शरीर के 7 चक्रों को जगाने के लिए क्या करें?

By Himadri Singh Hada
20 Feb 2025, 10:30 IST

चक्र योग शरीर के सात चक्रों को एक्टिव करने के लिए किया जाता है, जिससे एनर्जी फ्लो बैलेंस में रहता है। इससे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।

एक्सपर्ट की राय

इसके बारे में रैफ, सीआरपीएफ व सेना के जवानों को योग प्रशिक्षण दे चुके व स्वामी रामदेव से दीक्षा प्राप्त कर चुके योग प्रशिक्षक व जमशेदपुर के बिरसानगर निवासी मगल लाल शर्मा ने विस्तार से बताया।

मूलाधार चक्र

मूलाधार चक्र को संतुलित करने के लिए पर्वतासन, कोणासन और वीरासन जैसे योग किए जाते हैं, जिससे शरीर की स्थिरता और आत्मविश्वास बढ़ता है।

स्वादिष्ठान चक्र

स्वादिष्ठान चक्र को संतुलित करने से आत्मग्लानि और चिड़चिड़ेपन जैसी समस्याएं कम होती हैं। साथ ही, सृजनात्मकता और उत्साह में वृद्धि होती है।

मणिपुर चक्र

मणिपुर चक्र नाभि क्षेत्र में स्थित होता है। इसे सक्रिय करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है तथा डायबिटीज और गैस्ट्रिक समस्याओं में राहत मिलती है।

अनाहत चक्र

अनाहत चक्र हृदय क्षेत्र में होता है। इसे संतुलित करने के लिए अनुलोम-विलोम और भुजंगासन किया जाता है, जिससे प्रेम, करुणा और क्षमा की भावना बढ़ती है।

विशुद्धि चक्र

विशुद्धि चक्र गले में स्थित होता है। इसे संतुलित करने से विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने की क्षमता बढ़ती है और निर्णय लेने की योग्यता मजबूत होती है।

आज्ञा चक्र

आज्ञा चक्र भौहों के मध्य स्थित होता है। इसे सक्रिय करने से मानसिक स्पष्टता, अंतर्ज्ञान और आत्म-जागरूकता बढ़ती है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है।

सहस्रार चक्र

सहस्रार चक्र सिर के शीर्ष पर स्थित होता है। इसे संतुलित करने से आत्मिक शांति, आध्यात्मिक ज्ञान और गहरी ध्यान अवस्था प्राप्त होती है।

नियमित रूप से योग चक्रों को संतुलित करने से शरीर और मन के बीच सामंजस्य बना रहता है, जिससे जीवन में संतुलन और सकारात्मकता बनी रहती है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com