आमतौर पर किसी मेजर सर्जरी, कमर में दर्द, फ्रैक्चर और गर्भावस्था के दौरान या उसके बाद कोई समस्या होने पर डॉक्टर मरीज़ को घर में आराम करने की सलाह देते हैं। ऐसी स्थिति में शारीरिक व्यायाम बिलकुल न के बराबर होने से अन्य समस्याएं भी होने लगती हैं। आमतौर पर महिलाएं अपने प्रेंगनेंट होने की खबर सुनने के बाद ज्यादा से ज्यादा आराम यानी बेड रेस्ट करने लगती है। उन्हें लगता है कि इस समय उन्हें आराम करना चाहिए इसीलिए महिलाएं कामकाज और यहां तक कि हल्के फुल्के शारीरिक व्यायाम भी करना छोड़ देती हैं जो कि गलत है। यह आप और आपके होने वाले बच्चे, दोनों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसी तरह से अन्य बीमारियों में भी होता है। आज हम आपको ज्यादा बेड रेस्ट करने के नुकसान बता रहे हैं। आइए जानते हैं क्या हैं ये—
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हो सकती हैं ये समस्याएं
- बेड रेस्ट की सलाह आराम करने के लिए दी जाती है पर कई बार ज़्यादा आराम करना भी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो जाता है।
- आमतौर पर खाने को पचने में तीन घंटे का समय लगता है पर सारा दिन लेटे रहने पर वह ज़्यादा समय लेता है। इससे खाने से पहले या बाद में ली जाने वाली दवाइयों का साइड इफेक्ट बढ़ जाता है।
- कोई काम न होने और अकेलेपन की वजह से स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है।
- धूप न मिलने से विटमिन डी की कमी हो सकती है, जिससे व्यक्ति को कमज़ोरी महसूस होने लगती है।
रखें अपना खयाल
- शरीर को थकने से बचाने के लिए आराम करना बहुत ज़रूरी होता है। बेड रेस्ट के दौरान खुद को फिट रखने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है।
- कमर या कूल्हे/पैरों में फ्रैक्चर के दौरान बेड रेस्ट करने पर पैरों की उंगलियों को हर 15 मिनट में हिलाते रहें, जिससे कि ब्लड सर्कुलेशन बना रहे।
- गर्भावस्था के दौरान या अबॉर्शन होनेे की स्थिति में बेड रेस्ट की सलाह मिली हो तो हर दो घंटे पर करवट बदलने के साथ ही अपनी उंगलियां भी चलाती रहें।
- बच्चों के लिए ऐसी स्थिति ज़्यादा मुश्किल हो जाती है। दर्द व समस्या से ध्यान बंटाने के लिए उन्हें कहानियां सुनाएं, कुछ देर के लिए टीवी देखने दें या उनका मन हो तो कुछ पढऩे को दे दें।
- बुज़ुर्गों के लिए भी अकेले समय काटना बहुत कठिन हो जाता है। लेटे-लेटे ही जो काम किए जा सकें, ज़रूरत होने पर उन्हें सौंप दें। इससे वे उपेक्षित महसूस नहीं करेंगे।
रहे ध्यान इन बातों का ध्यान
- लॉन्ग टर्म तक बेड रेस्ट करने पर एयर/वॉटर बेड्स का इस्तेमाल करें।
- मोबाइल व अन्य तकनीकी संसाधनों का प्रयोग बेहद ज़रूरी होने पर ही करें।
- नमक, घी-तेल व मीठी चीज़ों का सेवन कम कर दें, अन्यथा वज़न बढ़ सकता है।
- लॉन्ग टर्म के बेड रेस्ट के दौरान अकसर समय का खयाल नहीं रहता है। कोशिश करें कि सभी दवाइयां व खाना समय पर खाएं।कई कंपनियों में 'वर्क फ्रॉम होम' का कल्चर बढ़ता जा रहा है पर आराम का मतलब सिर्फ आराम होता है। अपने आसपास लोगों की भीड़ इकट्ठी न करें, बातों में ऊर्जा व्यर्थ करने के बजाय आराम करें।
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