साइटोमेगालो वायरस (सीएमवी) एक बेहद आम वायरस होता है, जो किसी भी व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है, जोकि बहुत ही खतरनाक होता है। यह वायरस यदि किसी के शरीर में प्रवेश कर जाए तो निकलना मुश्किल होता है। यह हमेशा के लिए शरीर में ही रह जाता है। यहां तक कि लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं हो पाती कि उनके शरीर में ऐसा कोई संक्रामक तत्व भी मौजूद है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे व्यक्ति को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती। आमतौर पर यह संक्रमण एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में रह कर उन्हें तो प्रभावित नहीं कर पाता लेकिन वहीं कुछ व्यक्तियों या महिलाओं या बच्चों में यह गंभीर समस्या का कारण भी बन सकता है। या फिर जैसे ही व्यक्ति की रोग प्रति रोधक क्षमता कमज़ोर पड़ती है यह वायरस सक्रिय हो जाता है और शरीर को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।
साइटोमेगालो वायरस के आम लक्षण
- रह-रह कर बुखार आना।
- गाला ख़राब रहना।
- मांशपेशियों में दर्द की शिकायत रहना।
- कुछ करने का मन न रहना और बीमारों जैसा महसूस करना।
- व्यक्ति को आए दिन बिना खास वजह के कमज़ोरी रहती है।
साइटोमेगालो वायरस जब बढ़ने लगता है इसके लक्षण भी सामान्य नहीं रहते,
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- आंतों की सूजन या अल्सर के कारण पेट में दर्द और चुभन।
- दस्त लग जाना।
- निमोनिया हो जाना।
- आँखों का घातक संक्रमण हो जाना।
- लिवर की खराबी, सूजन के कारण पीलिया हो जाना।
- मस्तिष्क के तंत्रिका तंत्र में समस्या होने से मानसिक संतुलन बिगड़ जाना।
- इस तरह के लक्षण घातक भी हो सकते हैं। इसलिए इनकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। यदि आम लक्षणों के बाद धीरे-धीरे इस तरह के लक्षण नज़र आने लगे हों, तो व्यक्ति को डॉक्टर से ज़रूर मिलना चाहिए।
सीएमवी के संक्रमण से ज़्यादातर परेशानियां तब होती हैं, या यह ज़्यादा घातक तब होता है, जब यह माँ से होने वाले बच्चे में पहुँचता है। यदि यह बड़े होने के बाद किसी के शरीर को प्रभावित करता है, तो इसे इतना घातक नहीं माना जाता। कुछ मामलों में यह मोनोन्यूक्लिऑसिस नामक बिमारी को जन्म भी दे सकता है। यह एक ऐसी बिमारी होती है, जिसमें रोगी के रक्त में असामान्य रूप से मोनोसाइट्स का अनुपात बढ़ जाता है।
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साइटोमेगालो वायरस
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह संक्रमण नुकसानदायक हो सकता है। साथ ही यह समस्या उसके होने वाले बच्चे को जन्म से पहले से ही मिल सकती है।
- जिन व्यक्तियों की शरीर की रोग प्रति रोधक क्षमता कम हो उनके शरीर में इसके प्रभावी होने ज़्यादा होती है और शरीर में कमज़ोरी आने पर यह भी शरीर पर अंदरूनी तौर पर धावा बोल देता है।
- उम्रदराज व्यक्ति भी इस संक्रमण से ग्रसित हो सकते हैं, क्योंकि समय के साथ उनकी रोग प्रति रोधक क्षमता कम हो चुकी होती है।
- ऐसे व्यक्ति जिन्होंने शरीर में कोई अंग प्रत्यारोपण कराया हो उनमें भी इस सक्रंमण से परेशानी होने की आशंका अधिक रहती है। बल्कि इनमें तो यह और भी घातक हो सकता है।
- CMV का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। ख़ास तौर पर शरीर के संक्रमित तरल द्वारा यह दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है। तरल जैसे मूत्र, रक्त, पसीना और यहाँ तक कि संक्रमित महिला द्वारा दूध पिलाए जाने पर उसके बच्चे के शरीर में भी पहुँच जाता है।
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- सीएमवी संक्रमण के कारण व्यक्ति के सुनने की क्षमता हमेशा के लिए खत्म हो सकती है।
- बच्चों या बड़ो किसी की भी बौद्धिक क्षमता ख़त्म हो सकती है। मस्तिष्क में सूजन के कारण मस्तिष्क का तंत्रिका तंत्र प्रभावित हो सकता है, इससे व्यक्ति की मानसिक स्थिति प्रभावित हो सकती है।
- देखने की क्षमता के कमी आ सकती है। आंख प्रकाश-संवेदी परत (रेटिनाइटिस) में सूजन के कारण व्यक्ति अँधा हो सकता है।
- यह फेंफड़ो को संक्रमित कर सकता है और इससे न्यूमोनिया हो सकता है।
- लिवर की कमज़ोरी से व्यक्ति या बच्चों को पीलिया हो सकता है।
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