
एस्प्रिन को हार्ट अटैक और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से बचाने वाली दवा के रूप में जाना जाता है। लेकिन, एक ताजा रिपोर्ट इसके ठीक उलट तस्वीर पेश कर रहा है। एस्प्रिन के नफे नुकसानों पर जांच करने के बाद स्वस्थ लोगों के लिए डॉक्टर एस्प्रिन के सेवन को लाभकारी नहीं पाया गया है।
इस बात पर काफी बहस हो चुकी है कि पचास वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों को कम मात्रा में एस्प्रिन का सेवन करना चाहिए अथवा नहीं। ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा यानी एनएचएस की शोध शाखा का कहना है कि इस दवा के सेवन से मस्तिष्क और पेट में रक्त स्राव की शिकायत हो सकती है।
कुल मिलाकर इस रिव्यू ने लोगों को तब तक इस दवा का सेवन न करने की हिदायत दी है, जब तक इसके बारे में अधिक साक्ष्य सामने न जाएं। दिल के मरीजों को एस्प्रिन खाने की सलाह इसलिए दी जाती है, क्योंकि रक्त को कम गाढ़ा बनाती है, जिससे रक्तवाहिनियों में रक्त के थक्के बनने कम हो जाते हैं। कुछ शोधों में यह बात भी सामने आयी है कि एस्प्रिन कुछ विशेष प्रकार के कैंसर के खतरे को भी कम करती है।
लेकिन, इस दवा का फायदा ही इसका नुकसान बन सकता है। क्योंकि यह दवा रक्त को पतला कर देती है, तो इससे शरीर में कई समस्यायें हो सकती हैं। जिन लोगों को हृदयाघात और स्ट्रोक का खतरा होता है, उन्हें एस्प्रिन लेने के बाद कैंसर अथवा रक्त स्राव का खतरा बढ़ने लगता है। इस दौरान इस दवा के किसी अन्य लाभ के साक्ष्य सामने नहीं आए। शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी तक यही माना जाता था कि एस्प्रिन लेने से कैंसर का खतरा कम होता है, लेकिन इस दौरान ऐसे किसी बात के साक्ष्य सामने नहीं आए।
एस्प्रिन हृदय रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होती है, लेकिन स्वस्थ लोगों के लिए नहीं। दरअसल, अगर सेहतमंद लोग रोजाना एस्प्रिन का सेवन करें तो उन्हें इसके लाभ कम और नुकसान अधिक होंगे।
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