अंजलि मुद्रा को नमस्ते मुद्रा भी कहा जाता है। यह केवल अभिवादन का तरीका नहीं बल्कि शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी योग मुद्रा है।
एक्सपर्ट की राय
इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के रवींद्र योगा क्लीनिक की योगा एक्सपर्ट डॉ प्रिया श्रीवास्तव से बात की।
अंजलि मुद्रा
रोज अंजलि मुद्रा करने से शरीर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है और मन शांत रहता है, जिससे गुस्सा और चिड़चिड़ापन कम हो जाता है।
ब्लड सर्कुलेशन में सुधार
इस मुद्रा से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है और दिल की धड़कन सामान्य बनी रहती है, जिससे मानसिक तनाव कम होता है।
अंजलि मुद्रा करने का तरीका
जब दोनों हाथों को जोड़ते हैं, तो हथेलियों पर एक्यूप्रेशर बनता है। इससे आंखों, कानों और मस्तिष्क की कार्यक्षमता बेहतर होती है।
एकाग्रता बढ़ना
अंजलि मुद्रा ध्यान और मेडिटेशन के दौरान मन को केंद्रित रखने में मदद करती है। इससे एकाग्रता बढ़ती है और एंग्जाइटी कम होती है।
बॉडी पॉश्चर में सुधार
यह मुद्रा बॉडी पॉश्चर को सुधारने में सहायक होती है, जिससे रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है और पीठ के दर्द की समस्या से राहत मिलती है।
फेफड़े मजबूत होना
डीप ब्रीदिंग के साथ अंजलि मुद्रा करने से फेफड़े मजबूत होते हैं और श्वसन तंत्र की क्षमता बेहतर होती है, जिससे सांस संबंधी दिक्कतें कम होती हैं।
नियमित रूप से नमस्ते करने से स्मरण शक्ति मजबूत होती है और मानसिक स्पष्टता बढ़ती है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com