गोमुखासन एक प्रभावशाली योग मुद्रा है, जो शरीर को लचीला और मजबूत बनाती है। इसके नियमित अभ्यास से स्वास्थ्य को कई तरह के फायदे मिलते हैं। तो चलिए जानते हैं गोमुखासन करने का सही तरीका और फायदे।
गोमुखासन करने का तरीका
गोमुखासन करते समय बैठने का तरीका और हाथों की पोजीशन गाय के मुख जैसी बनती है, इसलिए इसे गोमुखासन कहा जाता है। यह दिखने में भी सुंदर मुद्रा होती है।
गोमुखासन योग के फायदे
जिन लोगों को पीठ दर्द, कमर दर्द या कंधे में जकड़न की समस्या रहती है, उनके लिए यह आसन बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन इसे सही ढंग से करना जरूरी होता है।
फेफड़ों की क्षमता बेहतर होती है
गोमुखासन के अभ्यास से श्वसन तंत्र (रेस्पिरेटरीू सिस्टम) को मजबूती मिलती है, जिससे अस्थमा जैसी सांस से जुड़ी समस्याओं में राहत मिल सकती है और फेफड़ों की क्षमता बेहतर होती है।
लिवर-किडनी की कार्यक्षमता में सुधार
इस योगासन से लिवर और किडनी की कार्यक्षमता बेहतर होती है और डायबिटीज के मरीजों को भी कुछ हद तक फायदा मिल सकता है, अगर इसे नियमित रूप से किया जाए।
पैरों की मजबूती बढ़ती है
इस आसन को करने से पैर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और ऐंठन की समस्या में आराम मिलता है, जिससे पैरों में मजबूती और सहनशक्ति बढ़ती है।
बढ़ाएं फोकस
गोमुखासन करने से मन शांत रहता है, तनाव कम होता है और मानसिक एकाग्रता में सुधार होता है, जिससे दिनभर के काम में फोकस बना रहता है।
जरूरी टिप्स
इस आसन को खाली पेट सुबह के समय करना सबसे अच्छा माना जाता है। इसे दोनों हाथों की ओर से बारी-बारी से करना चाहिए ताकि संतुलन बना रहे। अगर किसी को पीठ, कंधे, गर्दन या घुटनों में पहले से दर्द हो, तो इस योगासन को करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे चोट लगने का खतरा रहता है।
पहली बार गोमुखासन करते समय योग प्रशिक्षक की देखरेख में करना बेहतर होता है, ताकि आसन की सही तकनीक सीखी जा सके और शरीर को किसी प्रकार की चोट न पहुंचे। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com