अगर आपके शिशु का वजन सामान्य से कम है, तो हो सकते हैं ये कारण

कई बार कुछ सामान्य समस्याओं के कारण शिशुओं का वजन अपेक्षाकृत नहीं बढ़ पाता है या कम बढ़ पाता है। वजन का धीरे-धीरे बढ़ना या रुक-रुक कर बढ़ना कई कारणों से हो सकता है।
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अगर आपके शिशु का वजन सामान्य से कम है, तो हो सकते हैं ये कारण

हर मां चाहती है कि उसका शिशु स्वस्थ रहे इसके लिए वो उसे पौष्टिक आहार देती है और उसकी हर जरूरत का खयाल रखती है। फिर भी कई बार कुछ सामान्य समस्याओं के कारण शिशुओं का वजन अपेक्षाकृत नहीं बढ़ पाता है या कम बढ़ पाता है। मां अपने बच्चे को लेकर ज्यादा भावुक होती है इसलिए उसे ये बात परेशान कर सकती है। मगर वजन का धीरे-धीरे बढ़ना या रुक-रुक कर बढ़ना कई कारणों से हो सकता है। कई बार कुछ बच्चों का विकास लगातार न होकर रुक-रुक कर होता है इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। अगर आपको वजन में ज्यादा कमी नजर आती है या बच्चे में किसी बीमारी के भी लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। यह चिकित्‍सीय और पर्यावरणीय कारणों के मेल अथवा किसी एक के कारण होने वाली समस्‍या है। इसके कारण बच्‍चा पर्याप्‍त मात्रा में कैलोरी का उपयोग नहीं कर पाता।

शुरुआती समय विकास के लिए महत्वपूर्ण

याद रखिए, बच्‍चे के मानसिक और शारीरिक विकास में शुरुआती तीन वर्ष अहम होते हैं। इस दौरान उसे पर्याप्‍त पोषण दिया जाना जरूरी है। अगर आपके बच्‍चे का वजन जरूरी मानक से 20 फीसदी या उससे अधिक कम है, तो यह चिंता का विषय है। हो सकता है कि डॉक्‍टर बच्‍चे की स्‍‍थूल, रक्‍त व अन्‍य जांच करना जरूरी समझे। डॉक्‍टर इस बात की भी जांच करेगा कि कहीं बच्‍चे को खाने या निगलने में तो परेशानी नहीं हो रही। कई बार समस्‍या का हल आसानी से हो जाता है और कई बार यह गंभीर भी हो सकती है।

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क्या हो सकते हैं कारण

इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। डॉक्‍टर कई बार टेस्‍ट और उनका आंकलन करने में महीनों गुजार सकता है। इसमें वह बच्‍चे के आहार, स्‍वास्‍थ्‍य इतिहास, शारीरिक क्रियाशीलता के अलावा अन्‍य सभी सम्‍भावित कारणों के मद्देनजर समस्‍या के मूल तक पहुंचने का प्रयास करता है। बच्‍चे का वजन सही प्रकार से न बढ़ने का कारण उसे पर्याप्‍त मात्रा में पोषण नहीं मिल पाना हो सकता है अथवा वह उन पौष्टिक तत्‍वों को सही प्रकार से अवशोषित नहीं कर पा रहा है।

स्‍तनपान से जुड़ी समस्‍यायें

  • सम्‍भव है कि स्‍तनपान करते समय आपका बच्‍चा थककर सो रहा है और इसी के चलते वह जरूरी मात्रा में दूध का सेवन भी न कर पा रहा हो।
  • यह भी संभव है कि उसे दूध पीने में दिक्‍कत हो रही हो।
  • अगर आप तनाव या दर्द से जूझ रही हैं, तो इससे भी आपके स्‍तनों से दूध का स्राव कम हो जाता है जिसके कारण बच्‍चा पर्याप्‍त मात्रा में दूध नहीं पी पाता। अगर यह समस्‍या -गंभीर रूप ले ले, तो इसका बच्‍चे के स्‍वास्‍थ्‍य पर गंभीर और दीर्घकालिक असर पड़ सकता हैं।
  • कई बार आप बच्‍चे को एक निश्‍चित समय पर ही स्‍तनपान करवाती हैं। संभव है कि उसे उस समय भूख न हो। याद रखिए बच्‍चे को स्‍तनपान तभी करवाना चाहिए जब वह भूखा हो न कि अपनी मर्जी के अनुसार। ज्‍यादातर जानकार मानते हैं कि आपके बच्‍चे को तब तक स्‍तनपान अथवा बोतल से दूध पिलाना चाहिए, जब तक वह उससे दूध पीना चाहता है।

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ये भी हो सकती है वजह

  • संभव है कि बीमारी के कारण बच्‍चे की भूख कम हो गई हो।
  • यह भी संभव है कि उसे डायरिया, रिफ्लक्‍स और दुग्‍ध असहिष्‍णुता हो गई हो।
  • अगर आपको डिप्रेशन है या किसी अन्‍य कारण से आप अपने बच्‍चे पर पूरा ध्‍यान नहीं दे पा रही। तो यह भी एक कारण हो सकता है।
  • कुछ दुर्लभ मामलों में वजन न बढ़ने की यह तकलीफ सिस्टिक फाइब्रोसिस, हृदय रोग और सीलिएक बीमारी का रूप भी ले सकती है। जो भी है, जरूरत इस बात की है कि आप अपने बच्‍चे में इस समस्‍या की जल्‍द पहचान कर उसका इलाज करवाएं।

इस बात का ध्‍यान रखें कि एक ओर जहां आपके बच्‍चे का सही गति से वजन बढ़ते रहना जरूरी है, वहीं इस बात का भी ध्‍यान रखें कि आपका बच्‍चा कुछ समय तक वजन कम करने के बाद तेजी से उसे हासिल भी कर सकता है। बच्‍चे का वजन स्‍मूथ तरीके से बढ़े ऐसा बिल्‍कुल भी जरूरी नहीं। वजन बढ़ने और कम होने की गति बदलती रहती है। बीमारी व अन्‍य कारणों से वजन बढ़ना अस्‍थायी रूप से रुक भी सकता है। लेकिन, फिर भी आपको बच्‍चे की सेहत की निगरानी रखनी जरूरी है।

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