किन कारणों से हो सकता है स्वाइन फ्लू

इंफ्लूएंजा वायरस नाक, गले और फेफड़ों को भी प्रभावित करता है। वायरस आपके शरीर में आंखों, नाक अथवा मुंह के जरिये प्रवेश कर सकता है। यह बात याद रखिये सुअर का मांस खाने से स्‍वाइन फ्लू नहीं होता।
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किन कारणों से हो सकता है स्वाइन फ्लू



इंफ्लूएंजा वायरस आपकी नाक की लाइनिंग, गले और फेफड़ों को भी प्रभावित करता है। यह वायरस आपको संक्रमित व्‍यक्ति के संपर्क में आने पर प्रभावित कर सकता है। यह वायरस आपके शरीर में आंखों, नाक अथवा मुंह के जरिये प्रवेश कर सकता है। यह बात याद रखिये सुअर का मांस खाने से स्‍वाइन फ्लू नहीं होता।

swine flu

 

स्‍वाइन फ्लू का वायरस

स्वाइन फ्लू का वायरस बहुत संक्रामक है। यह एक इनसान से दूसरे इनसान के बीच बहुत तेजी से फैलता है। इंफ्लूएंजा ए स्‍वाइन फ्लू वायरस के एक प्रकार ‘एच-1-एन-1‘ द्वारा संक्रमित व्‍यक्ति द्वारा दूसरे व्‍यक्ति को फैलता है। यह वायरस साधारण फ्लू के वायरस की ही फैलता है। जब कोई संक्रमित व्‍यक्ति खांसता या छींकता है, तो छोटी बूदें थोडे समय के लिए हवा में फैल जाती हैं। इन छोटी बूंदों से निकले वायरस कठोर सतह पर आ जाते हैं। इस सतह पर ये वायरस 24 घंटो तक जीवित रह सकते हैं। ये बूंदें करीब एक मीटर (3 फीट) तक पहुंचतीं हैं। 

 

स्‍वाइन फ्लू के कारण

यदि कोई स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति इस संक्रमित हवा में सांस लेता है, तो उसके भी बीमार पड़ने की आशंका बढ़ जाती है। इस संक्रमित सतह को छूने से भी व्‍यक्ति को संक्रमण हो सकता है। हालांकि, लोगों की कमजोर प्रतिरोधक क्षमता इस बीमारी के फैलने का सबसे महत्‍वपूर्ण कारण है। इसीलिए वायरस के संपर्क में आने पर संक्रमित होने का खतरा अधिक रह्ता है।

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वायरस से संक्रमण

साधारण वस्तुएं जैसे दरवाजों के हैंडल, रिमोट कंट्रोल, हैण्ड रैल्स, तकिए, कम्प्यूटर का कीबोर्ड जैसी चीजों के बाह्य भाग संक्रमित बूंद में स्थित वायरस से संक्रमित हो सकती हैं। यदि कोई व्यक्ति इन सतहों को छूता है, और संक्रमित हाथों को अपने मुंह या नाक में रखता है, तो वह स्वाइन फ्लू से संक्रमित हो सकता है। यदि बून्दे किसी कठोर सतह पर बैठती हैं, तो वायरस करीब 24 घंटों तक जीवित रह सकता है, और यदि किसी कोमल सतह पर बैठती हैं, तो वायरस करीब 20 मिनट तक जीवित रह सकता है।

 

Image Courtesy- getty images

 

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