
न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में क्लीनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड डायग्नोस्टिक इम्मुनोलोजी के डायरेक्टर, डॉ. फिलिप टरैनो कहते हैं कि, इस बात में कोई शक नहीं है किटॉयलेट सीट पर काफी कीटाणु होते हैं। लेकिन सबसे बड़ा खतरा दरअसल कहीं और ही होता है।
सार्वजनिक शौचालय (Public Toilet) का इस्तेमाल करने से हममे से कई लोग हिचकिचाते हैं। क्योंकि हमें डर होता है कि हमें सीट पर बैठने से कई कीटाणु लग सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे बड़ा खतरा टॉयलेट सीट पर बैठने से नहीं होता है, बल्कि बड़ा खतरा तो कहीं और ही छुपा होता है। चलिये जानें सार्वजनिक शौचालय से किस तरह लग सकते हैं कीटाणु।
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इस बात में कोई शक नही है कि सार्वजनिक शौचालय रोगाणु-ग्रस्त स्थान होते हैं। इन्फेक्शस डिज़ीज़ सोसाइटी ऑफ अमेरिका की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत एक अध्ययन के अनुसार, वैज्ञानिकों ने अलग-अलग सार्वजनिक टॉयलेट्स के नमूनों का अध्ययन किया और पाया कि इन जगहों पर बीमारी का कारण बनने वाले बैक्टीरिया की संख्या बहुत ज्यादा थी। साफ और सूखे दिखने वाले टॉयलेट्स में भी बड़ी संख्या में काटाणु थे, तो गंदे और गीले टॉयलेट की तो बात ही क्या होगी। और जब अमेरिका का ये हाल है तो हमारे भारत (जहां पहले तो सार्वजनिक शौचालय हैं ही नहीं और जितने हैं उनकी हालत खस्ता है) के सार्वजनिक शौचालयों की क्या हालत होगी! ऐसे में अगर लोगों को सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करते हैं तो वे टॉयलेट सीट पर नहीं बैठते हैं।
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टॉयलेट सीट नहीं है सबसे बड़ा खतरा
न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में क्लीनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड डायग्नोस्टिक इम्मुनोलोजी के डायरेक्टर, डॉ. फिलिप टरैनो कहते हैं कि, इस बात में कोई शक नहीं है किटॉयलेट सीट पर काफी कीटाणु होते हैं। जीवों में अधिकतर मूल रूप से मल-जनित बैक्टीरिया होते हैं। इनमें, ई. कोलाई (खूनी दस्त और पेट में ऐंठन पैदा कर सकता है), स्ट्रेप्टोकोकस (गले के संक्रमण के पीछे का बग) तथा एस. औरियस (गंभीर त्वचा की समस्याओं या निमोनिया से जुड़ा बैक्टीरिया) आदि शामिल होते हैं। लेकिन सिर्फ इसलिए कि वे सीट पर मौजूद हैं, का ये मतलब नहीं है कि वे आपको बीमार बना देंगे। क्योंकि त्वचा बहुत प्रभावी ढंग से कीटाणुओं को रोकने के लियेएक परत के रूप में कार्य करती है (जब तक कि आपकी त्वचा पर कोई खुला घाव न हो)।
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इन जीवधारी मानव शरीर के बाहर लंबे समय के लिए जीवित नहीं रहते हैं, विशेष रूप से ठंडी और कठोर टॉयलेट सीट पर तो नहीं। शरीर को संक्रमित करने के लिए इन्हें किसी खुले कट या घाव या फिर म्यूकस झिल्ली (उदाहरण के लिए, अपने मुंह या मलाशय) के माध्यम से भीतर जाने की ज़रूरत पड़ती है। जो सामान्यतौर पर टॉयलेट सीट के संपर्क में आने से नहीं मिलते हैं।
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क्या कागज सीट संरक्षक (paper seat protectors) का उपयोग करना सुरक्षा देता है?
डॉ. फिलिप टरैनो के अनुसार इनसे कोई खास सुरक्षा नहीं मिलती है। क्योंकि ये बेहद पतले होते हैं और जल्दी फट जाते हैं। अगर आप इनका इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इन्हें दोहरा कर लें और फिर सिट पर लगाएं। वे कहते हैं कि स्वचालित रूप से बदले जाने वाले प्लास्टिक कवर बेहतर होते हैं, हालांकि इस तरह के सुरक्षा विकल्प भौतिक सुरक्षा के बजाए मनोवैज्ञानिक रूप से ज्यादा सुरक्षा देते हैं। देखिये यदि टॉयलेट सिट गंदी दिख रही है तो सामान्यबोध का इस्तेमाल करते हुए उसका इस्तेमाल न करना ही सही है, लेकिन अगर वो साफ दिख रही है तो इस्तेमाल किया जा सकता है।
रोगाणु सच में कहां छिपे रहते हैं?
वास्तव में कीटणु टॉयलेट सीट की तुलना में उसके नीचे ज्यादा होते हैं। जब आप इस्तेमाल के बाद फ्लश करते हैं तो न सिर्फ आपके लबल्कि बाली लोगों के मल के कीटाणु भी संपर्क में आ जाते हैं। जब आप फ्लश करते हैं तो पानी की छीटों के साथ कई सारे लोगों के मल से आए व अन्य कटाणु बाहर गिरते हैं। तो फ्लश करने पर आपको टॉयलेट सीट से दूर हो जाना चाहिए। एबीसी न्यूज़ सार्वजनिक बाथरूम में सबसे ज्यादा कीटाणुओं वाली जगहों की जांच में पाया कि सार्वजनिक बाथरूम में प्रति वर्ग इंच 2 लाख बैक्टीरिया होते हैं। इसलिये जब अगर आप सार्वजनिक बाथरूम इस्तेमाल कर रहे हैं तो अपने बैग को नीचे न रखें।
कहां है असली खतरा और क्या है बचाव
डॉ. फिलिप टरैनो चेताते हैं कि, कीटाणुओं के लगने का असली खतरा हाथों से होता है और 10 सबसे मलीन चीज़ें आपकी अंगुलिया होती हैं। कीटाणु आपके हाथों पर लग जाते हैं और जब हम अपनी आंखों, नाक या मुंह को हाथ लगाते हैं तो ये शरीर के भीतर चले जाते हैं और फिर आगे फैलते हैं। इसलिये बाथरूम का उपयोग करने के बाद साबुन और पानी से हाथों को अच्छे से धोने इतना महत्वपूर्ण होता है।
2010 के एक अध्ययन में, अमेरिकन सोसाइटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी ने पाया कि केवल 77 प्रतिशत पुरुषों ही बाथरूम से रवाना होने से पहले अपने हाथ धोते हैं, जबकि 93 प्रतिशत महिलाएं बाथरूम इस्तेमाल करने के बाद हाथ धोती हैं। तो कुल मिलाकर बात ऐसी है कि आपको बाथरूम से ज्यादा इसके इस्तेमाल के बाद हाथ धोने की चिंता करने की जरूरत है।
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