हैजा एक संक्रामक बीमारी है, जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक किसी की भी आंतों को प्रभावित कर सकती है। हैजा होने पर किसी व्यक्ति को पानी की तरह पतले दस्त लग सकते हैं। हैजा का उपचार समय रहते न किया जाए तो पानी की कमी (dehydration) हो सकती है, जिससे किसी की जान भी जा सकती है। यह बीमारी गर्भवती महिलाओं और बच्चों में होने की संभावना अधिक होती है क्योंकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। हैजा होने से व्यक्ति के शरीर से पानी के साथ कई जरूरी तत्व भी बाहर निकल जाते हैं। हैजा विब्रियो कोलेर नामक एक जीवाणु से दूषित भोजन या पीने के पानी के कारण होता है|
हैजा एक अत्यंत उग्र रोग होता है, जो गंदगी भरे स्थानों, भीड़, युद्ध और अकाल वाले स्थानों पर सबसे आम होता है। हैजा का इलाज आसानी से किया जाता है। नोएडा स्थित जेपी अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर माणिक शर्मा ने बताया कि हैजा एक संक्रामक रोग है जो गंभीर दस्त का कारण बनता है। यह दूषित पानी या भोजन के कारण होता है जिसमें विब्रियो हैजा नामक एक बैक्टीरिया का एक रूप होता है। स्वच्छता से रहित इलाकों में हैजा आम है।
हैजा के लक्षण
- त्वचा की लोच की कमी।
- अत्यधिक पतला मल आना।
- दिल की दर तेज़ होना।
- मांसपेशियों में ऐंठन।
- सूखी झिल्ली जो नाक, गले और पलकों और मुंह पर बनती हैं।
- अत्यधिक प्यास लगना।
- उल्टी आना।
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हैजा से बचाव के तरीके
- हैजा से बचने के लिए हैजा का टीकाकरण करवाएं।
- बिना उबले दूध का सेवन न करें।
- पूरी तरह से पका व गर्म खाना खाएं।
- स्वच्छता बनाए रखें।
- ठहरे पानी वाली जगह न रहें।
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हैजा से शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव
- हैजा जल्दी ही घातक रूप ले सकता है।
- तेजी से निर्जलीकरण होने के कारण।
- किडनी फेल होना।
- पोटेशियम की कमी होना।
- ब्लड शुगर का स्तर कम होना।
हैजा से प्रभावित होने वाले शरीर के अंगों के सवाल पर डॉक्टर माणिक शर्मा ने बताया कि हैजा शरीर मे तेज़ी से निर्जलीकरण करता है। ऐसे में ब्लड शुगर कम होना, किडनी फेल होना, दिल की धकड़न तेज चल सकती है।
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