विटामिन बी 6 से शरीर को मिलते हैं ये 5 फायदे, इन आहारों का जरूर करें सेवन

हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए और तरह-तरह के रोगों से बचाव के लिए शरीर को कई तत्वों की जरूरत पड़ती है। विटामिन्स और मिनरल्स दिमाग को पोषण देते हैं और शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता पैदा करते हैं। अंगों के विकास के लिए भी शरीर को अलग-अलग कई विटामिन्स की जरूरत पड़ती है।
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विटामिन बी 6 से शरीर को मिलते हैं ये 5 फायदे, इन आहारों का जरूर करें सेवन


हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए और तरह-तरह के रोगों से बचाव के लिए शरीर को कई तत्वों की जरूरत पड़ती है। विटामिन्स और मिनरल्स दिमाग को पोषण देते हैं और शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता पैदा करते हैं। अंगों के विकास के लिए भी शरीर को अलग-अलग कई विटामिन्स की जरूरत पड़ती है। स्वस्थ रहने के लिए हम हमेशा संतुलित और पौष्टिक आहार अपनाने की कोशिश करते हैं, परन्तु फिर भी कई बार हमारे खानपान में कोई न कोई ऐसी कमी रह ही जाती है, जिससे सेहत संबंधी कई समस्याएं हमें परेशान करने लगती हैं। शरीर को सुचारु रूप से चलाने में विटामिन्स और माइक्रोन्यूट्रीएंट्स बहुत जरूरी होते हैं। विटामिन बी 6 या पायरीडॉक्सामाइन भी शरीर के लिए जरूरी तत्व है। ये त्वचा, इम्यून सिस्टम और मेटाबॉलिज्म आदि को ठीक रखने के लिए बहुत जरूरी है। आइये आपको बताते हैं कि विटामिन बी 6 के क्या लाभ हैं और किन आहारों से मिल सकता है ये विटामिन।

विटामिन बी 6 के लाभ

हमारे जीवन के लिए विटामिन बी 6 बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि जब कभी आप बीमार पड़ते हैं चिकित्सक आपको ऐसा ऐसा आहार खाने की सलाह देते हैं जिनमें विटामिन बी 6 की मात्रा भरपूर हो। ऐसा इसलिए क्योंकि ये विटामिन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को तुरंत दुरुस्त करता है और शरीर को स्वस्थ बनाता है। विटामिन बी 6 पानी में घुलनशील होते हैं और ये हार्ट, स्किन और नर्वस सिस्टम से जुड़े कई रोगों में फायदेमंद होते हैं। इस विटामिन से डिप्रेशन और सुस्ती से भी राहत मिलती है। विटामिन बी 6 शरीर में हार्मोन्स के कंट्रोल के लिए भी बहुत जरूरी है। इसकी कमी से कई तरह के इमोशनल डिस्आर्डर, दिल से जुड़ी बीमारियां, किडनी रोग, मल्टिपल स्क्लेरोसिस, एनीमिया, आर्थराटिस और इंफ्लुएंजा आदि रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

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विटामिन बी 6 की कमी के लक्षण

विटामिन बी 6 की कमी से शरीर में कई तरह के लक्षण देखे जा सकते हैं। इसका सबसे आम लक्षण है थकान और सुस्ती। इसके अलावा भूख न लगना, स्किन अचानक से ड्राई होने लगना, बालों का झड़ना शुरू हो जाना, होंठ फटने लगना, नींद की कमी या इंसोम्निया, मुंह में सूजन, जीभ में सूजन और दर्द आदि भी विटामिन बी 6 की कमी के लक्षण हो सकते हैं। इस विटामिन की कमी के कारण कई बार चलने में परेशानी होना, एनीमिया, चिड़चिड़ापन, कंफ्यूजन और शरीरिक कमजोरी जैसे लक्षण भी देखे जाते हैं।

विटामिन बी 6 के स्रोत

ज्यादातर विटामिन्स और पोषक तत्व हमें आहार के माध्यम से मिलते हैं। विटामिन बी 6 का सबसे अच्छा स्रोत साबुत अनाज जैसे गेंहूं, बाजरा, जौ, मक्का आदि, मटर, ग्रीन बीन्स, अखरोट आदि हैं। मांसाहारी लोगों में इस विटामिन की कमी कम देखी जाती है क्योंकि मछली, अंडे, चिकन, मटन आदि विटामिन बी 6 का अच्छा स्रोत होते हैं। शाकाहारी लोग अनाज और ड्राई फ्रूट्स के अलावा केले, बंद गोभी, सोया बीन्स, गाजर और हरी सब्जियों से भी ये विटामिन आसानी से पा सकते हैं।

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बी कॉम्पलेक्स भी है जरूरी

शरीर को सुचारु रूप से चलाने में विटामिन्स और माइक्रोन्यूट्रीएंट्स बहुत जरूरी होते हैं, पर विटामिन बी कॉम्पलेक्स  एक ऐसा तत्व है, जो मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के सही से काम करने में मदद करता है। विटामिन बी कॉम्पलेक्स मेटॉबालिज्म बढ़ाता है। यह पोषण को ऊर्जा में बदलने के काम करता है। हमारी कोशिकाओं में पाए जाने वाले जीन डीएनए को बनाने और उनकी मरम्मत में सहायता करता है। यह ब्रेन, स्पाइनल कोर्ड और नसों के कुछ तत्वों की रचना में भी सहायक होता है। हमारी लाल रक्त कोशिशओं का निर्माण भी इसी से होता है। यह शरीर के सभी हिस्सों के लिए अलग-अलग तरह के प्रोटीन बनाने का भी काम करता है।

बी कॉम्पलेक्स के स्रोत

मांसाहारी पदार्थों में विटामिन बी कॉम्पलेक्स की भरपूर मात्रा होती है, परन्तु शाकाहारी लोगों को विशेष रूप से अपने भोजन पर ध्यान देना चाहिए। विटामिन बी कॉम्पलेक्स के कुछ मुख्य स्रोत है। हमें डेरी उत्पादों का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिए जैसे दूध, दही, पनीर, चीज, मक्खन, सोया मिल्क आदि। इसके अलावा जमीन के भीतर उगने वाली सब्जियों जैसे आलू, गाजर, मूली, शलजम, चुकंदर आदि में भी विटामिन बी आंशिक रूप से पाया जाता है।

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