हममें से ज्यादातर लोगों का मानना है कि छोटे बच्चे के दूध के दांतों की ज्यादा देखभाल करने की जरूरत नहीं होती है क्योंकि ये तो टूट ही जाएंगे। जबकि इसी समय से ही ध्यान देना चाहिए। अगर दूध के दांत खराब होने शुरु हो जाऐंगे तो बच्चों के दांतों की जड़ें खराब होनी शुरु हो जाती है। दांतों की देखभाल और अच्छी दंत स्वच्छता आपके छोटे बच्चे की दैनिक दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। यह उनके दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ और रोगमुक्त रखेगा, और भविष्य के लिए भी एक अच्छी आदत शुरू होगी। आइए बच्चे के दांतों की देखभाल के उपायों के बारे में जानें।
दांतों की देखभाल के उपाय
- बच्चे के पहले दांत निकलते ही प्रतिदिन उसके दांत ब्रश करना प्रारंभ कर दें।
- दिन में दो बार ब्रश करें, एक बार सुबह और रात में सोने जाने से पहले।
- अपने बच्चे को अपने दांत ब्रश करना सिखाएं, लेकिन निगरानी करने के लिए आसपास रहें और यदि आवश्यक हो तो दोबारा जल्दी से ब्रश कर दें।
- अपने छोटे बच्चे को ब्रशिंग के दौरान टूथपेस्ट थूकना सिखाएं। जब तक आपका बच्चा टूथपेस्ट थूकना नहीं सीख जाता, फ्लोराइड मुक्त टूथपेस्ट का उपयोग करें जो छोटे बच्चों के लिए बनाया जाता है।
- यदि आपके बच्चे ने कुछ मीठा खाया है तो इसके आधे घंटे के बाद दांत ब्रश करें। यह उनके दांत स्वस्थ रखने में मदद करेगा।
- दिन में दो बार ब्रश करें, आवश्यकता पड़ने पर फॅलोसिंग और दंत चिकित्सक के पास नियमित जांच के लिए जाने से स्वस्थ मुंह बनाए रखने में मदद मिलती है।
टूथपेस्ट का चयन कैसे करें?
टूथपेस्ट की कई किस्में बाजार में उपलब्ध हैं। बाजार में उपलब्ध अधिकतर टूथपेस्ट में फ्लोराइड होता है, लेकिन फ्लोराइड की मात्रा हर पेस्ट में भिन्न होती है। याद रखें कि बहुत अधिक फ्लोराइड से भी दांतों का क्षय हो सकता है। अपने बच्चे के दंत चिकित्सक से बच्चे के लिए टूथपेस्ट के बारे में परामर्श करें।
टॉप स्टोरीज़
डेंटल केरीज
दंत क्षय या डेंटल केरीज बचपन में एक आम की बीमारी है। दांतों की पहली जांच की सलाह तब दी जाएगी जब बच्चा लगभग एक साल का हो जाए, लेकिन अधिकांश बच्चे तब तक दंत चिकित्सक के पास नहीं जाते जब तक उन्हें समस्या न हो। इसलिए आपके बच्चे के दांतों की जांच नियमित रूप से होनी चाहिए।
दांतों को टूटने से रोकने के लिए सुझाव
- फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का प्रयोग करें क्योंकि फ्लोराइड दांतों के इनेमल को मजबूत करता है जो क्षय के जोखिम को कम कर सकता है।
- तीन वर्ष के बच्चे अक्सर अपने दांत ब्रश करना पसंद करते हैं। उन्हें ऐसा करने दें, लेकिन निगरानी करने के लिए आसपास रहें और यदि आवश्यक हो तो फिर से जल्दी से ब्रश कर दें। अधिकांश बच्चों को 6-7 साल की उम्र तक ब्रश करने के लिए मदद की ज़रूरत होती है।
- अपने बच्चे को उचित ओरल स्वच्छता जैसे दिन में दो बार ब्रश करना और खाने के बाद मुंह धोना सिखाएं।
- अपने बच्चे को दांतों में चिपकने वाले खाद्य पदार्थों से बचना, भोजन के बीच में स्नैकिंग कम करना, और अत्यधिक एसिड और चीनी वाले खाद्य पदार्थों और पेय से बचना सिखाएं।
- छोटे बच्चे को स्वस्थ खाने की आदतें सिखाएं। आपके बच्चे के आहार में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों जैसे दूध और पनीर शामिल होने चाहिएं। कैल्शियम दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाता है।
- बच्चे के चीनी और मिठाई के सेवन को सीमित करें। चीनी एक एसिड का उत्पादन करती है जो दांतों से कैल्शियम बाहर निकाल देता है, और इनमेल की कोटिंग को नुकसान पहुंचाता है। इससे दांतों का क्षय हो सकता है और कैविटी बन सकती हैं।
- रात में अपने बच्चे के ब्रश करने के बाद उसे मीठा खाने या पेय न पीने के लिए प्रोत्साहित करें। पीने के लिए केवल पानी दें अन्यथा उनके दांत सारी रात चीनी और खाने से लेपित रहेंगे।
- यदि आपके बच्चे के ‘दूध के दांतों’ में केरीज है तो इसे नजरअंदाज न करें। ‘दूध के दांतों’ का क्षय अपने बच्चे के स्थायी दांतों को प्रभावित कर सकता है।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles on Parenting in Hindi