गर्भवती महिलाएं कॉफी पिएं या नहीं, इसे लेकर डॉक्टरों के भी अलग-अलग विचार हैं। लंबे समय से यह धारणा चली आ रही है कि गर्भावस्था के दौरान प्रतिदिन दो कप कॉफी पीने में कोई हर्ज नहीं है। लेकिन एक हालिया रिसर्च ने इस दावे को पीछे धकेल दिया है। इस रिसर्च के मुताबिक दो कप काफी का मतलब है गर्भपात के खतरे को दोगुना बढ़ा देना। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिदिन 300 मिलीग्राम तक कॉफी का सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक नहीं है लेकिन स्वीडन में हुए एक शोध के नतीजे इस बात को सिरे से नकारते हैं। स्वीडन के सल्ग्रेन्सका विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान अगर कोई महिला दिन में 100 ग्राम कैफीन का भी सेवन करती है तो उसके शिशु का वजन 21 से 28 ग्राम तक घट सकता है।
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आमतौर पर किसी नवजात बच्चे का आदर्श वजन 3.6 किलोग्राम होता है। शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि कैफीन के सेवन से न सिर्फ बच्चों के वजन बल्कि उनकी लंबाई पर भी प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि अभी तक इस बारे में वे कोई तथ्य नहीं जुटा पाए हैं। पूर्व के अध्ययनों में भी बताया गया था कि कॉफी में मौजूद कैफीन गर्भपात के खतरे को बढ़ा देता है। लेकिन यह निष्कर्ष कैफीन की ज्यादा मात्रा पर आधारित था। इसे लेकर विवाद भी काफी रहा। अन्य शोधकर्ताओं का मानना था कि इस अध्ययन में गर्भवती महिलाओं को सुबह-सुबह पेश आने वाली परेशानियों को नजरअंदाज किया गया है।
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हार्मोन का स्तर बढ़े होने से सुबह जी मिचलाने या उल्टी होने को आम तौर पर गर्भपात के खतरे को कम करने वाला माना जाता है। काफी पीने से ये लक्षण दूर हो सकते हैं। इसलिए भी गर्भवती महिलाओं को सुबह में काफी या कैफीन से जुड़े अन्य पेय पदार्थो से परहेज करना चाहिए। इस मुद्दे की तह तक जाने के लिए आकलैंड के डा. डी-कुन लीके नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने अध्ययन को अंजाम दिया। इसमें पहली बार सुबह की दिक्कतों को भी ध्यान में रखा गया। डा. ली की टीम इस नतीजे पर पहुंची कि प्रतिदिन 200 मिलीग्राम कैफीन पीने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। 200 मिलीग्राम कैफीन का मतलब दो कप काफी।
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