
Heart Attack: कोरोना महामारी के बाद दुनियाभर में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पहले हार्ट अटैक के मामले सिर्फ बुजुर्गों में देखने को मिलते थे, लेकिन पिछले 2 सालों में 18 से 20 साल की उम्र के युवाओं में भी ये बीमारी देखने को मिल रही है। कुछ समय में कई टीवी और बॉलीवुड स्टार भी हार्ट अटैक की वजह से दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। कोरोना के बाद ज्यादातर हार्ट अटैक के मामले में उन्हीं लोगों में देखे जा रहे हैं जो एक्सरसाइज करते हैं और हेल्दी डाइट लेते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट का मामला है कि दिल का दौरा पड़ने की संभावना सुबह से समय ज्यादा होती है। हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के बीच ये सवाल पूछा जाना लाजमी है कि क्या किसी व्यक्ति को सोते हुए हार्ट अटैक आ सकता है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने हृदय रोग विशेषज्ञ और एम्स के पूर्व सलाहकार और साओल हार्ट सेंटर के संस्थापक डॉ. बिमल छाजेर से बातचीत की।
क्या सोते समय आपको दिल का दौरा पड़ सकता है? - Can You Have a Heart Attack While Sleeping?
डॉ. बिमल छाजेर का कहना है कि ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना ज्यादा होती है। दुनिया भर में दिल के दौरे की घटनाएं बढ़ रही हैं और जैसे-जैसे मामलों की संख्या में वृद्धि हो रही है, नींद में भी दिल के दौरे के मामले बढ़ रहे हैं। नींद में हार्ट अटैक लगभग 10% व्यक्तियों को प्रभावित करता है, जिसमें सबसे आम समय सुबह का समय होता है जब शरीर में न्यूरो हार्मोन का उछाल अधिक होता है। नींद में हार्ट अटैक का खतरा उन लोगों को ज्यादा रहता है जो डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया और मोटापे से पीड़ित हैं।
डॉक्टर का कहना है कि नींद में हार्ट अटैक का खतरा इसलिए होता है क्योंकि जब कोई व्यक्ति सोता है, तो शरीर के अंदर मौजूद सभी मांसपेशियां आराम करती हैं, जिसमें गर्दन और गले के अंदर मौजूद मांसपेशियां भी शामिल होती हैं। सोते समय व्यक्ति के गर्दन के टिशू ज्यादा काम करते हैं जो शरीर के वायु मार्ग पर दबाव डालते हैं, जिसकी वजह से हम खुलकर सांस नहीं ले पाते हैं। खुलकर सांस लेने की वजह से या तो हम खर्राटे लेते हैं या फिर सांस लेना बंद कर देते हैं। इन सभी की वजह से शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिसकी वजह से हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।
सोते समय दिल का दौरा पड़ने का एक अन्य कारण क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया डिसऑर्डर है। सोते समय प्रत्येक व्यक्ति का रक्तचाप गिर जाता है और यदि किसी को स्लीप एपनिया है, तो रक्तचाप गिर नहीं सकता है लेकिन उच्च रक्तचाप हो सकता है क्योंकि हर बार शरीर के अंदर ऑक्सीजन का स्तर गिर जाता है, रक्तचाप बढ़ जाता है और एड्रेनालाईन की वृद्धि का कारण बनता है, यह सब हृदय पर अत्यधिक तनाव डाल सकता है और रक्तचाप को सामान्य करने के लिए अधिक मेहनत कर सकता है। इससे आपके हृदय पर तनाव बढ़ जाता है क्योंकि ब्लड प्रेशर को मेंटेन करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है और ऐसे में आप को दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती है।
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