
सोरायसिस एक सामान्य त्वचा की स्थिति है जिसमें त्वचा पर लाल परतदार चकत्ते दिखाई देने लगते हैं। यह आपको बार-बार हो सकती है यानी सोरायसिस एक क्रॉनिक डिजीज है जो अक्सर आती है और चली जाती है। ऐसा रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी के कारण होता है। आमतौर पर हमारी त्वचा कोशिकाओं के निर्माण में 28 दिनों का समय लगता है लेकिन सोरायसिस से ग्रसित व्यक्तियों में 4 से 5 दिनों में ही नई कोशिकाओं का उत्पादन करने लगती है, जिससे कोशिकाएं फ्रीज होने लगती है जोकि खुजली के साथ त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ने लगते हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो सोरायसिस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन आप इनके लक्षणों का प्रबंधन कर सकते हैं। जीवनशैली में परिवर्तन, जैसे कि मॉइस्चराइजिंग, धूम्रपान छोड़ना और तनाव का प्रबंधन कर इससे बचा जा सकता है। पुराने जमाने में सोरायसिस को बार-बार होने से रोकने के लिए लोग केले के छिलके का प्रयोग करते थे। हालांकि इसका प्रयोग आप चिकित्सक की सलाह के बगैर न करें।
सोरायसिस के इलाज के केले के छिलका ही क्यों ?
सामान्य तौर पर, केले के छिलके में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल त्वचा को कोमल बनाने के साथ बाहरी नुकसान जैसे सूरज की गर्मी से रक्षा करते हैं। केले के छिलके में एस्टरीकृत फैटी एसिड होता है, जो एक्जिमा और सोरायसिस का इलाज करता है।
सोरायसिस उपचार के लिए केले के छिलके का उपयोग कैसे करें:
त्वचा रोगों से छुटकारा पाने के लिए केले के छिलके का कई तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है। आइए सोरायसिस के इलाज के लिए केले के छिलके के उपयोग के ऐसे ही कुछ तरीकों के बारे में जानते हैं।
1. केले और तारकोल का पेस्ट
जर्नल ऑफ डर्माटलॉजिकल ट्रीटमेंट में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, तारकोल और केले के छिलके सोरायसिस के इलाज के लिए बेहतर तरीके से काम करते है। इस दिलचस्प पेस्ट को बाहरी तौर पर लगाने से आपको सोरायसिस से राहत मिल सकती है। इस पेस्ट को बनाने के लिए, कुछ केले के छिलके लेकर इन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काट दें। फिर इसे ब्लेंडर में कुछ मिनट के लिए पीस लें। फिर इस छिलके के पेस्ट में तारकोल मिला दें। आपका औषधीय पेस्ट तैयार है। अब आप इसे प्रभावित त्वचा पर लगा कर, धीरे से रगड़ें और 30 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें। तारकोल प्राकृतिक कोयले से मिलता है। यह सिर्फ सोरायसिस के लिए ही नहीं बल्कि त्वचा की अन्य समस्याओं के इलाज के लिए भी उपयोगी होता है।
2. सिर्फ केले का छिलके
केले का छोटा सा टुकड़ा लेकर और छिलके के पीछे के हिस्से को प्रभावित त्वचा पर रगड़ें। इसे तब तक रगड़ें जब तक आपकी त्वचा भूरे रंग की न हो जाये। फिर इसे 30 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें। वैकल्पिक रूप से, आप इसे पूरी रात ऐसे भी छोड़ सकते हैं। इसके सूखने पर, फल के छिलके में मौजूद पोषक तत्व और विटामिन को त्वचा अवशोषित कर लेती है। 30 मिनट या अगली सुबह, त्वचा को गुनगुने पानी से धो लें। इस उपाय को एक दिन में कम से कम तीन बार करें। कुछ दिनों तक इस उपाय को करने से आपको पॉजिटिव परिणाम देखने को मिलेगें।
3. छिलके का सेवन
अगर आप फसी किस्म के नहीं है तो छिलके का सेवन वास्तव में वह कर सकता है जैसे आप चाहते हैं। यह सबसे आसान तरीका है। इसके लिए आपको केले के छिलके को नियमित रूप से खाने की जरूरत है। आप फल को छिलके के साथ या सिर्फ छिलके को भी खा सकते हैं। यह आपकी खाने की इच्छा पर निर्भर करता है। लेकिन ध्यान रहें कि केला भी पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
यहां दिये केले के छिलके के उपायों की मदद से आप सोरायसिस का इलाज कर सकते हैं।
Read More Articles on Home Remedies in Hindi