उत्कटासन एक बहुत आसान योगासन है, जिसे कोई भी आसानी से कर सकता है। उत्कटासन पूरे शरीर के लिए फायदेमंद होता है, इसलिए अगर आप दिन में कोई भी एक्सरसाइज नहीं करते हैं, तो उत्कटासन जरूर करें। अगर आप पीठ दर्द, कमर दर्द से परेशान हैं या रीढ़ की हड्डी और फेफड़ों को मजबूत बनाना चाहते हैं, तो उत्कटासन का अभ्यास करें, आपको फायदा मिलेगा। ये आसन शरीर में हार्मोन्स के स्तर को संतुलित करता है और ऊर्जा का संचार करता है। देर तक बैठने वाले लोगों जैसे- छात्र, डेस्क जॉब करने वालों आदि के लिए ये योगासन फायदेमंद है।
कैसे करें उत्कटासन
- इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और अपने दोनों पैरों के बीच थोड़ा फासला रखें।
- अब हाथों को सामने की तरफ ऐसे फैलाएं कि आपकी हथेलियां जमीन की तरफ हों।
- अब रीढ़ को सीधे रखते हुए इस तरह नीचे झुकें, जैसे आप किसी कुर्सी पर बैठते हैं।
- हवा में काल्पनिक कुर्सी पर बैठने का ये अभ्यास ही उत्कटासन कहलाता है।
- इस स्थिति में 10-20 सेकंड रुकें और फिर पहले की पोजीशन में आ जाएं।
- बैठते समय सांसों को अंदर खींचें और उठते समय बाहर छोड़ें।
- इस आसन का अभ्यास दिन में 15-20 बार अपनी मर्जी के मुताबिक कर सकते हैं।
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रीढ़ और कमर के लिए फायदेमंद है उत्कटासन
उत्कटासन करते समय आपके रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आता है और हड्डियां सीधी हो जाती हैं इसलिए रीढ़ के लिए ये आसन फायदेमंद है। इसके साथ ही ये आसन कमर दर्द, पीठ दर्द आदि में भी बहुत फायदेमंद है।
कूल्हों को लाए शेप में
अगर आपके कूल्हों के आसपास ज्यादा जर्बी जमा हो गई है या कूल्हे सही शेप में नहीं हैं, तो उत्कटासन का अभ्यास आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। इस आसन को नियमित करने से आपके कूल्हों का आकार अच्छा होता है और अतिरिक्त चर्बी घट जाती है। उत्कटासन कोरमांसपेशियों (जांघों और नितंबों) को मजबूत बनाने और टोन में मदद करता है।
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फेफड़ों के लिए फायदेमंद है उत्कटासन
उत्कटासन के दौरान आप सांस को बाहर लेते और छोड़ते हैं इसलिए आपकी छाती में शुद्ध हवा का प्रवाह बढ़ जाता है। इसके साथ ही इस आसन के अभ्यास से आपके फेफड़ों की मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं, जिससे आपको फेफड़ों से जुड़े रोगों का खतरा कम हो जाता है।
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