मोतियाबिंद को दूर कर आंखों की रोशनी बढ़ाता है कढ़ी पत्‍ता

कढ़ी पत्ता मोटापा कम करता है। कढ़ी पत्ते की एक और खासियत यह है कि यह उदर संबंधी कई रोगों को नियंत्रित करता है। इसका नियमित सेवन पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है।
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मोतियाबिंद को दूर कर आंखों की रोशनी बढ़ाता है कढ़ी पत्‍ता


दाल सब्‍जी का जायका बढ़ाने के लिए कढ़ी पत्‍ते का इस्‍तेमाल भारतीय रसोइयों में सदियों से होता चला आ रहा है। इसकी बस चार पांच पत्तियां ही भोजन का स्‍वाद बढ़ाने के लिए काफी होती हैं। लेकिन, इसमें कई ऐसे औषधीय गुण भी होते हैं, जो हमारी सेहत को दुरुस्‍त रखते हैं। 

भारतीय भोजन में इस्‍तेमाल होने वाले कई मसाले गैस बनाने का काम करते हैं। लेकिन, कुछ ऐसी चीजें भी हैं, जिन्‍हें भोजन में डालने से इस समस्‍या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। जी हां, कढ़ी पत्ता पूरे भारत और खासकर दक्षिण भारत में भोजन के लिए प्रयोग होने वाली चीज है। इसका प्रयोग भोजन में तड़के के लिए किया जाता है। 

 

कढ़ी पत्ता मोटापा तो कम करता ही है साथ ही इसकी पत्तियां हर्बल औषधी के रूप में इस्‍तेमाल होती हैं। कढ़ी पत्ते की एक और खासियत यह है कि यह उदर संबंधी कई रोगों को नियंत्रित करता है। इसका नियमित सेवन पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है। कढ़ी पत्ते के सेवन से शरीर चर्बी एकत्रित नहीं होती है। दक्षिण भारतीय खाने खासतौर पर सांभर या रसम में कढ़ी पत्ते का सर्वाधिक उपयोग किया जाता है। वहीं उत्‍तर भारत में कढ़ी बनाने में मीठी नीम (कढ़ी पत्ता) का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। यही वजह है कि इसका नाम भी कढ़ी पत्ता है। 

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एक शोध के मुताबिक प्रति सौ ग्राम कढ़ी पत्ते में 66.3 प्रतिशत नमी, 6.1 प्रतिशत प्रोटीन, एक प्रतिशत वसा, 16 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 6.4 प्रतिशत फाइबर और 4.2 प्रतिशत मिनरल पाया जाता है। इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन और विटामिन सी पाया जाता है। यह पेट के लिए काफी फायदेमंद होता है। 

कढ़ी पत्‍ते के औषधीय गुण 

  • उल्टी और अपच में कढ़ी पत्ते को नींबू के रस और चीनी के साथ लेना फायदेमंद होता है।
  • पेट में गड़बड़ी होने पर कढ़ी पत्ते को पीस छाछ में मिलाकर खाली पेट लेने पर आराम मिलता है।
  • अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं और कोई उपाय नहीं सूझ रहा है, तो रोज कुछ पत्तियां चबाएं।
  • दस्त, पेचिश और बवासीर में नरम कढ़ी पत्तियों को शहद के साथ लेने पर आराम मिलता है।
  • कढ़ी पत्ते की जड़ में भी औषधीय गुण होते हैं। यह किडनी के रोगियों के लिए फायदेमंद होती है।
  • जलने और घाव में भी कढ़ी पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है।

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  • कढ़ी पत्तों को नारियल के तेल में काला होने तक गर्म करें। इस तेल को बालों की जड़ों में लगाने से बाल मुलायम और चमकीले होंगे।
  • डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए सुबह दस ताजे कढ़ी पत्तों का सेवन नियमित रूप से तीन महीने तक करें।
  • बाल झड़ रहे हों या अचानक सफेद होने लगें तो कढ़ी पत्ता खाएं। आप उसका चूर्ण भी खा सकते हैं।
  • कढ़ी पत्ता हमारी आंखों की ज्योति बढ़ाने में फायदेमंद है। साथ ही कैटरैक्ट यानी मोतियाबिंद जैसी बीमारी को भी दूर करती है।

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