टाइप 2 डायबिटीज मधुमेह का ही प्रकार है। यह किसी को भी और किसी उम्र में हो सकता है। टाइप2 डायबिटीज सामान्यतः इंसुलिन प्रतिरोध से आरम्भ होता है। यह ऐसी स्थिति है जिसमें मांसपेशियां, लिवर और वसा कोशिकाएं ठीक तरह से इंसुलिन का उपयोग नहीं करतीं। इसके कारण शरीर को ग्लूकोज को ऊर्जा (एनर्जी) में बदलने के लिये ज्यादा इंसुलिन की आवश्यकता पड़ती है। शुरुआत में पेंक्रियाज ज्यादा इंसुलिन की मांग को पूरा करता है, लेकिन बाद में पेंक्रियाज पर्याप्त, इंसुलिन स्त्राव नहीं कर पाता है। उचित देखभाल और खान-पान से टाइप2 डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है।
लो कार्बोहाइड्रेट डाइट लें
टाइप2 डायबिटीज के मरीजों में डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए लो कार्बोहाइड्रेट आहार खाना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट शरीर को ग्लूकोज के रूप में ऊर्जा प्रदान करते हैं। ग्लूकोज शुगर का ही एक प्रकार है, जो शरीर की सभी कोशिकाओं के लिए ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है। कार्बोहाइड्रेट को दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है - सरल और जटिल। इसमें कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन के यौगिक होते हैं। सरल कार्बोहाइड्रेट में ग्लूकोज, सुक्रोज और फ्रक्टोज जैसे शुगर का स्रोत पाया जाता है। गन्ना, चुकन्दर, खजूर, अंगूर इनके प्रमुख स्रोत हैं। जटिल कार्बोहाइड्रेट के रूप में स्टार्च या मंड प्रमुख भोज्य पदार्थ हैं जो आलू, साबूदाना, चावल, अरवी, मक्का आदि में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।कार्बोहाइड्रेट तुरंत ब्लड शुगर पर प्रभाव डालते हैं जिसके कारण पाचन क्रिया के दौरान खून में रक्त शर्करा का प्रभाव तुरंत होता है।
हरी सब्जियां
गोभी, पालक, पत्ता गोभी, सलाद, जैसे पत्तेदार सब्जियों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। ताजा और हरी सब्जियों का सेवन करने से डायबिटीज नियंत्रित रहता है। अन्य सब्जियां इसके अलावा कुछ अन्य सब्जियां भी हैं जिनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। ब्रोक्कोली, एस्परेगस, अजवाइन, फूलगोभी, खीरा, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, टमाटर, बैंगन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। आलू और गाजर में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है, मधुमेह रोगियें से इन्हें खाने से बचना चाहिए।
मांस और मेवे
कम वसायुक्त मांस जैसे - टर्की, पोर्क, बत्तख, मुर्गी, मछली, सार्डिन, झींगा, चिंराट, केकड़े जैसे समुद्री जीवों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। अंकुरित अनाज तिपतिया घास, लहसुन, प्याज, अजवायन की पत्ती, तुलसी और मशरूम आदि लो कार्बोहाइड्रेट फूड हैं। यह ब्लड में शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखती हैं। सूखे मेवे सूखे मेवे और नट्स में कार्बोहाइड्रेट्स कम होते हैं। अखरोट, मूंगफली, काजू, सूरजमुखी के बीज, काजू, कद्दू के बीज टाइप2 मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद हैं।
फल और डेयरी प्रोडक्ट
ब्लूबेरी, सेब, चेरी, स्ट्रॉबेरी, संतरे, अनानास, अंगूर और आड़ू आदि में लो कार्बोहाइड्रेट होता है। डायबिटीज के मरीज नींबू तथा अन्य खट्टे फल भी खा सकते हैं। डेयरी प्रोडक्ट दूध, दही, पनीर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। यह इसलिए टाइप2 डायबिटीज के मरीजों को दुग्ध उत्पादों का सेवन करना चाहिये।
टाइप2 डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से व्यायाम और योगा करना चाहिए। डायबिटिक्स को अपना डाइट चार्ट बनाते वक्त एक बार अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
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