प्राचीन यूनानी चिकित्सकों का कहना था कि हमारी सांस हमारी सेहत का बहुत बड़ा आईना होती है। लेकिन इजराइल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने इस बात को साबित कर दिखाया है।
उन्होंने एक ऐसी डिवाइस विकसित की है जोकि सांस से नैनोपार्टिकल्स का प्रयोग करके कैंसर और पार्किंसन समेत 17 विभिन्न बीमारियों की पहचान कर सकती है। हालांकि ये मशीन अभी क्लीनकल जांच के लिए एकदम सटीक नहीं है लेकिन इससे इन बीमारियों के शुरुआती चरण में पहचान की उम्मीद दिखी है।
चिकित्सक किफायती और नॉन इनवेसिव उपकरण की मदद से जल्द ही मरीजों में पार्किंसन और विभिन्न तरह के कैंसर समेत 17 भिन्न और असंबद्ध बीमारियों के खतरे का पता लगाने में सक्षम होंगे। इजरायल के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा विकसित उपकरण की मदद से सांस के नमूनों से ही इन बीमरियों के खतरों का पता लगाया जा सकेगा।
सांस के नमूनों पर आधारित क्लीनकल तकनीक का अतीत में कई बार प्रदर्शन किया जा चुका है लेकिन अब तक इस परिकल्पना से जुड़ा कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं मिल सका था कि भिन्न और असंबद्ध बीमारियों का निर्धारण सांस के आधार पर हो सके। इस तरह के क्लीनकल जांच के लिए अब तक विकसित की गयी तकनीक से बहुत कम छोटे स्तर पर ही ऐसा हो पा रहा था। इस अध्ययन का प्रकाशन एसीएस नैनो ने किया है।
Image Source: Daily Mail&TreeHugger
NewS source: engadget
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