जेनिस जोपलिन , जिमी हेंड्रिक्स और जिम मोरिसन में ऎसी और कौन सी बात आम है की ये लोग एक गायक भी हैं ? ।वे २७ साल की उम्र में मारे गए जिसका संभावित कारण था कोकेन और हीरोइन की अत्याधिक खुराक लेना ।
१८०० के दौरान कोकेन एक आश्चर्यजनक दवा के रूप में प्रयोग होता था जो की रोगों का इलाज कर सकता था और लोगो को मोरफीन की आदत से निजात भी दिला सकता था ।हाँ इसका विज्ञापन एक मसीहा के रूप में दिया जाता था जो की शल्य चिकित्सा को आसान बनाता था और एक बहुत ही अच्छा दर्द निवारक था ।यहाँ तक की मनोविज्ञान के पिटा सिग्मुंड फ्रॉड का यह मानना था की यह दवा मोरफीन से बेहतर है । ऐसा बतया जाता था की उन्हें खुद इस सफ़ेद पाउडर की लत लग गयी थी और वो इसे शुरुआत में थोड़ी मातरा में लेते थे ताकि वे आम बिमारी जैसे की कब्ज और डिप्रेशन को सही कर सके ।फ्रॉड ने अपनी इस लत को कबूल किया था और उन्होंने यह भी बताया था की वे इस लत से छुटकारा पा चुके हैं ।
सिर्फ फ्रॉड ही इकलौते व्यक्ति नहीं थे जिन्हें की इस चीज़ के आश्चर्यजनक गुण की लत लग चुकी थी जिसे आज हम एक जानलेवा कातिल के रूप में जानते हैं ।प्रख्यात शल्य चिकित्सक विलियम हाल्स्तिद ने भी कोकेन का प्रयोग शल्य चिकित्सा के लिए किया जिसमे की उन्होंने इसे क्लोरोफोर्म के वैकल्पिक कर रूप में किया और बाद में वे भी इसे अपने अंदर डालने लगे ।
समय के साथ उन्हें भी सी चीज़ की लत लग गयी जिसकी वजह से वे बाद में शल्य चिकित्सा नहीं कर पाए ।कोकेन ने शल्य चिकित्सा के मैदान में उनकी प्रगति एक दार्शनिक के रूप में नहीं रोकी पर उन्हें मानसिक रूप से खत्म करता गया ।वे अपने घर में ७ महीने तक रहे जब उनसे कोई भी शल्य चिकित्सा नहीं हुई और इस दौरान उन्होंने बहुत कोकेन लिया ।कोकेन की खोज दक्षिणी अमेरिका में हुई और यह कोका के पद की पत्तियों से निकाला जाता है वाहन के स्थायी रहने वाले इसकी पतियाँ सदियों से चबाते हुए आ रहे हैं ।लकिन जो खोज अमेरिका और बाकी की दुनिया ने की वो थी एक सान्द्र पाउडर जो की उसकी पत्तियों से सौ गुना ज्यादा शक्तिशाली था ।
हालाँकि लोगो में ताश के पत्ते की तरह इसकी लत लग रही है क्योनी वे इसका लगातार प्रयोग कर रहे हैं लेकिन इस सफ़ेद पाउडर का विज्ञापन सारे मर्जो की दवा के रूप में भी किया जा रहा है जैसे की त्युब्र्क्युलोसिस, दिस्पेप्सिया, दमा और यहाँ तक की थकान हबी ।
इसका उत्पादन बहुत तेजी से हो रहा है और यह रोजाना प्रयोग होने वाली चीजों में भी मिलाया जा रहा है जैसे की मार्जरीन और ठन्डे पेय ।शराब के व्यापारी भी इसे शराब में मिलाने लगे और इससे उन्होंने अपने सबसे बढ़िया पेय बनाए जिसमे की एक बोतल में लगभग २०० मिलीग्राम जानलेवा दवा भरी थी !कोका कोला को भी नहीं छोड़ा ।
इसमें कोकेन था और १९०३ में कोका कोला साफ़ हुयी ।धीरे धीरे संस्थानों ने यह देखा की कोकेन का लगातार प्रयोग इसकी लत लगा देता है और इसकी वजह से उसका अत्याधिक खुराक लेनी पडती है ।इसलिए इसकी उपलब्धता बंद कर दी गयी और अब यह सिर्फ चिकित्सयी उद्देश्यों के लिए प्रयोग होता है तो इसलिए कोकेन सका मनपसंद दवा से उस उत्तेजना पर पहुँच गया जो की अंधेरी गलियों में ले जाता है जो की नशेडियो द्वारा दिया जाता है ।
इसके बाद कोकेन के प्रयोग में भारी कमी आई है ।इसका प्रयोग निषेध कर दिया गया है और इसको रखने से जेल की सजा सुनाई जा सकती है ।पर यह अमीर और श्रेष्ठ जनगण का सबसे मनपसंद बन गया है जो की इसका प्रयोग करते हैं , इसको रखते हैं और कभी कभी दुर्भाग्य से इसके लिए अपनी जान तक दे देते हैं ।कोकेन कई प्रख्यात लोगो के लिए विष के समान साबित हुआ है और कईयो ने अपने विनआश के लिए इसे ज़िम्मेदार ठहराया है ।पर अभी भी इसका प्रयोग स्वर्णिम ऊन की तरह होता है क्योंकि यह उन लोगो को आकर्षित करता रहता है जिनके पास पैसे नहीं है और उन लोगो के लिए एक श्राप की तरह है जो की इसको रख सकते हैं ।
टेग : कोकेन का प्रयोग एक चमत्कारी दवा के रूप में , कोकेन का विकास , कोकेन का इतिहास
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