डैंड्रफ एक आम समस्या है, जो स्कैल्प के रूखेपन के कारण होती है। डैंड्रफ यानी रूसी होने पर सिर से छोटे सफेद कण गिरते हैं, जो असल में स्कैल्प की त्वचा होते हैं। आमतौर पर डैंड्रफ का कारण सिर की ठीक से सफाई न करना और शरीर में नमी की कमी है। लेकिन कई ऐसे रोग हैं, जिनमें आपको डैंड्रफ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। ऐसे में इन्हें नजरअंदाज करने पर ये खतरनाक साबित हो सकते हैं। ऐसा ही एक रोग है सेबोरिएक डार्माटाइटिस। आइए आपको बताते हैं क्या है ये रोग और क्या हैं इसके लक्षण और कारण।
क्या है सेबोरिएक डार्माटाइटिस
सेबोरिएक डार्माटाइटिस त्वचा से संबंधित एक गंभीर रोग है। इस बीमारी के कारण स्कैल्प में लाल चकत्ते हो जाते हैं और त्वचा सूखकर डैंड्रफ जैसे झड़ने लगती है। इसके कारण कई बार स्कैल्प में सूजन की समस्या भी हो जाती है। हालांक सेबोरिएक डार्माटाइटिस शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है मगर ज्यादातार ये रोग सिर, नाक, भौंहों, कान और पलकों में होता है। इसके अलावा गर्दन के पिछले हिस्से में बाल वाली जगह पर भी ये बीमारी हो सकती है।
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क्यों होती है ये बीमारी
सेबोरिएक डार्माटाइटिस का मुख्य कारण त्वचा का रूखापन है इसलिए ये बीमारी ज्यादातर सर्दियों के मौसम में होती है। साथ ही इस बीमारी के लिए कई अन्य कारक भी जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे-
- तनाव या अवसाद की स्थिति
- अनुवांशिक कारण
- कोई स्किन इंफेक्शन
- किसी दवा का साइड इफेक्ट
क्या है सेबोरिएक डार्माटाइटिस के लक्षण
सेबोरिएक डार्माटाइटिस ज्यादातर बालों के आस-पास होने वाली बीमारी है। दाढ़ी या मूंछ पर, सिर के बालों, भौहें पर इसके होने की संभावना ज्यादा होती है। तैलीय त्वचा में इसके होने का खतरा ज्यादा होता है। इस बीमारी में स्किन और बालों के साथ मिलकर एक गुच्छा सा बन जाता है। यह गुच्छा दर्द भरा भी हो सकता है। चेहरे , नाक, कान और पलकों में भी इसके फैलने का डर रहता है। स्किन लाल हो जाती है और खुजली भी होती है। इससे अजीब सा हल्का पानी या पस भी निकल सकता है।
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कैसे करें इस रोग से बचाव
सेबोरिएक डार्माटाइटिस को आमतौर पर लोग डैंड्रफ समझ लेते हैं और डैंड्रफ का ही इलाज शुरू कर देते हैं, जिससे बीमारी बढ़ती है और खतरनाक हो सकती है। इससे बचाव के लिए सप्ताह में कम से कम 2 बार शैम्पू करें। इसके अलावा एंटीफंगल क्रीम का उपयोग करें और साफ व ढीले सूती कपड़े पहनें। अगर यह बीमारी हो गयी है तो घरेलू उपचार के तौर पर नारियल का तेल और सेब का सिरका फायदेमंद होता है। अगर ऐसे कोई लक्षण लगें तो डॉक्टर से संपर्क करें। यह बहुत दिनों न ठीक होने वाली बीमारी है कभी-कभी यह ताउम्र ठीक नहीं होती है। इससे बचाव और सावधानियां ही बेहतर है।
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