइट राइस, चीनी और अल्कोहल का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों को बासी खाना खाने से परहेज करना चाहिए। इसके स्थान पर वो मौसमी फल, सब्जियां और ताजा पका हुआ भोजन ले सकते हैं। डॉक्टर का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों को अपने खाने में लहसुन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।

इन सबके अलावा डायबिटीज के मरीजों को डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। दीक्षा का कहना है कि हर डायबिटीज के मरीज को डॉक्टर उसकी सेहत, वजन और शरीर के आकार के हिसाब से खानपान की सलाह देते हैं।

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