
सहकर्मियों के बीमार होने से आप में संक्रमण का जोखिम सबसे ज्यादा होता है। इस बात पुष्टि करता है हाल ही में हुआ ये शोध।
सर्दी जुकाम और बुखार होने पर भी काम का दबाव कई बार कर्मचारियों को दफ्तर आने पर मजबूर कर देता है। लेकिन शोधकर्ताओं को मानें तो ऐसी अवस्था में उन्हें घर पर रुक कर आराम करना चाहिए। बीमारी में ऑफिस आने से सेहत और ज्यादा खराब हो सकती है, साथ ही इससे सहकर्मियों के भी संक्रमित होने का खतरा पैदा होता है।
ब्रिटेन के मशहूर माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. चार्ल्स गरबा बताते हैं बीमारी की शुरुआती अवस्था में अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं और वे काम पर निकल जाते हैं। लेकिन इस स्थिति और खराब हो सकती है। ऐसा करने से शरीर को आराम करने का मौका नहीं मिलता है और बीमारी बढ़ने लगती है। सहयोगियों के संपंर्क में आने पर उनके भी बीमारी होने की आंशका बढ़ सकती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-इरविन सकूल ऑफ मेडिसीन की शोधकर्ता कैथरीन कमिंस के मुताबिक बीमारी की हालत में आमतौर पर लोग दवा लेकर काम करना जारी रखते हैं। इससे उन्हें बीमारी से कुछ हद तक आराम मिलता है लेकिन काम प्रभावित होता है।
दवा के असर से लोगों पर सुस्ती छायी रहती है जिससे वे सही तरीके से अपना काम नहीं कर पाते हैं। इस साल की शुरुआत में एरिजोना यूनिवर्सिटी की ओर से भी ऐसा अध्ययन हुआ था जिससे शोधकर्ताओं ने बीमारी के दौरान घर पर ही रहने की सलाह दी थी। उन्होंने बताया कि बीमारी की हालत में जब लोग ऑफिस आते हैं तो दफ्तर की चीजों को छूते हैं जिससे वे संक्रमित हो जाती हैं।
उन चीजों पर जब स्वस्थ लोगों के हाथ लगते हैं तो उनके भी संक्रमण की गिरफ्त में आने का खतरा पैदा होता है। हालांकि उनका यह भी कहना था कि हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर और हाथों को अच्छी तरह साफ रखकर इस खतरे से बचा जा सकता है।
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