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Chronic Burnout बन सकता है वर्कप्लेस पर शारीरिक और मानसिक थकावट का कारण, जानें इसके लक्षण और उपाय

आज के समय में अधिकतर लोग शारीरिक और मानसिक थकान महसूस करते हैं। इस थकान को बर्नआउट कहा जाता है। आगे जानते हैं इसके लक्षण कारण और बचाव के उपाय।
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Chronic Burnout बन सकता है वर्कप्लेस पर शारीरिक और मानसिक थकावट का कारण, जानें इसके लक्षण और उपाय

Chronic Burnout In Hindi: समय के साथ लोगों की जीवनशैली में बदलाव हुए हैं। आज व्यक्ति को काम का दबाव इतना अधिक है, कि उनको खुद के लिए समय ही नहीं मिल पाता है। लगातार प्रेशर में काम करने के चलते लोगों को शारीरिक और मानसिक थकान का सामना करना पड़ता है। जब यह थकान लंबे समय तक बनी रहती है तो इसे क्रोनिक बर्नआउट (Chronic Burnout) कहा जाता है। क्रोनिक बर्नआउट में व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही, क्रोनिक बर्नआउट में व्यक्ति को हमेशा थकान (Fatigue) बनी रहती है, जिसकी वजह से उनकी कार्य करने की क्षमता प्रभावित होती है और वह किसी भी काम में फोकस नहीं कर पाते हैं। यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो इसकी वजह से व्यक्ति बीमार पड़ सकता है। इस लेख में यशोदा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर ए पी सिंह से जानते हैं कि क्रोनिक बर्नआउट के लक्षण और कारण (Causes And symptoms of chronic burnout) क्या होते है? साथ ही, क्रोनिक बर्नआउट से कैसे बचा (Prevention Tips of Burnout) जा सकता है?  

क्रोनिक बर्नआउट क्या है? - What is Chronic Burnout In Hindi 

बर्नआउट शब्द का उपयोग तब किया जाता है जब व्यक्ति अत्यधिक वर्क प्रेशर, मानसिक दबाव और तनाव (Stress) के कारण मानसिक और शारीरिक रूप से थकान महसूस करने लगता है। जब यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है और व्यक्ति इससे बाहर नहीं निकल पाता, तो इसे क्रोनिक बर्नआउट (Chronic Burnout) कहा जाता है। यह न केवल कार्यक्षमता को कम करता है बल्कि इसकी वजह से व्यक्ति की जीवनशैली भी प्रभावित हो सकती है। 

What is Chronic Burnout

क्रोनिक बर्नआउट के कारण - Causes Of Chronic Burnout In Hindi

  • कार्यस्थल पर अत्यधिक दबाव में काम करना - ऑफिस में काम में काम करे बढ़ते प्रेशर, समय सीमा (डेडलाइन) को लेकर तनाव, और काम की अधिकता से बर्नआउट (burnout in the workplace) हो सकता है।
  • ऑफिस और घर के बीच संतुलन न बना पाना - जब व्यक्ति अपने ऑफिस और घर के बीच टाइम को मैनेज नहीं कर पाता है, तो उसको क्रोनिक बर्नआउट होने की संभावना अधिक होती है। 
  • लगातार तनाव में रहना - लंबे समय तक मानसिक या भावनात्मक स्ट्रेस में रहने के चलते व्यक्ति को क्रोनिक बर्नआउट हो सकता है।
  • नींद में कमी - पर्याप्त नींद न लेने और आराम के लिए कम समय मिलने से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक थकान हो सकती है। 
  • खुद से अधिक अपेक्षाएं रखना - जब व्यक्ति खुद से या अन्य लोगों से अत्यधिक अपेक्षाएं रखता है, तो उनके पूरा न होने पर व्यक्ति को मानसिक रूप से दबाव महसूस होता है, जो बर्नआउट का कारण बन सकता है।

क्रोनिक बर्नआउट के लक्षण - Symptoms Of Chronic Burnout In Hindi 

  • हमेशा थकान महसूस करना 
  • व्यवहार में तेजी से बदलाव होना
  • काम करने की रुचि कम होना
  • चिड़चिड़ापन बने रहना
  • लोगों से दूरी बनाना
  • अनिद्रा की समस्या
  • सिर दर्द और पाचन क्रिया प्रभावित होना, आदि। 

क्रोनिक बर्नआउट की रोकथाम के उपाय - Prevention Tips Of Chronic Burnout In Hindi 

  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। नियमित रूप से व्यायाम और योग जैसे मेडिटेशन करने से थकान में आराम मिलता है। 
  • डाइट में पोष्टिक चीजों को शामल करें। 
  • खुद के लिए समय निकालें। अपने शौक, रुचियों और मनोरंजन के लिए समय निकालें। 
  • अपने समय को सही तरीके से मैनेज करने के लिए टाइम टेबल बनाएं।
  • दोस्तों और करीबियों के साथ समय बिताएं और बातों को शेयर करें। 
  • रोजाना 7 से 8 घंटें की नींद लें। 
  • अगर ज्यादा स्ट्रेस महसूस करें, तो कुछ दिनों के लिए छुट्टी लें और घूमने जाएं। 

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Chronic Burnout Symptoms And Prevention Tips: क्रोनिक बर्नआउट एक गंभीर स्थिति है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यह केवल मानसिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। ऐसे में आप डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही, सकारात्मक सोच से आप स्ट्रेस को दूर कर सकते हैं। 

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