कई होम्योपैथी दवाओं में इस्तेमाल होती है बीन्स, जानें इसे खाने के 5 बड़े फायदे

बीन्स एक ऐसी सब्जी है जो पोषक तत्वों से लैस होती है। बीन्स का प्रयोग रूमेटिक, आर्थराइटिस तथा मूत्र मली में समस्या की दवा बनाने के लिए किया जाता है। बीन्स में एन्टीआक्सीडेंट की मात्रा भी काफी होती है। एन्टीआक्सीडेंट शरीर में कोशिकाओं की मरम्मत के लिए अच्छा माना जाता है। बीन्स में फ्लेवोनॉइड्स के साथ-साथ केंपफ्रेरॉल और क्यूरेस्टिन होता है जो कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकती हैं। 
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कई होम्योपैथी दवाओं में इस्तेमाल होती है बीन्स, जानें इसे खाने के 5  बड़े फायदे

बीन्स एक ऐसी सब्जी है जो पोषक तत्वों से लैस होती है। बीन्स का प्रयोग रूमेटिक, आर्थराइटिस तथा मूत्र मली में समस्या की दवा बनाने के लिए किया जाता है। बीन्स में एन्टीआक्सीडेंट की मात्रा भी काफी होती है। एन्टीआक्सीडेंट शरीर में कोशिकाओं की मरम्मत के लिए अच्छा माना जाता है। बीन्स में फ्लेवोनॉइड्स के साथ-साथ केंपफ्रेरॉल और क्यूरेस्टिन होता है जो कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकती हैं। शोधो के मुताबिक सप्ताह में तीन से चार बार बीन्स का सेवन महिलाओं को स्तन कैंसर की समस्या से बचाता है। लेकिन बीन्स को पकाते वक्त हम उसे इतना पका देते हैं कि इसके सारे पोषक तत्व निकल जाते हैं।  इसे कितने तापमान में पकाना सही होगा, जानें इस लेख में।

कैसे होता है इसका इस्तेमाल

अमेरिकन, मेक्सिकन, चाइनीज़, जापानी, उत्तरी व दक्षिणी भारतीय और यूरोपियन डिशेज़ में फ्रेंच बीन्स का इस्तेमाल सामान्य रूप से ज्य़ादा देखने को मिलेगा। सैलेड, स्टार्टर्स और सूप से लेकर बर्गर-टिक्की तक, हर जगह बीन्स किसी न किसी रूप में मिल जाएंगी। सूखी व हरी, दोनों ही तरह की बीन्स भोजन का एक आवश्यक अंग हैं। इन्हें अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें। इसके अलावा इनका इस्तेमाल होम्योपैथी दवाओं में भी किया जाता है।

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स्टीम करने की विधि

एक पैन में पानी गर्म कर उसमें नमक डालें। फ्रेंच बीन्स को धोकर पानी में डालें और ढककर करीब 3-5 मिनट तक पकाएं। अब पानी को छान लें। बीन्स का हरा रंग बरकरार रखने के लिए इसे बर्फ के पानी में डिप करके पेपर टॉवल पर सुखाएं। इसे हरी सब्जि़यों वाले सैलेड के साथ सर्व करें या पास्ता के साथ मिलाएं। बेसन के घोल में डिप कर डीप फ्राई भी कर सकते हैं या स्टीम की हुई बीन्स को सूप में डालकर परोसा जा सकता है।

सॉते की विधि

फ्रेंच बीन्स को छोटे क्यूब्स में काटकर पैन में ऑलिव ऑयल या बटर डालकर सॉते करें। सर्व करने के लिए इसमें अब नमक और काली मिर्च पाउडर मिलाकर दोबारा सॉते करें, जिससे लाजवाब सैलेड बनेगा। सॉते की हुई बीन्स को पुलाव, बिरयानी या दूसरी सब्जि़यों में मिलाकर इसका ज़ायका बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा इसे परांठे या प्लेन चपाती के साथ पुदीने की चटनी के साथ खाएं, इससे आपको नया फ्स्वाद चखने को मिलेगा।

ग्रिलिंग की विधि

ग्रिलिंग की विधि ग्रिल पैन को हलका गर्म करें। इसमें बीन्स को 2- 5 मिनट तक ग्रिल करें। ध्यान रखें, दूसरी तरफ से भी इसी समय सीमा में ग्रिल करना है। ग्रिल की हुई बीन्स में थोड़ा सा ऑलिव ऑयल डालकर नमक से सीज़निंग करें। इसे दूसरी सब्जि़यों में मिलाकर ऐसे ही सर्व करें।

गुरुग्राम की न्यूट्रिशनिस्ट निवेदिता सिंह के मुताबिक, फ्रेंच बीन्स में फोलेट की मात्रा अधिक होती है इसलिए गर्भावस्था में इसका सेवन लाभदायक है। यह 2 से 5 मिनट में पकने वाली सब्ज़ी है। इसे रूम टेम्प्रेचर पर रखना सही है। इनका इस्तेमाल सैलेड, सूप, पास्ता या सब्ज़ी बनाने में करें। कुछ लोगों को इस तरह से पकाई गई सब्ज़ी कच्ची लगती है लेकिन इससे ज्य़ादा पकाने पर इसके सारे पौष्टिक तत्व निकल जाते हैं। इन्हें ऊपर दिए हुए तरीकों से ही बनाएं, ताकि आपको बीन्स में मौज़ूद सारे पोषक तत्व मिल सकें।

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