सावधान, गुस्सा दे सकता है आपको हार्ट अटैक

पिछले अध्ययनों पर किये एक एक नए मेटा विश्लेषण से पता चलता है, कि जिन लोगों को बहुत ज्यादा गुस्सा आता है, उन्हें अगले दो घंटे के समय में दिल के दौरे, स्ट्रोक और अन्य हृदय की समस्याओं के होने का बहुत जोखिम होता है।
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सावधान, गुस्सा दे सकता है आपको हार्ट अटैक


हम बचपन से ही सुनते आ रहे हैं कि गुस्सा बहुत बुरी चीज़ है। लेकिन अब ये बात आपको शायद बेहतर समझ आएगी, क्योंकि शोध बनाते हैं कि बहुत ज्यादा गुस्सा आपको हार्ट अटैक दे सकता है। जीहां, पिछले अध्ययनों पर किये एक एक नए मेटा विश्लेषण से पता चलता है, कि जिन लोगों को बहुत ज्यादा गुस्सा आता है, उन्हें अगले दो घंटे के समय में दिल के दौरे, स्ट्रोक और अन्य हृदय की समस्याओं के होने का बहुत जोखिम होता है। चलिये इस विषय पर हुए शोध और इससे जुड़े पहलुओं पर विस्तार से बात करते हैं।


क्रोध हमारी निर्णय लेने की क्षमता को न केवल कमजोर करता है, बल्कि लगातार गुस्सा करने से यह क्षमता समाप्त भी हो सकती है। गुस्से से कार्यक्षमता प्रभावित होती है और करियर व रिश्तों पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। वे लोग जो अपने गुस्से को प्रकट नहीं कर पाते और मन में ही दबा कर रख लेते हैं, वे ज्यादा चिड़चिड़े हो जाते हैं। उनमें शारीरिक और मानसिक बीमारियां होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि गुस्से का दिल पर काफी बुरा असर पड़ सकता है और इससे अचानक मौत भी हो सकती है। तो इस बार जब सड़क पर भारी यातायात के बीच जब कोई आपकी गाड़ी को टक्कर मार दे तो गुस्से में उत्तेजित होने से पहले थोड़ा रूक कर सोचिए कि क्या ऐसा करना ठीक होगा!

Anger & Heart Attack in Hindi

 

शोध के परिणाम

एक नए शोध में यह बात सामने आयी कि क्रोध दिल में त्वरित बदलाव लाता है और अचानक दिल के दौरे का कारण भी बन सकता है। यह जानकारी अमेरिकन कालेज ऑफ कार्डियोलोजी के जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में दी गयी। शोध टीम प्रमुख याले यूनिवर्सिटी की राशेल लैम्पर्ट ने इस संदर्भ में कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण शोध है, क्योंकि अभी तक हमने अभी ये समझना आरम्भ किया है कि किस प्रकार गुस्सा व अन्य प्रकार के मानसिक तनाव दिल की कार्यप्रणाली में अचानक घातक बदलाव लाते हैं।


इस शोध में शोधकर्ताओं ने 62 ऐसे मरीजों का अध्ययन किया जिन्हें कोरोनरी आर्टरी बीमारी थी व जिन लोगों कि मानसिक तनाव की स्थिति में परीक्षण किया गया था। राशेललाम्पर्ट ने यह भी बताया कि अभी इस दिशा में और शोध किए जाने की आवश्यकता है, लेकिन इस शोध के आंकड़े बताते हैं कि दिल के मरीजों को यदि उनका गुस्सा नियंत्रित करने का प्रशिक्षण दिया जाए तो कुछ मरीजों में अचानक पड़ने वाले दिल के दौरे को रोका या कम किया जा सकता है।

 

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गुस्सा अनुवांशिक भी हो सकता है

देखा गया है कि कुछ लोगों को गुस्सा बहुत ज्यादा आता है। आमतौर पर ऐसे गुस्से के दो बड़े कारण, अनुवांशिक या फिर शारीरिक संरचना हो सकते हैं। बहुत सारे बच्चे ऐसे होते हैं, जो जन्म से ही चिड़चिड़े होते हैं। शोधों से मालूम चला है कि पारिवारिक पृष्ठभूमि भी गुस्से वाला स्वभाव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा करती है। ऐसे लोग जिनके परिवार के लोग अवरूद्घ मानसिकता, परिस्थितियों को उलझाने वाले और भावनात्मक संवाद में कमजोर होते हैं, वे बड़ी जल्दी क्रोधित हो जाते हैं। हालांकि गुस्सा आने के कई और कारण भी हो सकते हैं।

कैसे पा सकते हैं काबू

आमतौर पर स्वस्थ्य खान-पान, योग और बेहतर लोगों में उठ-बैठ से गुस्सा आने की समस्या को कम किया जा सकता है। लेकिन गुस्से के इलाज के लिए कुछ फिजियोलॉजिकल टेस्ट भी होते हैं। इन फिजियोलॉजिकल टेस्ट से गुस्से की तीव्रता को मापा जा सकता है। इस प्रकार जांच से मालूम चलता है कि व्यक्ति गुस्से के प्रति कितना संवेदनशील है और इस पर काबू कैसे पाता है। यदि गुस्सा आपे से बाहर है तो ऐसे में मनोवैज्ञानिक की मदद लेनी चाहिए। मनोवैज्ञानिक आपको इस पर काबू पाने के तरीके बता सकते हैं। आमतौर पर मनोवैज्ञानिक गुस्से की स्थिति और सीमा का पता लगा कर आपकी सहायता करते हैं।



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