भुजंगासन योग का एक महत्वपूर्ण आसन है, जिसे कोबरा पोज भी कहा जाता है। इसे करना काफी आसान है लेकिन कितनी देर तक करना चाहिए? आइए Annals of Internal Medicine (2017) की स्टडी से जानते हैं।
भुजंगासन करने का सही समय
सुबह खाली पेट भुजंगासन करना सबसे फायदेमंद होता है। इसे खाने के 4-5 घंटे बाद भी किया जा सकता है। सुबह करने से दिनभर शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।
भुजंगासन कितनी देर करें?
शुरुआती लोग इसे 10-15 सेकंड तक करें। अभ्यास बढ़ने पर 30-60 सेकंड तक किया जा सकता है। अनुभवी योगी इसे 1-2 मिनट तक कर सकते हैं।
भुजंगासन के फायदे
यह रीढ़ को मजबूत बनाता है, कमर दर्द में राहत देता है, पाचन को सुधारता है और मानसिक तनाव को कम करता है। इसे करने से शरीर ज्यादा लचीला बनता है।
सही तरीका क्या है?
पेट के बल लेटकर हथेलियों को कंधों के पास रखें। सांस लेते हुए छाती को ऊपर उठाएं, गर्दन पीछे करें और कुछ सेकंड होल्ड करके धीरे-धीरे वापस आएं।
किन्हें सावधानी रखनी चाहिए?
गर्भवती महिलाओं, पीठ दर्द, हर्निया और पेट की सर्जरी करा चुके लोगों को यह आसन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। सावधानी बरतना जरूरी है।
कब न करें भुजंगासन?
अगर कमर में तेज दर्द है, हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी या अस्थमा की समस्या है तो यह आसन न करें। थकान या कमजोरी महसूस होने पर भी इसे न करें।
बेहतर परिणाम कैसे पाएं?
इसे रोजाना करें और अन्य योगासन जैसे अधोमुख स्वानासन और भस्त्रिका प्राणायाम के साथ मिलाएं। सांसों पर ध्यान देकर करने से ज्यादा लाभ मिलेगा।
भुजंगासन रीढ़ को लचीला बनाकर मानसिक तनाव कम करता है। इसे सही समय और सही तरीके से करने से ज्यादा लाभ मिलता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com