बचपन के दौरान गंभीर संक्रमण से, जिससे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा हो, किशोरावस्था में अकादमिक प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है। इस शोध का प्रकाशन ‘द पेडियाट्रिक इंफेक्शस डिजीज जर्नल’ में किया गया है। इसमें कहा गया है कि संक्रमण की वजह से ज्यादा बार अस्पताल में भर्ती होने से नौवीं कक्षा को पूरा करने की संभावना कम होती है, साथ ही साथ इम्तिहान में कम अंक आने की संभावना रहती है।
अध्ययन के सह लेखक डेनमार्क के आरहुस विश्वविद्यालय अस्पताल के कोहलर-फोसबर्ग ने कहा, “हमारे निष्कर्ष खास तौर से बचपन के दौरान गंभीर संक्रमण व किशोरावस्था के ज्ञान संबंधी उपलब्धि के जुड़े होने के संदर्भ में हमारी समझ को विस्तार देते हैं।” इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने डेनमार्क में 1987 से 1997 के बीच जन्मे 598,553 बच्चों के डाटा को शामिल किया।
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ये चीजें भी प्रभावित करती है बच्चों का स्वास्थ्य
एक शोध से पता चला है कि अगर कोई पिता एनर्जी ड्रिंक का सेवन करता है, तो आगे आने वाले समय में उसके बच्चे को कई तरह के मानसिक समस्याओं को झेलना पड़ सकता है। अगर पिता फूड सप्लीमेंट जैसे एनर्जी ड्रिंक या फोलिक एसिड पिल्स का अत्यधिक सेवन करता है तो बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य से संबंधी कई समस्याओं पर प्रभाव पड़ सकता है। यह बात चूहों पर किए गए परीक्षण में साबित हो चुकी है।
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मोलेक्यूलर साइकाइट्री जर्नल में छपे अध्ययन के अनुसार, जब नर चूहों को मिथाइल डोनर्स जैसे फोलिक एसिड, मेथियोनीन और विटामिन बी 12 खिलाया गया, तो उनके वंशज ने लर्निंग और मेमोरी टेस्ट में अच्छा परफॉर्म नहीं किया। शोधकर्ताओं ने कहा कि डाइट जीनोम में एपिगेनेटिक पैटर्न को प्रभावित करती है और यह रीप्रोग्रामिंग कुछ हद तक शुक्राणुओं के माध्यम से अगली पीढ़ी में स्थानांतरित किया जाता है। इससे पता चलता है कि ऐसे उच्च सांद्रता के मिथाइल डोनर्स का सेवन करने से मानव पर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर एनर्जी ड्रिंक या फोलिक एसिड पिल्स की अत्यधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो यह अगली पीढ़ी के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
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