Children Day 2019: बच्चों को जरूर सिखाएं ये 4 बातें, बच्‍चा बनेगा होशियार और बुद्धिमान

आज यानि कि 14 नवंबर को देशभर में बाल दिवस यानि कि चिल्ड्रन डे मनाया जा रहा है।
  • SHARE
  • FOLLOW
Children Day 2019: बच्चों को जरूर सिखाएं ये 4 बातें, बच्‍चा बनेगा होशियार और बुद्धिमान


हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का जन्म हुआ था। नेहरु के बच्चों के प्रति विशेष स्नेह के कारण ही उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है। नेहरु जी बच्चों को देश के भविष्य की तरह देखते थे और इस बात में कोई शक नहीं है कि बच्चे देश का भविष्य हैं। अगर हम आजकल के बच्चों की तुलना पहले के बच्चों से करें तो दोनों के बीच में एक बड़ा अंतराल देखने को मिलेगा। पहले के बच्चों में सहनशक्ति, शांति, धैर्य और धीरज काफी होता था। जबकि आजकल के बच्चे थोड़े गुस्से वाले और चिड़चिड़े हो गए हैं। ऐसे में माता—पिता का फर्ज़ बनता है कि वो अपने बच्चों के साथ सख्ती नहीं बल्कि प्यार और दोस्त बन कर पेश आए।

आजकल एकल परिवारों में रहने वाले छोटे और स्कूली उम्र के बच्चों में शेयरिंग की आदत थोड़ी देर से विकसित होती है। आप उसके दोस्तों को अपने यहां बुलाएं और कभी-कभी उसे भी उनके घर लेकर जाएं। इससे वह अपनी चीजें दूसरों के साथ शेयर करना, दोस्तों के खिलौनों से खेलने के बाद उन्हें वापस करना, खेल के दौरान पार्क में अपनी बारी का इंतज़ार करना जैसे सामान्य सामाजिक व्यवहार आसानी से सीख जाएगा।

इसे भी पढ़ें : बच्‍चे में चिड़चिड़ापन देता है कई संकेत न करें इसे नज़रअंदाज

आप अपने बच्चों से उसकी रुचि से जुड़े घरेलू कार्यों में व्यस्त रखने की कोशिश करें। अपने घर में यह नियम बनाएं कि आप दोनों रोज़ाना कम से कम दो घंटे मोबाइल और इंटरनेट जैसी टेक्नोलॉजी से पूरी तरह दूर रहेंगी। इससे इंटरनेट के अलावा दूसरी गतिविधियों में उसकी रुचि विकसित होने लगेगी और उसकी इस आदत में भी बदलाव आएगा। आजकल स्कूली बच्चों में बुलिंग बिहेवियर एक ऐसी गंभीर समस्या बन चुका है, जो उन्हें झगड़ालू और हिंसक बना रहा है। अगर आपके बच्चे के साथ भी ऐसी समस्या है तो इन सुझावों पर अमल करें :

इसे भी पढ़ें : शिशु की परवरिश के वक्त जरूर ध्यान रखें ये 6 बातें

  • सबसे पहले अपने बच्चे को यह समझाएं कि चाहे घर हो या स्कूल, उसका ऐसा व्यवहार कहीं भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
  • बच्चे के ऐसे व्यवहार का सही कारण जानकर पहले उसे दूर करने की कोशिश करें। कई बार बच्चे असुरक्षा, क्रोध या निराशा जैसी नकारात्मक भावनाओं को सही ढंग से मैनेज नहीं कर पाते तो उनमें चिड़चिड़ापन आ जाता है।
  • उसे समझाएं कि रंग-रूप, आर्थिक स्थिति या किसी भी कमज़ोरी के आधार पर दूसरों का मजाक उड़ाना गलत है।
  • बच्चे घर से ही सीखते हैं। इसलिए पेरेंट्स को अपने व्यवहार में हमेशा शालीनता बरतनी चाहिए। बच्चे की हर समस्या पर उससे बातचीत करें। उसे यह भरोसा दिलाएं कि आप उससे बहुत प्यार करती हैं और हर परेशानी का हल ढूंढने में उसकी मदद करेंगी।

Read More Articles On Parenting

Read Next

पति-पत्‍नी की अनबन और तलाक होने पर इन 4 तरीकों से रखें बच्‍चों का ख्‍याल ताकि न हो उनका भविष्य खराब

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version